D2M टेक्नोलॉजी क्या है What Is D2M Technology

What Is D2M Technology :- आज अधिकतर समय हम स्मार्टफोन में ही व्यतीत करते हैं और इंटरनेट के माध्यम से ही हम जितने भी वीडियोज, न्यूज हैं वह देखते हैं जिसकी वजह से हमारे प्रतिदिन के जो डाटा हैं वह कम पड़ जाते हैं और कई जगह में इंटरनेट कनेक्शन अच्छी नहीं होने की वजह से हमारे जो वीडियो है वह बफरिंग करते हैं यानी कि रुक-रुक कर चलते हैं, ऐसे में क्या हो अगर बिना इंटरनेट के माध्यम से ही आप वीडियो को आसानी से देख सकें |






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क्या आप जानते हैं?


यह एक चौंकाने वाली बात है लेकिन यह सच है की सरकार एक नई टेक्नोलॉजी को लॉन्च की है जिसका नाम है D2M टेक्नोलॉजी इस टेक्नोलॉजी के माध्यम से आप बिना इंटरनेट सेवा के वीडियोज को कभी भी और कहीं भी बिना रुके हुए देख सकते हैं तो आज का यह टॉपिक काफी इंटरेस्टिंग होने वाला है |

आज मैं आपको इस आर्टिकल में बताऊंगा कि “D2M टेक्नोलॉजी क्या है” यह कैसे काम करती है, इसके क्या फायदे हैं और इसके अतिरिक्त यह टेक्नोलॉजी इतनी आवश्यक क्यों है इसके बारे में भी जानेंगे तो इस टेक्नोलॉजी के बारे में पूरी जानकारी जानने के लिए इस लेख को अंतिम तक अवश्य पढ़ें |

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D2M टेक्नोलॉजी क्या है What Is D2M Technology

D2M टेक्नोलॉजी का पूर्ण शब्द है Direct To Mobile टेक्नोलॉजी इसके माध्यम से आप बिना इंटरनेट और सिम के वीडियो और बहुत सारे मल्टीमीडिया कंटेंट लाइव अपने मोबाइल पर देख सकते हैं यह टेक्नोलॉजी बिल्कुल DTH यानी कि Direct To Home टेक्नोलॉजी की तरह ही काम करती है जिस तरह से आप अपने टेलीविजन पर मुफ्त में सेट टॉप बॉक्स के माध्यम से बहुत सारे वीडियोज को लाइव देखते हैं ठीक उसी प्रकार से D2M टेक्नोलॉजी के माध्यम से अपने स्मार्टफोन में वीडियोज को देख सकेंगे |

D2M टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है How Does D2M Technology Work

D2M टेक्नोलॉजी को सांख्य लैब्स और IIT कानपुर द्वारा विकसित किया गया है D2M टेक्नोलॉजी D2H टेक्नोलॉजी की तरह ही काम करती है तो सबसे पहले यह समझते हैं कि D2H टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है तो यह सेटेलाइट के जरिए डिश एंटीना में सिग्नल आता है उसके बाद फिर सेट टॉप बॉक्स उस सिग्नल को रिसीव करता है, जिसके पश्चात् टेलीविजन पर चैनल को प्रसारित किया जाता है तो यहां पर हार्डवेयर के रूप में सेट टॉप बॉक्स को लगाया जाता है |

ठीक इसी प्रकार D2M टेक्नोलॉजी को काम करने के लिए एक प्रकार का चिप एवं एंटेना लगाया जाएगा यानी कि हार्डवेयर लगाया जाएगा जिसके माध्यम से सेटेलाइट के जरिए सिग्नल आएगा और फिर उसे मोबाइल में डायरेक्ट प्रसारित किया जाएगा तो इस प्रकार से D2M टेक्नोलॉजी काम करेगी |

D2M टेक्नोलॉजी अभी मौजूदा स्मार्टफोन में काम नहीं करेगी बल्कि इसके लिए नए स्मार्टफोन बनाए जाएंगे जिसमें D2M टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा | D2M टेक्नोलॉजी को अभी केवल 19 शहरों में ही लॉन्च किया गया है इस तकनीक का परीक्षण बेंगलुरु, कर्तव्य पथ और नोएडा शहरों में किया गया है |

D2M टेक्नोलॉजी के फायदे Benefits Of D2M Technology

D2M टेक्नोलॉजी के आने से बहुत सारे फायदे हो सकते हैं जैसे”-

  • सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप बिना इंटरनेट के ही अपने पसंदीदा वीडियोज, न्यूज और मल्टीमीडिया कंटेंट को देख सकेंगे
  • दूसरा फायदा यह है कि ज्यादातर वीडियोज देखने से इंटरनेट की स्पीड कम हो जाती है तो जब D2M टेक्नोलॉजी लॉन्च की जाएगी तो वीडियोज, ऑडियो मुफ्त में बिना इंटरनेट के देख सकेंगे जिससे आप अन्य काम जो कि इंटरनेट से की जाएगी वह अधिकतर फास्ट हो जाएगी |
  • आप आसानी से उस जगह में भी अपने वीडियोज को देख सकेंगे जहां पर इंटरनेट कनेक्शन एकदम स्लो हो जाता है या रुक-रुक कर चलता है |

D2M टेक्नोलॉजी की आवश्यकता क्यों है Why Is D2M Technology Needed

D2M टेक्नोलॉजी को बनाने के पीछे का सबसे बड़ा कारण यह है कि आज अधिकतर लोग टेलीविजन से ज्यादा मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं और ऐसे क्षेत्र जहां पर इंटरनेट सेवा बहुत ही धीमी गति से काम करती है जैसे कि ग्रामीण क्षेत्रों में |

ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोग इंटरनेट की कमी से जूझ रहे हैं जिससे उन तक बहुत सी जानकारियां नहीं पहुंच पाती है तो इन्हीं सब को ध्यान में रखते हुए D2M टेक्नोलॉजी को बनाया गया है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों तक वह सभी जानकारियां पहुंच सके जो घटित हो रही हो |

इसके अतिरिक्त आपदा प्रबंधन के लिए भी मुख्य रूप से D2M टेक्नोलॉजी का निर्माण किया गया है और साथ ही साथ शिक्षा के लिए भी इस टेक्नोलॉजी को बनाया गया है जिससे बिना किसी इंटरनेट के लोग वीडियो को देखकर शिक्षा पूर्ण कर सकें |

D2M टेक्नोलॉजी के कार्यान्वयन में क्या चुनौतियां हैं What Are The Challenges In Implementing D2M Technology

D2M टेक्नोलॉजी के कार्यान्वयन में विभिन्न प्रकार के चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है जैसे:-

1. D2M तकनीक मौजूदा स्मार्टफोन में जारी नहीं की जा सकती है इसके लिए नए स्मार्टफोन बनाने होंगे और उनमें D2M तकनीक को जारी किया जायेगा जिससे इसकी लागत अधिक हो सकती है और आने वाले दिनों में इस टेक्नोलॉजी के निर्माण से स्मार्टफोन की कीमत भी बढ़ सकती है |

2. D2M तकनीक को प्रसारित करने के लिए घने नेटवर्क की आवश्यकता होगी जो कि अभी संभव नहीं है |

3. D2M टेक्नोलॉजी को आगे बड़े पैमाने पर विकसित करने के लिए बड़ी – बड़ी कंपनियां जो इंटरनेट सेवा प्रदान करती है उनसे मिलकर इस विषय में चर्चा करनी पड़ेगी जिससे इस में काफी समय भी लग सकता है |

Note – D2M टेक्नोलॉजी के बारे में और भी अत्यधिक जानकारी के लिए News18 हिंदी की वेबसाइट पर प्राप्त कर सकते हैं |

यह भी पढ़ें – बिना सिम के होगी बात – इंटरनेट टेलीफोनी (Internet telephony)

D2M टेक्नोलॉजी पर पूछे जाने वाले प्रश्न FAQs on D2M Technology

Q1. D2M टेक्नोलॉजी की फ्रीक्वेंसी बैंड कितनी होगी?

Ans – D2M टेक्नोलॉजी की फ्रीक्वेंसी बैंड 526MHz – 582MHz तक होगी जिसे काम करने के लिए एक बड़े एंटेना की जरुरत पड़ेगी |

Q2. D2M टेक्नोलॉजी को कब लॉन्च किया गया था और किसने किया?

Ans – D2M टेक्नोलॉजी को 1 साल पहले लॉन्च किया गया था और इसे सांख्य लैब्स एवं IIT कानपुर द्वारा डेवलप किया गया है |

Q3. D2M टेक्नोलॉजी को मुख्य रूप से क्यों लॉन्च किया गया था?

Ans – D2M टेक्नोलॉजी को मुख्य रूप से आपदा प्रबंधन और इमरजेंसी अलर्ट के लिए लॉन्च किया गया था, जिससे सभी को बिना इंटरनेट के भी इमरजेंसी न्यूज प्राप्त हो सके किंतु अब इसमें वीडियो, ऑडियो एवं मल्टीमीडिया कंटेंट जारी किये जायेंगे, लेकिन इसमें अभी सिमित वीडियो ही होंगे जब इस टेक्नोलॉजी को बड़े पैमाने पर विकसित किया जायेगा तब इसमें बहुत सी चीजें देखने को मिलेंगे |

Q4. क्या D2M टेक्नोलॉजी को अभी पूरे देश में विकसित किया जा चुका है?

Ans – नहीं, D2M टेक्नोलॉजी को अभी केवल 19 शहरों में ही ट्रायल किया जाएगा इससे पहले बेंगलुरु, कर्तव्य पथ एवं नोएडा शहरों में ट्रायल किया गया था |

आपने क्या सीखा What Have You Learned

इस आर्टिकल में आपने सीखा की D2M टेक्नोलॉजी क्या है, यह कैसे काम करती है, इसके क्या फायदे हैं और सरकार द्वारा इसके कार्यान्वयन में क्या-क्या चुनौतियां होने वाली है, तो D2M टेक्नोलॉजी उपयोगकर्ता के लिए एक बहुत अच्छा लाभ है, खास कर उन क्षेत्रों में जहां पर इंटरनेट सेवा बहुत ही धीमी गति से कार्य करती है |

इसके साथ ही D2M टेक्नोलॉजी इसलिए भी विकसित किया गया है जिससे किसी कारणवश इंटरनेट सेवा किसी क्षेत्र में बैन कर दिया जाता है तो उस समय आस-पास होने वाली घटनाओं को उपयोगकर्ता तक पहुंच सके और वह बिना इंटरनेट की मदद से भी वीडियो एवं न्यूज इत्यादि देख सकें तो अभी यह टेक्नोलॉजी पूरी तरह से विकसित नहीं की गई है इसे विकसित करने में कुछ समय का वक्त लग सकता है |

मैं आशा करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई यह जानकारी आपलोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण होगी और आज आपको बहुत कुछ सीखने को मिले होंगे | अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई हो या इससे संबंधित आपके पास कोई भी प्रश्न हो तो हमें कमेंट करके अवश्य बताएं | अतः इस आर्टिकल को अपने दोस्तों एवं रिश्तेदारों के साथ जरूर साझा करें ताकि उन्हें भी इस नई टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके धन्यवाद !

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