गूगल ने हाल ही में क्रोम ब्राउज़र पर एक नई सुविधा का परीक्षण शुरू किया है जो वेब पेजों का सारांश देने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग करती है। इस सुविधा को Search Generative Experience (SGE) while browsing कहा जाता है और यह गूगल सर्च के एक्सपेरिमेंटल वर्जन ‘सर्च जनरेटिव एक्सपीरियंस’ (एसजीई) का हिस्सा है।
यह सुविधा लंबे लेखों को पढ़ने में मदद करने के लिए डिज़ाइन की गई है। जब उपयोगकर्ता किसी लेख के पेज पर जाता है, तो क्रोम एक ‘जनरेट’ बटन दिखाता है। इस बटन को क्लिक करने पर, ब्राउज़र एआई की मदद से लेख की मुख्य जानकारी का एक सारांश Generate करता है।
यह सुविधा उपयोगकर्ताओं को लंबे लेखों को पढ़ने की ज़रूरत के बिना महत्वपूर्ण जानकारी तक पहुंचने में सक्षम बनाती है। एआई द्वारा उत्पन्न बुलेट पॉइंट सूची में लेख की जानकारी होती है, जिसमें लिंक होते हैं जो सीधे उस हिस्से पर ले जाते हैं जिसकी आप खोज कर रहे हैं।
गूगल का कहना है कि यह सुविधा केवल कुछ वेबपेजों पर ही उपलब्ध होगी। यह केवल उन लेखों के लिए काम करेगी जो इंटरनेट पर मुफ़्त उपलब्ध हैं। पेवॉल की गई सामग्री के लिए यह सुविधा काम नहीं करेगी, क्योंकि गूगल चाहता है कि प्रकाशकों को अपनी सामग्री पर नियंत्रण रहे।
एसजीई वाइल ब्राउजिंग वर्तमान में सर्च लैब्स प्रयोग के तहत उपलब्ध है, जिसमें उपयोगकर्ता इस सुविधा का परीक्षण कर सकते हैं। गूगल का कहना है कि यह सुविधा एंड्रॉयड और आईओएस ऐप तथा डेस्कटॉप क्रोम पर जल्द ही उपलब्ध होगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि उपयोगकर्ता इस नई एआई सुविधा का कितना लाभ उठा पाते हैं।
गूगल और माइक्रोसॉफ्ट की तरह कई प्रमुख तकनीकी कंपनियाँ अपनी सेवाओं में एआई का एकीकरण करने की दिशा में काम कर रही हैं। एआई सहायक उपकरण उपयोगकर्ताओं को जानकारी खोजने और समझने में मदद कर सक ते हैं। हालांकि, एआई द्वारा उत्पन्न सामग्री की सटीकता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करना एक चुनौती बनी हुई है।
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि एआई सारांश उत्पादक उपकरण लेखकों और प्रकाशकों के लिए खतरा बन सकते हैं, क्योंकि पाठक सिर्फ़ सारांश पढ़कर संतुष्ट हो सकते हैं और मूल सामग्री तक नहीं पहुंचेंगे। इससे लेखकों और प्रकाशकों की कमाई प्रभावित हो सकती है।
दूसरी ओर, गूगल का कहना है कि यह सुविधा केवल मुफ़्त उपलब्ध सामग्री के लिए ही काम करेगी, इसलिए इससे लेखकों और प्रकाशकों को नुकसान नहीं होगा। वास्तव में, यह सुविधा पाठकों को लेखकों की सामग्री तक पहुंचाने में मदद कर सकती है।
आने वाले समय में स्पष्ट हो पाएगा कि एआई सारांश उत्पादक उपकरण वास्तव में पाठकों और लेखकों के लिए लाभदायक साबित होंगे या नहीं। अभी तो गूगल ने इसका केवल परीक्षण ही शुरू किया है। उम्मीद है कि भविष्य में एआई के और अधिक उपयोगी और सुरक्षित तरीकों की खोज होगी जो उपयोगकर्ताओं और सामग्री निर्माताओं दोनों के हित में काम करेंगे।
Abhimanyu sir mene aapke bahot YouTube Video sekhe sune hain aur aapka Youtube channel bahot achha lagta he Bahot hi Jankariya hoti he har cheez ke bare me me aapko aapke YouTube channel aur Blog ke liye aapka Dhanyvad Dena chahta hu