नैनोटेक्नोलॉजी क्या है What Is Nanotechnology In Hindi 2024

What Is Nanotechnology In Hindi : आज का युग है टेक्नोलॉजी का युग यहां नए – नए आविष्कार होते रहते हैं जिससे हमारी रोजमर्रा की जिंदगी को काफी आसान बनाया जा सके आपने बहुत सी टेक्नोलॉजी के बारे में सुना होगा किन्तु आज मैं आपको नैनोटेक्नोलॉजी के बारे में बताऊंगा |






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क्या आप जानते हैं?


यह काफी पुरानी टेक्नोलॉजी है किन्तु अभी इसे और भी विकसित किया जा रहा है एवं यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसका उपयोग हर उद्योग के क्षेत्रों में किया जा रहा है यहां तक की आप इसमें अपना करियर भी बना सकते हैं यह काफी छोटी टेक्नोलॉजी है जिससे इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों की ऊर्जा खपत कम और लाइफ ज्यादा होगी |

आज मैं आपको इस आर्टिकल में बताऊंगा की “नैनोटेक्नोलॉजी क्या है What Is Nanotechnology”, इसका इतिहास क्या है, इसके क्या फायदे और नुकसान हैं, किन – किन क्षेत्रों में इसका उपयोग किया जा रहा है और आप इसमें एक बेहतर करियर कैसे बना सकते हैं इत्यादि इन सारे टॉपिक्स को मैं इस आर्टिकल में कवर करने वाला हूँ तो इस पुरे लेख को अंतिम तक अवश्य पढ़ें |

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Table of Contents

नैनोटेक्नोलॉजी क्या है What Is Nanotechnology

नैनोटेक्नोलॉजी एक पदार्थ है जो ग्रीक भाषा से लिया गया एक शब्द है जिसका मतलब सूक्ष्म या बौना होता है यानी की यह काफी छोटा पदार्थ है, इसे हम इस प्रकार से समझ सकते हैं की एक नैनोटेक्नोलॉजी एक नैनोमीटर का एक अरबवां हिस्सा है इससे आप यह अंदाजा लगा सकते हैं की यह कितना छोटा है |

नैनोटेक्नोलॉजी विज्ञान और प्रौद्योगिकी का एक क्षेत्र है जो पदार्थों को हेरफेर करके उपयोग किया जाता है इसके अतिरिक्त नैनोटेक्नोलॉजी जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एक बहुत बड़ी श्रृंखला है जिसकी स्टडी करके टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में इसका विकास किया जा रहा है, आज नैनोटेक्नोलॉजी का उपयोग काफी अधिक किया जा रहा है |

आइये सरल शब्दों में नैनोटेक्नोलॉजी को समझते हैं, तो यहां दो शब्दों से मिलकर बना है नैनो + टेक्नोलॉजी | अतः नैनो का मतलब अत्यधिक छोटा और टेक्नोलॉजी का मतलब प्रौद्योगिकी यानि की छोटे – छोटे पार्टिकल्स को मिलाकर बनाये गए पदार्थ जिसका उपयोग हर क्षेत्रों में किया जा रहा है |

नैनोटेक्नोलॉजी का इतिहास History Of Nanotechnology

नैनोटेक्नोलॉजी यह कोई नयी टेक्नोलॉजी नहीं है यह टेक्नोलॉजी बहुत पहले ही हमारे बीच आ गयी थी किन्तु टेक्नोलॉजी इतनी अधिक विकसित नहीं होने के कारण इस पर विकास होता गया और जैसे – जैसे टेक्नोलॉजी विकसित होती गयी इसका भी विकास किया जाने लगा और आज इस टेक्नोलॉजी का उपयोग काफी अधिक किया जा रहा है |

बात करते हैं इस टेक्नोलॉजी के आविष्कार की तो सबसे पहले इसका आविष्कार 1959 में एक “भौतिकशास्त्री रिचर्ड फेनमैन” ने किया था जब उन्होंने कैलिफोर्निया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में भौतिक सोसाइटी की मीटिंग के दौरान उन्होंने एक व्याख्यान में कहा था की “There’s Plenty of Room at the Bottom” उसके बाद से ही नैनोटेक्नोलॉजी का आधार बन गया |

