Mission Bhashini  क्या है ? ये कैसे काम करेगा?

इंटरनेट पर सामग्री की भाषा की बात करें तो अंग्रेज़ी विश्व की प्रमुख भाषा है। 54 प्रतिशत से अधिक वेबसाइटें अंग्रेज़ी में हैं, जबकि केवल 18 प्रतिशत लोग ही अंग्रेज़ी बोलते हैं। इसके विपरीत, हिंदी जो विश्व की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है और भारत की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है, वेबसाइटों की सामग्री भाषाओं में शीर्ष 20 में भी नहीं है। केवल 0.1 प्रतिशत वेबसाइटें हिंदी में हैं।






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क्या आप जानते हैं?


भारत में 22 प्रमुख भाषाएँ हैं जिन्हें संविधान की आठवीं अनुसूची में मान्यता प्राप्त है। विद्यालयों में पढ़ाई जाने वाली भाषाओं के आधार पर यह संख्या 69 से 72 के बीच है। रेडियो नेटवर्क पर चलने वाली भाषाओं और बोलियों को मिलाकर यह संख्या 146 है। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 1,369 मातृभाषाएँ हैं।

भारत की भाषाई विविधता को इस तथ्य के साथ मिलाकर देखें कि देश के लगभग 70 प्रतिशत लोग अभी भी अंग्रेज़ी को ठीक से नहीं बोल पाते और समझ पाते, तो भारत की कई भाषाओं को समेटने वाला इंटरनेट बनाने की मजबूत आवश्यकता सामने आती है।

इस भाषाई बाधा को देखते हुए भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने Mission Bhashini शुरू किया है। भाषिणी का पूरा नाम भाषा इंटरफ़ेस फ़ॉर इंडिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण 2021-22 में इसे राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन के नाम से पेश किया था।

जुलाई 2022 में, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने विविध भारतीय भाषाओं के बीच भाषाई बाधाओं को दूर करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय भाषा प्रौद्योगिकी मिशन, जिसे भाषिनी के नाम से जाना जाता है, का उद्घाटन किया।

भाषिणी का मुख्य उद्देश्य भारत की भाषाओं के बीच अनुवाद को सक्षम बनाना है। इसके लिए प्रमुख तकनीकें जैसे ऑटोमैटिक स्पीच रिकग्निशन, ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन, नैचुरल लैंग्वेज अंडरस्टैंडिंग, मशीन ट्रांसलेशन और टेक्स्ट-टू-स्पीच का उपयोग किया जा रहा है।

Bhashini के तहत विकसित AI आधारित टूल्स और तकनीकों का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जा रहा है। इनमें से कुछ प्रमुख उदाहरण इस प्रकार हैं:

  • सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्टों में अनुवाद के लिए ‘अनुवाद’ टूल का उपयोग
  • राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) में शैक्षणिक सामग्री का अनुवाद
  • यूनिक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) में भाषिणी का उपयोग कर आधार सेवाओं को बोलकर प्राप्त करना
  • रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के साथ वॉइस-बेस्ड बैंकिंग
  • ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स के साथ वॉइस-बेस्ड रिटेल
  • ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म को बहुभाषी बनाना

इस प्रकार भाषिणी मिशन भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से स्थानीय भाषाओं के लिए इंटरनेट विकसित करने की दिशा में काम कर रहा है। यह ज्ञान और सूचना को सभी के लिए सुलभ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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