टच स्क्रीन क्या है और कैसे काम करता है What Is Touch Screen And How Does It Work In Hindi

आजकल सभी लोग टच स्क्रीन वाले मोबाइल फोन एवं लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं पहले सभी कीपैड वाले मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते थे किन्तु जब से टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी की शुरुआत हुई तो सभी लोग बेहतर टच स्क्रीन की मोबाइल खरीदते हैं जिससे वह अधिक तेजी से काम करे और सभी अपना काम जल्द ही समाप्त कर सकें |






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क्या आप जानते हैं?


टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी आने से हमारे सारे काम मिनटों में हो जाते हैं और लगातार इस टेक्नोलॉजी को विकसित की जा रही है जिससे यूजर्स को और भी बेहतर अनुभव प्राप्त हो सके किन्तु क्या आपने कभी सोचा है की आखिर यह टच स्क्रीन काम कैसे करता है बहुत से लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं होती है |

आज मैं आपको इस आर्टिकल में बताऊंगा की “टच स्क्रीन क्या है और कैसे काम करता है What Is Touch Screen And How Does It Work In Hindi”, इसकी क्या विशेषताएं, इसके प्रकार और इसका क्या भविष्य है यह सारी जानकारियां आपको इस पोस्ट में दी जाएँगी तो इस टेक्नोलॉजी के बारे में जानने के लिए इस लेख को अंतिम तक अवश्य पढ़ें क्योंकि जिस चीज का हम अपने दैनिक जीवन में अधिक उपयोग करते हैं उसके बारे में तो जानकारी अवश्य ही होनी चाहिए |

यह भी पढ़ें – 3D टच क्या है और यह कैसे काम करती है 

Touch Screen Technology कैसे काम करता है ?

Table of Contents

टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी क्या है What Is Touch Screen Technology

टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले है जो एक इनपुट डिवाइस के रूप में कार्य करता है और उपयोगकर्ता को कीबोर्ड या माउस की आवश्यकता के बिना ही स्क्रीन में केवल टच मात्र से डिवाइस से सीधे इंटरैक्ट करने की अनुमति देता है यह उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफेस प्रदान करता है |

हाल के वर्षों में टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी बहुत ही तेजी से लोकप्रिय हो गया है जहां पहले कीपैड इस्तेमाल करना पड़ता था जिसकी वजह से स्क्रीन की साइज छोटी और काम करने की गति धीमी थी उसके पश्चात् जैसे – जैसे समय बढ़ता गया और टेक्नोलॉजी विकसित होती गयी तो अब सभी स्मार्टफोन में टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी का भी निर्माण किया गया |

हमें डिवाइस में जो भी कार्य करना होता है केवल स्क्रीन पर उँगलियों के द्वारा टच करने से और विभिन्न तरीके से टच करने पर हमें आउटपुट मिलता है और यह टेक्नोलॉजी उपयोगकर्ता के स्पर्श का पता लगाने और उसकी व्याख्या करने के लिए सेंसर का उपयोग करता है | अतः टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी का उपयोग आज लगभग हर जगह किया जाता है मुख्य रूप से स्मार्टफोन, टैबलेट, लैपटॉप, कंप्यूटर, किओस्क, स्मार्टवॉच इत्यादि इसके अतिरिक्त और भी अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में किया जाता है |

टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी की शुरुआत कब हुई When Did Touch Screen Technology Start

टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी की शुरुआत काफी पुरानी है आइये जानते हैं इस टेक्नोलॉजी को कब और किसने लॉन्च किया:-