उसके बाद 1981 में “स्कैनिंग टनलिंग माइक्रोस्कोप” के अविष्कार के बाद “नोरियो तानिगुची” ने इस टेक्नोलॉजी की शुरुआत की जिसके बाद इसमें बहुत रिसर्च किये गए और आज यह टेक्नोलॉजी हमारे रोजमर्रा का एक हिस्सा बन गया है |

नैनोटेक्नोलॉजी का उपयोग Used Of Nanotechnology

नैनोटेक्नोलॉजी का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जा रहा है जैसे – इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्रों में, भोजन और कृषि के क्षेत्रों में, चिकित्सा के क्षेत्रों में, कपड़ा और वस्त्र के क्षेत्रों में इत्यादि | आइये अब हम आगे यह समझते हैं की सभी क्षेत्रों में इस टेक्नोलॉजी का उपयोग कैसे किया जा रहा है |

1. इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटिंग:

नैनोटेक्नोलॉजी का इलेक्ट्रॉनिक और कंप्यूटिंग के क्षेत्र में अत्यधिक विकास किया गया है जिससे जितने भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज हैं उनका उपयोग करना काफी आसान हो जाए और तेज, छोटे एवं अधिक कुशलता से उपकरणों का उपयोग किया जा सके | अतः नीचे कुछ तरीके दिए गए हैं जिससे नैनोटेक्नोलॉजी इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कंप्यूटिंग के क्षेत्र में विकास किया गया है:-

ट्रांजिस्टर और कैपेसिटर का उपयोग – इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में मुख्य रूप से मोबाइल में ट्रांजिस्टर और कैपेसिटर जैसे छोटे उपकरण में नैनोटेक्नोलॉजी के उपयोग से बहुत ही अत्यधिक फायदा हुआ है |

मोबाइल में उपयोग की जाने वाली प्रोसेसर जो कि नैनोमीटर से बनते हैं और यह जितने ज्यादा छोटे होते हैं प्रोसेसर उतना ही अधिक शक्तिशाली एवं वजन में हल्का होता है वहीं कैपेसिटर से मेमोरी डिवाइस लगातार छोटे हो रहे हैं जिससे इलेक्ट्रॉनिक्स अत्यधिक ऊर्जा कुशल बन गए हैं |

क्वांटम डॉट्स – क्वांटम डॉट्स एक नैनोस्केल सेमीकंडक्टर है इसका उपयोग मुख्य रूप से क्वांटम एलईडी एवं क्वांटम एलसीडी स्क्रीन में किया जाता है नैनोटेक्नोलॉजी के उपयोग से डिस्प्ले स्क्रीन में अधिक चमक और रंग को बढ़ाता है जिसकी वजह से टीवी, मॉनिटर और मोबाइल जैसे सभी उपकरण बेहतर प्रदर्शन करते हैं |

नैनोवायर और नैनोट्यूब – इलेक्ट्रॉनिक्स में नैनोवायर और नैनोट्यूब यह काफी छोटी संरचनाएं होती हैं और यह उच्च दक्षता के साथ बिजली का संचालन कर सकते हैं अतः इन संरचनाओं का विभिन्न अनुप्रयोगों में उपयोग किया जाता है जैसे इंटरकनेक्ट, सेंसर और नैनोस्केल ट्रांजिस्टर इत्यादि इन संरचनाओं की मदद से डिवाइस काफी तेज और बेहतर प्रदर्शन के लिए सक्षम होती है |

2. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा:

नैनोटेक्नोलॉजी का उपयोग चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत ही पहले से उपयोग किया जा रहा है जिससे रोगों की रोकथाम, उपचार और उसका निदान सटीक तरीके से किया जा सके तो आइए जानते हैं कि नैनोटेक्नोलॉजी का उपयोग चिकित्सा के क्षेत्रों में किन – किन रूपों से किया जा रहा है:-

कैंसर के इलाज के लिए – नैनोटेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में कैंसर के इलाज के लिए इस टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहे हैं शोधकर्ता अलग-अलग उपचारों पर काम कर रहे हैं जहां एक नैनोकण सीधे कैंसर कोशिकाओं तक दवा को पहुंचाने में मदद कर रहे हैं और दूसरी कीमोथेरेपी जैसे उपचारों की प्रभावशीलता को बढ़ाने और दुष्प्रभावों को कम करने में मदद कर रहे हैं |

