Facebook Meta ( फेसबुक मेटा क्‍या होता है )

अब फेसबुक फेसबुक नहीं रहा है इसका नाम मेटा हो गया है अब ये क्‍यों हुआ है, कैसे हुआ है वो मैं आपको आगे बताउंगा कि ऐसा क्‍या हुआ कि फेसबुक को अपना नाम बदलकर फेसबुक मेटावर्स (Metaverse) करना पडा है मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने अभी कुछ दिन पहले घोषणा की है कि वह फेसबुक का नाम बदलकर मेटावर्स करने वाले हैं तभी से मेटा (Meta) शब्‍द इंटरनेट पर ट्रेंड करने लगा है, इसके साथ ही मार्क ने घोषण की है कि वो European Union से दस हजार लोगों को जॉब के लिए हायर करने वाले हैं और ये लोग फेसबुक के मेटावर्स के विकास के लिए काम करेंगे आइए जानते हैं कि मेटावर्स क्‍या है






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क्या आप जानते हैं?


What is Meta Verse (मेटावर्स क्‍या होता है)

मेटावर्स शब्‍द दो शब्‍दों से मिलकर बना है मेटा+वर्स जहां मेटा का मतलब Beyond होता है यानि जहां आप सोच भी नहीं सकते हैं यानि अनंत और वर्स का मतलब Universe से होता है यानि ब्रहाण्‍ड अब चलिए इस शब्‍द के पीछे की कहानी समझ लेते हैं कि ये शब्‍द कहां से आया है एक उपन्‍यास था जिसका नाम Snow Crash था जो सन् 1992 में आया था जिसमें मेटा शब्‍द का उपयोग किया गया था,और उसे Neal Stephenson ने लिखा था

इस उपन्‍यास के राइटर ने उस समय विचार किया था कि अगर इंसान घर पर बैठकर कहीं और की 3डी इमेज देख सकें तो कितना अच्‍छा रहेगा, अगर फिजिकल वर्ल्‍ड में ऐसी कोई घटना हो जाए तो उन्‍होंने उस घटना को मेटावर्स का नाम दिया था, इसका मतलब जो Universe आप देख रहे हैं उससे परे की दुनिया की बात की जाए तो उसे मेटावर्स कहा जाता है

आप लोगों ने अवतार नाम की मूवी जरूर देखी होगी उस मूवी को देखकर आपको जरूर लगा होगा कि ये कौन-सी दुनिया है उस मूवी में जो किरदार थे वो Fiction कैरेक्‍टर थे ऐसा रियल लाइफ में नामुमकिन है

मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) का कहना है कि आज हम जो इंटरनेट चला रहे हैं उससे आगे का वर्जन जरूर आएगा और उसे मेटावर्स कहा जाएगा मतलब आगे ऐसी दुनिया आने वाली है जिसके लिए लोग काम करना शुरू कर चुके हैं, फेसबुक एक ऐसी दुनिया बनाने की योजना कर रहा है जो दुनिया के अंदर तीसरा वर्ल्‍ड होगा यानि वो दुनिया एक Imaginary दुनिया होगी

मेटावर्स किस तकनीक पर काम करेगा

अगर आप इसमें जाने की सोचेंगे तो आपको इसमें एक एरिया बुक कराना होगा, मेटावर्स का नेटवर्क बहुत ज्‍यादा Secured बनाया जाएगा इसका नेटवर्क बहुत हद तक Bit Coin के नेटवर्क जैसा ही होगा यानि ये वर्चुअल होगा, आपको ये जानकर हैरानी होगी कि आज तक Bit Coin के अंदर कोई भी घपला नहीं हुआ है क्‍योंकि ये जबरदस्‍त Secured नेटवर्क पर काम करता है इसमें जिस प्रकार की ब्‍लॉकचैन टेक्‍नालॉजी का उपयोग किया जाता है वैसी ही टेक्‍नोलॉजी मेटावर्स को विकसित करने के लिए उपयोग की जाएगी

आज बडी-बडी कंपनियां इस बात पर चर्चा कर रही हैं कि कैसे 3-डी दुनिया बनाई जाए और उसके अंदर काम किया जाए, आप लोगों ने एक ऐसा वीडियो गेम जरूर देखा होगा या फिर खेला होगा जिसमें आंखों के ऊपर Virtual Reality Handset (VR Device) लगाया जाता है, इस गेम को खेलने पर आपको एक वास्‍तविक/आभासी दुनिया का एहसास होता है ऐसा लगता है कि आप खुद ही गेम के अंदर पहुंच गए है मेटावर्स भी कुछ इस तरह ही काम करता है, इन दिनों मेटावर्स सबसे ज्‍यादा ट्रेंड में चलने वाला साइंस का नया शब्‍द है