  • सबसे पहले टच स्क्रीन की शुरुआत 1960 के दशक में ई.ए.जॉनसन के द्वारा विकसित किया गया था |
  • उसके बाद 1969 में ई.ए.जॉनसन को इस टेक्नोलॉजी के आविष्कार के लिए पेटेंट (एक आविष्कार के लिए दिया गया एक विशेष अधिकार है) दिया गया था |
  • शुरुआत में टच स्क्रीन में प्रतिरोधक (Resistive) तकनीक का इस्तेमाल किया गया था टच के लिए स्क्रीन पर दबाव की आवश्यकता होती थी |
  • उसके पश्चात् कैपेसिटिव तकनीक का इस्तेमाल किया गया जिसमें टच के लिए स्क्रीन पर कोई दबाव की आवश्यकता नहीं होती थी और डिवाइस बिना दबाव के ही ऊँगली के स्पर्श मात्र से पता लगा लेते थे |
  • अतः 2000 में स्मार्टफोन और टैबलेट की शुरुआत के साथ टच स्क्रीन काफी तेजी से लोकप्रिय हो गया |
  • 2007 के दशक में Apple ने सफलतापूर्वक टच स्क्रीन स्मार्टफोन लॉन्च करने वाली पहली लोकप्रिय कंपनी थी |

अभी हाल के वर्षों में टच स्क्रीन तकनीक ने मल्टी-टच जैसी सुविधाओं के साथ विकसित किया गया जो एक साथ कई उँगलियों के स्पर्शों की पहचान करने की अनुमति देता है |

टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी के प्रकार Types Of Touch Screen Technology

टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी के कई प्रकार हैं और सबकी अपनी – अपनी विषेशताएं हैं किन्तु सबसे अधिक उपयोग प्रतिरोधक टच स्क्रीन और कैपेसिटिव टच स्क्रीन तकनीक का उपयोग किया जाता है आइये इसके कुछ प्रकार के बारे में विस्तारपूर्वक समझते हैं:-

1. प्रतिरोधक टच स्क्रीन (Resistive Touch Screen) :

प्रतिरोधक टच स्क्रीन जैसा की नाम से ही पता चलता है यह टच को रोकने में मदद करता है जब आप स्क्रीन पर उँगलियों से दबाते हैं तो उसमें लेपित चादरों को स्पर्श करने पर आपको महसूस होता है | अतः प्रतिरोधक टच स्क्रीन में दो परत होते हैं पहला प्रतिरोधक परत ( Resistive Layer) और दूसरा प्रवाहकीय परत (Conductive Layer) और इन दोनों के बीच छोटे – छोटे बिंदु होते हैं जिसकी वजह से दोनों परतें अलग – अलग हो जाती है |

प्रतिरोधक परत जो की ऊपरी परत होती है काफी लचीली और पॉलीथिन की बनी होती है वहीं प्रवाहकीय परत कठोर होती है जिन्हें इंसुलेटिंग के माध्यम से टच स्क्रीन से जोड़ा जाता है | प्रवाहकीय परत में इलेक्ट्रिक करंट पास होता है जिससे आप जब भी स्क्रीन पर टच करते हैं तो प्रतिरोधक परत के जिस जगह पर जोर पड़ता वह क्षेत्र प्रवाहकीय परत से जुड़ जाता है और जानकारी के लिए कंट्रोलर के पास भेजा जाता है तो इस प्रकार से प्रतिरोधक टच स्क्रीन काम करता है |

यह स्क्रीन सस्ती होती है और पहले के जितने भी स्मार्टफोन हैं उसमें उपयोग की जाती थी अब यह स्क्रीन एटीएम मशीन, किओस्क, सुपर मार्केट, ऑनलाइन शॉपिंग इत्यादि जगहों में देखने को मिलती हैं |

2. कैपेसिटिव टच स्क्रीन (Capacitive Touch Screen) :

कैपेसिटिव टच स्क्रीन जिसका उपयोग आधुनिक टच स्क्रीन डिवाइस में किया जाता है जैसे स्मार्टफोन, टैबलेट एवं अन्य डिवाइस और आज लगभग सभी स्मार्टफोन में कैपेसिटिव टच स्क्रीन तकनीक का ही उपयोग किया जाता है |यह तकनीक स्पर्श और इनपुट का पता लगाने के लिए मानव शरीर के विद्युत् गुणों का उपयोग करते हैं इस स्क्रीन में एक सुरक्षात्म परत, पारदर्शी प्रवाहकीय परत और कांच की परत के साथ – साथ कई परतें मौजूद होती हैं |