टीकों में सुधार – नैनोमेडिसिन के शोधकर्ता नैनोटेक्नोलॉजी का उपयोग टीका सुधार करने में कर रहे हैं और इसमें नैनोकणों का उपयोग किया जा रहा है जिससे एंटीजन (प्रोटीन या अणु) को पहुंचाया जा सके और सुइयों के उपयोग के बिना ही टीका लगाया जा सके | अतः इस अणु (एंटीजन) के दृष्टिकोण से अधिक प्रभावी टीके बन सकते हैं और इसके साथ ही बूस्टर शॉट्स की संख्या को भी कम किया जा सकता है |

पुनर्योजी चिकित्सा – पुनर्योजी चिकित्सा में नैनोटेक्नोलॉजी का उपयोग कोशिकाओं के प्राकृतिक वातावरण के साथ नैनो मचान और मेट्रिक्स जैसी संरचनाओं को बनाना शामिल है जिससे शोधकर्ता मानव अंगों को एक ही दिन में जटिल उत्तकों को विकसित कर पाने में सक्षम हो सकें |

अतः ये संरचनाएं कोशिकाओं की वृद्धि और उत्तकों के पुनर्जनन को निर्देशित करती है इसके साथ ही यह क्षतिग्रस्त उत्तकों और अंगों को मरम्मत करने में सहायता प्रदान करती है जिससे मनुष्यों के मानसिक और शारीरिक रूप से स्वास्थ्य को सुधारा जा सके |

अन्य अनुप्रयोग – इसके अतिरिक्त नैनोटेक्नोलॉजी का उपयोग चिकित्सा के क्षेत्र में और भी किया जा रहा है जैसे – दवा वितरण में, डायग्नोस्टिक उपकरण बनाने के लिए नैनोस्केल सामग्री का उपयोग किया जाना, इमेजिंग में इसका उपयोग किया जाता है जिससे रोगों का पहले से ही और अधिक सटीक पता लगाना संभव हो सके इत्यादि |

3. कपड़ा और वस्त्र:

नैनोटेक्नोलॉजी का उपयोग कपड़ा एवं वस्त्र के क्षेत्रों में भी किया जाता है जिससे लोगों को एक आरामदायक वस्त्र एवं सफाई करने में सुविधा हो सके तो अब हम यह समझते हैं की कपड़ा एवं वस्त्र में नैनोटेक्नोलॉजी का उपयोग किस प्रकार से किया जा रहा है:-

कपड़ों को दाग प्रतिरोधी बनाना – कपड़ों को दाग प्रतिरोधी बनाने के लिए नैनोकोटिंग को लगाया जाता है जिससे कपड़ों से तरल पदार्थ और दाग को दूर किया जा सके |

बैक्टीरिया एवं सूक्ष्मजीवों को रोकने के लिए – कपड़ों को रोगाणुरोधी बनाने मतलब बैक्टीरिया, कवक एवं सूक्ष्मजीवों इत्यादि को रोकने के लिए नैनोस्केल को शामिल किया जाता है | अतः उन कपड़ों को रोगाणुरोधी बनाया जाता है जहां ऐसे कपड़ों की आवश्यकता होती है जैसे – मेडिकल एवं एथलेटिक परिधान में इत्यादि |

कपड़ों को नमी प्रबंधन बनाना – नैनोटेक्नोलॉजी कपड़ों में नमी सोखने वाली वस्त्रों का निर्माण कर रही है जिससे शरीर में पसीनों को सोखा जा सकता है और उसे जल्द ही जल्द वाष्पित किया जा सकता है |

अन्य अनुप्रयोग – इसके अतिरिक्त कपड़ों को युवी संरक्षण प्रदान करने में नैनोटेक्नोलॉजी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है जैसे – नैनोकण कपड़ों को युवी अवरोधक गुण प्रदान करती है जिससे सूर्य से निकलने वाली हानिकारक पराबैंगनी विकिरण से कपड़ों को सुरक्षा प्रदान हो सके, कपड़ों को खरोंच प्रतिरोधी बनाने के लिए नैनोकोटिंग का उपयोग करना इत्यादि |

4. खाद्य एवं कृषि:

नैनोटेक्नोलॉजी खाद्य एवं कृषि में मुख्य भूमिका निभा रही है जिससे खाद्य को लम्बे समय तक स्टोर किया जा सके और बर्बादी होने से बचाया जा सके वहीं दूसरी ओर कृषि उद्योग में बेहतर खाद का उपयोग करके फसल अधिक उपजाऊ बनाया जा सके आइये इसके अनुप्रयोगों के बारे में समझते हैं:-

खाद्य की पैकेजिंग – नैनोटेक्नोलॉजी उन्नत अवरोध गुणों वाली सामग्री बनाकर खाद्य की पैकेजिंग को लम्बे समय तक चलाया जा सकता है इसके साथ ही नैनोमैटेरियल का उपयोग भी किया जा रहा है जिससे भोजन में ताजगी बरकरार रहे |

फसल में वृद्धि – नैनोमैटेरियल्स के उपयोग से फसल की पैदावार में वृद्धि हो सकती है इसके अतिरिक्त पौधों को कीटों, बीमारियों और पर्यावरणीय तनावों से भी बचाया जा सकता है |

अन्य अनुप्रयोग – इसके अतिरिक्त खाद्य एवं कृषि में नैनोटेक्नोलॉजी की मुख्य भूमिका है जैसे – खाद्य सुरक्षा, बेहतर स्वाद और बनावट, कीटनाशक और उर्वरक वितरण, मृदा उपचार इत्यादि |

नैनोटेक्नोलॉजी के फायदे Advantages Of Nanotechnology

नैनोटेक्नोलॉजी के बहुत सारे फायदे हैं जिससे इनका उपयोग हर क्षेत्रों में किया जा रहा है और भविष्य में इसे और भी विकसित किया जाएगा जिससे लोगों को और कई सुविधा प्राप्त हो सके तो आइए इसके कुछ महत्वपूर्ण फायदों के बारे में समझते हैं:-

  • इलेक्ट्रॉनिक सामानों में काफी महत्वपूर्ण बदलाव आया है आज हम जितने भी इलेक्ट्रॉनिक सामानों का उपयोग करते हैं उनमें नैनोटेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है इसके अतिरिक्त जितने भी जटिल सर्किटरी चिप हैं उन्हें पोर्टेबल बना दिया गया है जिससे किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जा सके |
  • फूड और पैकेजिंग के उद्योग में नैनोटेक्नोलॉजी मुख्य भूमिका निभा रही है जिससे ताजगी बरकरार रहे और सामानों के खराब होने से बचा जा सके |
  • नैनोटेक्नोलॉजी का उपयोग कैंसर जैसी जटिल बीमारियों को ठीक करने में किया जा रहा है यह एक ऐसी सूक्ष्म दवा है जिसकी मदद से हजारों कोशिकाओं के बीच कैंसर कोशिका को खोज कर उसका इलाज वहीं पर किया जा सकता है |

नैनोटेक्नोलॉजी के नुकसान Disadvantages Of Nanotechnology

नैनोटेक्नोलॉजी के फायदे के साथ – साथ इसके नुकसान भी हैं क्योंकि किसी भी टेक्नोलॉजी के लाभों के साथ – साथ उनकी हानि भी होती है तो आइये जानते हैं इसके नुकसान के बारे में:-

  • नैनोटेक्नोलॉजी का रखरखाव जोखिम भरा हो सकता है और इसके उत्पाद की लागत महंगी है जिससे इसकी पहुंच सिमित हो सकती है |
  • रोजगार में कमी आ सकती है क्योंकि विज्ञान और प्रौद्योगिकी में विकास होने के कारण मानव श्रम की आवश्यकता कम होती जा रही है |
  • नैनोटेक्नोलॉजी के विकसित होने से पर्यावरण पर इसका दुष्परिणाम हो रहा है तरह – तरह के उत्पादन जैसे – परमाणु बम से निर्मित नैनोकणों से पर्यावरण को हानि हो रही है |