प्रवाहकीय परत इंडियम टिन ऑक्साइड (ITO) की पतली परत से बनी होती है और ग्लास पैनल पर लेपित होती है प्रवाहकीय परत एक विद्युत् आवेश को संग्रहित करती है जिससे स्क्रीन पर एक इलेक्ट्रोस्टैटिक क्षेत्र बनता है और जब आप स्क्रीन पर स्पर्श करते हैं तो आपकी ऊँगली इलेक्ट्रोस्टैटिक क्षेत्र को बाधित करता है जिससे प्रवाहकीय परत के विद्युत आवेश में परिवर्तन होता है और यह परिवर्तन टच स्क्रीन कंट्रोलर द्वारा पता लगाया जाता है और डिवाइस के सॉफ्टवेयर को जानकारी भेजी जाती है की इस जगह पर टच किया गया है तो इस प्रकार से कैपेसिटिव टच स्क्रीन काम करता है | प्रतिरोधक टच स्क्रीन की तुलना में कैपेसिटिव टच स्क्रीन अधिक कठोर होते हैं |

टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी की विशेषताएं Features Of Touch Screen Technology

टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी की बहुत सारी विशेषताएं हैं जिसकी वजह से यह इतना लोकप्रिय है और विभिन्न उद्योगों में अनुप्रयोगी है आइये जानते हैं इसकी कुछ प्रमुख विशेषताओं के बारे में जो इस प्रकार है:-

1. तेज गति से काम करना : टच स्क्रीन बेहतर और काफी तेज काम करता है जिससे आप अपने डिवाइस में तेज गति से काम कर पाते हैं और यह इतनी जल्दी काम करता है की आपको पता भी नहीं चलता |

2. मल्टी-टच सुविधा प्रदान करना : टच स्क्रीन मल्टी-टच सुविधा प्रदान करना इसका मतलब यह है की यह सिंगल टच के साथ – साथ कई टच को पहचानने की अनुमति देता है |

3. उपयोगकर्ता के अनुकूल : टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी उपयोगकर्ता के अनुकूल है और उपयोग करने में काफी आसानी है इसमें आप बड़ी ही आसानी से मेनू विकल्पों तक पहुंच सकते हैं और बटन के आकार को अपने अनुसार बदल सकते हैं |

4. अधिक टिकाऊपन और विश्वसनीयता : टच स्क्रीन को आमतौर पर कांच या इसी तरह की सतहों से बनाई जाती है और इसे समय के साथ और भी अधिक कठोर विकसित किया जा रहा है जिससे यह काफी टिकाऊपन और विश्वसनीय है |

5. उँगलियों के इशारों को पहचानने की क्षमता रखना : टच स्क्रीन विशिष्ट इशारों को पहचानने की क्षमता रखता है और उसी के अनुसार डिवाइस पर अलग – अलग कार्य किया जाता है जैसे स्वाइप करना, पिंच करना और टैप करना इत्यादि |

6. कैपेसिटिव टच तकनीक का उपयोग करना : अब के जितने भी स्मार्टफोन हैं सभी में कैपेसिटिव टच तकनीक का उपयोग किया जाता है जो मानव शरीर के विद्युत् आवेश के द्वारा पता लगाने की अनुमति देता है और भौतिक दबाव  की आवश्यकता के बिना केवल स्पर्श से इनपुट प्राप्त करने में सक्षम होता है |

टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी के फायदे Advantages Of Touch Screen Technology

टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी के निम्न फायदे हैंजो इस प्रकार है:-

  • टच स्क्रीन मोबाइल का उपयोग करना काफी आसानी है |
  • टच स्क्रीन होने से हमें बड़ी स्क्रीन वाला मोबाइल मिलता है एक कीपैड मोबाइल की तुलना में |
  • टच स्क्रीन वाले मोबाइल में आप अपने फिंगरप्रिंट का पासवर्ड लगा सकते हैं जिससे आपकी पूर्ण प्राइवेसी बनी रहती है और आपकी इजाजत के बिना कोई भी आपका फोन इस्तेमाल नहीं कर सकता है |
  • टच स्क्रीन होने से हमारे मोबाइल में होने वाले रोजमर्रा कामों के लिए काफी आसान हो जाती है और केवल अपनी उँगलियों के इशारों से हम अपने सारे काम मिनटों में खत्म कर लेते हैं |
  • टच स्क्रीन में गंदगी पड़ने पर इसे आसानी से साफ किया जा सकता है एक कीपैड मोबाइल की तुलना में |
  • टच स्क्रीन वाले मोबाइल फोन बहुत ही तेजी से काम करते हैं |

टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी के नुकसान Disadvantages Of Touch Screen Technology

टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी के फायदे के साथ – साथ इसके कुछ नुकसान भी हैं जो इस प्रकार है:-

  • टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी के विकसित होने से अधिकतर लोग मोबाइल का उपयोग करते हैं जिसकी वजह से शारीरिक गतिविधियों में कमी आती है क्योंकि मोबाइल के अधिक उपयोग से केवल हाथ और उँगलियाँ ही हिलती है |
  • टच स्क्रीन सिस्टम की कीमत कीबोर्ड डिस्प्ले की तुलना में अत्यधिक महंगे होते हैं |
  • टच स्क्रीन के लम्बे इस्तेमाल से आँखों को नुकसान पहुंचता है क्योंकि स्क्रीन से निकलने वाली नीली किरणों से हमारी आँखों पर जोर पड़ता है |
  • टच स्क्रीन मौसम की स्थिति में काम नहीं करता है जैसे बारिश, बर्फ, अत्यधिक गर्मी  इत्यादि परिस्थितियों में टच स्क्रीन स्पर्श करने पर काम नहीं करता है |
  • बैटरी से चलने वाले टच स्क्रीन डिवाइस अधिक बिजली की खपत करते हैं |

विभिन्न उद्योगों में टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी के अनुप्रयोग Applications Of Touch Screen Technology In Various Industries

टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी का उपयोग विभिन्न उद्योगों में किया जा रहा है यहां नीचे टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी के कुछ प्रमुख अनुप्रयोग दिए गए हैं:-

1. स्मार्टफोन उद्योग में :

अब हर एक स्मार्टफोन में टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी इंटरफेस होता है चाहे वह एंड्रॉइड हो या आईओएस, आज के समय में सभी स्मार्टफोनों में एडवांस टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी प्रदान की जा रही है जिससे उपयोगकर्ता को बेहतर अनुभव प्राप्त हो सके, इसके अतिरिक्त टैबलेट, लैपटॉप, कंप्यूटर में टच स्क्रीन इंटरफेस होता है |

2. इलेक्ट्रॉनिक्स / स्मार्ट उपकरणों के उद्योग में :

लगभग सभी इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों में टच स्क्रीन की सुविधा दी जाती है जिससे उसे नियंत्रण करने में काफी आसानी हो इलेक्ट्रॉनिक्स / स्मार्ट उपकरणों में शामिल हैं जैसे वाशिंग मशीन, ओवन, इलेक्ट्रॉनिक चुल्हा एवं अन्य घरेलु उपकरण इत्यादि जो किसी प्रकार की वायरलेस कनेक्टिविटी या स्वचालन प्रदान करते हैं |

3. चिकित्सा के उद्योग में :

चिकित्सा के क्षेत्र एवं हेल्थ केयर उद्योग में, इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड (ईएमआर), और मेडिकल इमेजिंग के लिए टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है जिससे चिकित्स्कों को रोगियों के बारे में जानकारी को जानने के लिए जल्द ही एक्सेस करने और अपडेट करने की अनुमति देता है |

4. शिक्षा के उद्योग में :

शिक्षा के क्षेत्र में टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है जैसे डिजिटल व्हाइटबोर्ड, इंटरैक्ट डिस्प्ले और ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म इत्यादि इससे शिक्षकों को अधिक आकर्षक एवं पढ़ाई के क्षेत्र को सक्षम बनाता है जिससे छात्र अधिक सरल एवं सटीक तरीके से सिखने में अपना सहयोग कर सके |

इसके अतिरिक्त और भी अन्य क्षेत्रों जैसे औद्योगिक क्षेत्र, परिवहन उद्योग, खुदरा उद्योग में टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है जिससे उपयोगकर्ता को उपयोग में आसानी और बेहतर अनुभव प्राप्त कर सके |

टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी का भविष्य Future Of Touch Screen Technology

टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी का उपयोग भविष्य में व्यापक रूप से किया जा सकता है और  लगातार इस टेक्नोलॉजी में विकसित की जा रही है जिससे की स्क्रीन को पतली, टिकाऊ और अत्यधिक लचीली बनाई जा सके जिससे स्क्रीन टिकाऊ हो और उपयोगकर्ता को बेहतर अनुभव प्राप्त हो सके |

इसके अतिरिक्त टच स्क्रीन अधिक सर्वव्यापी बनने की उम्मीद है जिसमें पहनने योग्य सामानों से लेकर घरेलु इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों में अधिक से अधिक उपयोग किया जा रहा है जिससे की इन इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों का इस्तेमाल करना काफी आसान हो जाये |

इसके अलावा आने वाले समय में टच लेस तकनीक का विकास किया जा रहा है जिसमें आवाज और हावभाव के द्वारा डिवाइस को नियंत्रण किया जा सके | कुल मिलकर टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी भविष्य में मानव कंप्यूटर संपर्क का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है |

टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न FAQs On Touch Screen Technology

Q1. क्या, टच स्क्रीन के क्षतिग्रस्त होने पर उसकी मरम्मत की जा सकती है?

Ans – हाँ, टच स्क्रीन के क्षतिग्रस्त होने पर उसकी मरम्मत की जा सकती है किन्तु अगर स्क्रीन की क्षति अधिक ज्यादा हो गयी हो तो उसकी मरम्मत करना मुश्किल हो जाता है |

Q2. क्या दस्ताने पहनकर टच स्क्रीन का इस्तेमाल किया जा सकता है?

Ans – टच स्क्रीन के प्रकार पर निर्भर करता है कैपेसिटिव टच स्क्रीन तकनीक में दस्ताने पहनकर मोबाइल का उपयोग करने से काम नहीं करते वहीं अगर प्रतिरोधक टच स्क्रीन है तो दस्ताने पहनकर भी काम किया जा सकता है |

Q3. मैं टच स्क्रीन को कैसे साफ कर सकता / सकती हूँ?

Ans – टच स्क्रीन को साफ करना बहुत ही आसान है इसके लिए आपको माइक्रोफाइबर कपड़े का इस्तेमाल करना होगा या कोई नरम कपड़े का इस्तेमाल करें किन्तु किसी भी रसायन या अपघर्षक पदार्थ का उपयोग न करें इससे स्क्रीन को हानि होती है या स्क्रैच पड़ने का खतरा रहता है |

Q4. क्या टच स्क्रीन का उपयोग स्टाइलस डिवाइस के साथ किया जा सकता है?

Ans – हाँ, टच स्क्रीन का उपयोग स्टाइलस डिवाइस के साथ किया जा सकता है जो बिल्कुल पेन की तरह ही होती है किन्तु यह स्टाइलस डिवाइस कंडक्टिव लेयर का बना होना चाहिए तभी स्क्रीन पर काम करेगी अन्यथा नहीं | अतः कुछ टच स्क्रीन मुख्य रूप से स्टाइलस डिवाइस के साथ काम करने के लिए डिजाइन की गयी हैं किन्तु सभी नहीं |

आपने क्या सीखा What Have You Learned

इस आर्टिकल में आपने सीखा की टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी क्या है, इसके प्रकार, यह कैसे काम करता है, इसकी क्या विशेषताएं हैं और इस टेक्नोलॉजी का क्या भविष्य है इत्यादि तो टच स्क्रीन हमारी रोजमर्रा जिंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसके उपयोग के बिना हमारा काम असम्भव है इसलिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण है |

मैं आशा करता हूँ की मेरे द्वारा दी गयी यह जानकारी आपलोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण होगी क्योंकि ऐसे बहुत से लोग हैं जो टच स्क्रीन का उपयोग तो करते हैं किन्तु इस टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी नहीं होती है तो आज आपको इस लेख से  बहुत कुछ सीखने को मिले होंगे अगर इससे सम्बंधित आपके पास कोई भी प्रश्न हो तो हमें कमेंट करके अवश्य बताएं |

अतः आपको यह पोस्ट पसंद आयी हो तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें ताकि उन्हें भी इस तकनीक के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके धन्यवाद |

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