नैनोटेक्नोलॉजी में करियर कैसे बनाएं How To Make A Career In Nanotechnology

नैनोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में करियर के बहुत सारे अवसर हैं जिससे आप विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में अत्याधुनिक काम कर सकते हैं तो आइये जानते हैं की नैनोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए क्या – क्या चाहिए, शिक्षा कहां से ग्रहण करें, कौन सी विषयों की पढ़ाई करनी होगी इत्यादि इन सभी के बारे में विस्तारपूर्वक समझते हैं |

1. किन – किन क्षेत्रों में है अवसर:

नैनोटेक्नोलॉजी के विषय में वभिन्न क्षेत्रों में अवसर है जैसे – इलेक्ट्रॉनिक्स (Electronics), चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा Medical and Healthcare), सामग्री विज्ञान और विनिर्माण (Materials Science and Manufacturing), कॉस्मेटिक्स (Cosmetics), कृषि (Agriculture), कपड़ा (Textiles), पर्यावरणीय निगरानी (Environmental Monitoring), अनुसंधान और विकास (Research and Development) इत्यादि |

2. कौन – कौन से कोर्स कर सकते हैं:

नैनो टेक्नोलॉजी में निम्न कोर्स कर सकते हैं जैसे:-

  • B.Sc. (Bachelor of Science) In Nanotechnology
  • M.Sc. (Master of Science) In Nanotechnology
  • BE. (Bachelor of Engineering) In Nanotechnology
  • B.Tech. (Bachelor of Technology) In Nanotechnology
  • M.Tech. (Master of Technology) In Nanotechnology
  • P.hd. (Doctor of Philosophy) In Nanotechnology

3. योग्यता क्या होनी चाहिए:

  • अगर आप नैनोटेक्नोलाजी में ग्रेजुएशन करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको 10+2 पास करना होगा |
  • अगर आप इसमें पीजी की डिग्री प्राप्त करना चाहते हैं तो ग्रेजुएशन विज्ञान विषयों के साथ कम से कम 50% अंकों से उत्तीर्ण होना होगा |
  • नैनो टेक्नोलॉजी में M.Tech करने के लिए आपको बायोटेक्नोलॉजी, बायो मेडिकल, मैटेरियल साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कंप्यूटर साइंस इन सभी विषयों में से किसी एक विषय में आपको B.Tech पूरी करनी होगी |

4. स्किल्स क्या होनी चाहिए:

नैनोटेक्नोलॉजी में करियर बनाने के लिए आपके पास कुछ प्रमुख स्किल्स होना बहुत जरूरी है जैसे:-

  • मैथ एवं साइंस के साथ बाकी विषयों में पकड़ अच्छी होनी चाहिए |
  • नयी – नयी तकनीकों को सीखने और उनमें रीसर्च करने की उत्सुकता होनी चाहिए |
  • रचनात्मक होना बेहद जरूरी है यानी कि छोटे पैमाने पर पदार्थ में हेरफेर करके उसका उपयोग करके नए तरीकों को कैसे खोजा जाए इन सभी के बारे में जानना अति आवश्यक है |
  • कम्युनिकेशन स्किल्स का होना बेहद ही जरूरी है यानी की आपके पास जटिल विचारों और निष्कर्षों को लिखित एवं मौखिक रूप से व्यक्त करने में सक्षम होना चाहिए |
  • लॉजिकल दिमाग और एकाग्रता का होना भी इस क्षेत्र में बेहद जरूरी है यह एक प्रमुख स्किल्स है |

5. प्रमुख संस्थान:

भारत में कुछ प्रमुख संस्थान हैं जहां से आप नैनोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं तो आइये जानते हैं टॉप 10 यूनिवर्सिटी के बारे में:-

1. जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च (जेएनसीएएसआर), बैंगलुरु |
2. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली |
3. एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा, उत्तर प्रदेश |
4. आईआईटी मद्रास, चेन्नई (तमिलनाडु) |
5. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे |
6. कोयंबटूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, तमिलनाडु |
7. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) रूड़की, उत्तराखंड |
8. गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (GGSIPU), नई दिल्ली |
9. जादवपुर विश्वविद्यालय, कोलकाता |
10. बिरसा प्रौद्योगिकी संस्थान (BIT), सिंदरी (धनबाद) |

Note : नैनोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में करियर बनाने के बारे में और भी अत्यधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए hindinews18 के हिंदी वेबसाइट में जाकर प्राप्त कर सकते हैं यहां पर आपको इससे सम्बंधित और भी जानकारियां सिखने और जानने को मिलेंगी |

नैनोटेक्नोलॉजी पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न FAQs On Nanotechnology

Q1. भारत में नैनोटेक्नोलॉजी के जनक कौन है?

Ans – भारत में नैनोटेक्नोलॉजी के जनक डॉ. सी.एन.आर. राव को माना जाता है, वे भारतीय रसायनिक और सामग्री विज्ञानी हैं |

Q2. नैनोटेक्नोलॉजी क्यों महत्वपूर्ण है?

Ans – नैनोटेक्नोलॉजी विज्ञान और प्रौद्योगिकी का एक बहुत ही महत्वपूर्ण भाग है इसके उपयोग से स्वास्थ्य को और भी बेहतर बनाया जा सकता है जिससे रोगों से निदान पाया जा सके, पर्यावरण के क्षेत्र में प्रदुषण को नियंत्रित और पर्यावरण मॉनिटरिंग के लिए समाधान विकसित किये जा सकते हैं, इलेक्ट्रॉनिक्स को और भी तेजी से ऊर्जावर्धनक (ऊर्जा प्रदान करने वाला) के साथ बनाया जा सकता है जिससे कंप्यूटिंग की गति और क्षमता में वृद्धि हो सकती है। इसके अतिरिक्त इसके और भी महत्वपूर्ण उपयोग हैं जिससे हमारी रोजमर्रा में उपयोग की जाने वाली सामानों को सुविधाजनक बनाया जा सके |

Q3. नैनोटेक्नोलॉजी के प्रकार क्या हैं?

Ans – नैनोटेक्नोलॉजी के निम्न प्रकार हैं जैसे – नैनोमैटेरियल्स, नैनोमेडिसिन, नैनोइलेक्ट्रॉनिक्स, ऊर्जा में नैनोटेक्नोलॉजी, पर्यावरण में नैनोटेक्नोलॉजी, नैनो इंजीनियरिंग, नैनो टेक्सटाइल्स, नैनो रोबोटिक्स इत्यादि |

Q4. नैनो टेक्नोलॉजी का दूसरा नाम क्या है?

Ans – नैनोटेक्नोलॉजी का दूसरा नाम आणविक नैनोटेक्नोलॉजी एवं आणविक विनिर्माण भी है |

Q5. नैनोटेक्नोलॉजी में कौन से उपकरण का उपयोग किया जाता है?

Ans – नैनोटेक्नोलॉजी में निम्न उपकरणों का उपयोग किया जाता है जैसे – हार्डवेयर, ट्रांसमिशन इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप (टीईएम), नैनोलिथोग्राफी टेक्नोलॉजी, माइक्रोस्कोप, नैनोफैब्रिकेशन, एक्स-रे विवर्तन (एक्सआरडी), स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप (एसईएम) इत्यादि इसके अतिरिक्त और भी उपकरण शामिल हैं |

आपने क्या सीखा What Have You Learned

इस आर्टिकल में आपने जाना की नैनोटेक्नोलॉजी क्या है, इसके क्या फायदे एवं नुकसान हैं, किन – किन क्षेत्रों में इसका उपयोग किया जा रहा है तो नैनोटेक्नोलॉजी प्रौद्योगिकी का एक बहुत बड़ा रूप है और उद्योगों को नया आकार देने, चिकित्सा उपचारों में क्रांति लाने और हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं को बढ़ाने की क्षमता को विकसित कर रही है और भविष्य में यह हमारे जीवन में बहुत बड़ा बदलाव लाने वाली है |

मैं आशा करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई यह जानकारी आपलोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण होगी और आज आपको बहुत कुछ सीखने को मिले होंगे | अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई हो या इससे संबंधित आपके पास कोई भी प्रश्न हो तो हमें कमेंट करके अवश्य बताएं | अतः इस आर्टिकल को अपने दोस्तों एवं रिश्तेदारों के साथ जरूर साझा करें ताकि उन्हें भी नैनोटेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके, इसके अलावा टेक्नोलॉजी से जुड़ी एवं लेटेस्ट जानकारियों को जानने के लिए हमारी वेबसाइट को अवश्य ही विजिट करें धन्यवाद !

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