मार्क जुकरबर्ग का कहना है कि आने वाले समय में इंटरनेट से ऊपर की दुनिया मेटावर्स होगी और उसके अंदर फिजिकल, Augmented Reality, और Virtual Reality एक साथ मिल जाएगी, फेसबुक ने इसके लिए बहुत सारे प्‍लेटफार्म पर Investment करना शुरू कर दिया है

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फेसबुक ने अपना नाम क्‍यों बदला

आप लोग ये जरूर सोच रहे होंगे कि आखिर फेसबुक ने अपना नाम क्‍यों बदला है, आखिर फेसबुक ने अपनी कौन-सी चीज का नाम बदला है ये सब जानने से पहले मैं आपको कुछ और बताता हूं, आज से 23 साल पहले अमेरिका के अंदर एक कंपनी की शुरूआत हुई थी‍ जिसका नाम गूगल था उस समय गूगल को एक प्रोडेक्‍ट कहा जाता था, सन् 2015 में गूगल के निर्माताओं को ये बात समझ में आई कि गूगल अब एक Brand बन चुका है अब इसे कंपनी बनाने की जरूरत है इसके बाद Alphabet का निर्माण हुआ था यानि कि गूगल की Parent कंपनी Alphabet बनी थी

इसी प्रकार अब फेसबुक ने कहा है कि उसकी Parent कंपनी का नाम मेटा होगा यानि कि Parent कंपनी अब फेसबुक नहीं मेटा के नाम से जानी जाएगी, अब Facebook.com के नाम से नहीं अब Meta.com के नाम से जाना जाएगा, अगर आप इस समय Trading के लिए जाते हैं तो आपको फेसबुक के जरिए नहीं मेटा के जरिए जाना होगा

जैसा कि मैं आपको पहले ही बता चुका हूं कि इंटरनेट से आगे की दुनिया को मेटावर्स कहा जाता है, मान लीजिए कि अगर आप कहीं ऑनलाइन क्‍लास ले रहे हैं तो कैसा हो कि आपको ऐसा लगे कि टीचर आपके रूम में ही बैठकर पढा रहे हैं ये सब मेटावर्स के जरिए मुमकिन हो सकता है, इसी काम को करने के लिए फेसबुक ने अपना नाम बदल लिया है

फेसबुक अब इंटरनेट की दुनिया में एक नई क्रांति की शुरूआत करने जा रहा है जिसे मेटावर्स की दुनिया कहा जाता है, मेटावर्स का मतलब आज से बहुत आगे की दुनिया ऐसा फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग का कहना है, आप लोग फेसबुक के तीन प्रोडक्‍ट को जानते ही है पहला Instagram, दूसरा What’s App और तीसरा Facebook होता है अगर आप ये सोच रहे हैं कि इन तीनों के नाम बदल जाएंगे तो आप गलत है इनके नाम नहीं बदले जाएंगे

क्‍या फेसबुक अस्तित्‍व समाप्‍त हो जाएगा

इन तीनों के ऊपर एक और कंपनी आ गई हैं जिसका नाम मेटा रखा गया है, अगर आप मेटावर्स की दुनिया में एक बार चले जाते हैं तो आप उस इमेजनरी दुनिया में अपने दोस्‍तों के साथ मिलकर खेल सकते हैं या कुछ और काम भी कर सकते हैं, आप ऐसी दुनिया की कल्‍पना कर सकते हैं जो मेटावर्स हो मतलब आप लोग अपने घर में रहकर किसी और दुनिया का अनुभव कर सकते हैं

इस दुनिया में आपको जाने के लिए एक VR Device की जरूरत होती है, ये पूरी प्रक्रिया फेसबुक मेटा के माध्‍यम से काम करती है, मान लीजिए कि आपको एक म्‍यूजिक Concert देखना है जो लंदन में हो रहा है, आपको इसकी जानकारी आपके किसी दोस्‍त ने What’s App पर दी है, आपको वहां पर जाना है इसके लिए आपको VR Device लगाना होगा और आपके सामने एक ऐसा Concert स्‍टार्ट हो जाएगा जिसे देखकर आपको Live Concert जैसा ही अनुभव होगा

इस सब पर फेसबुक काम कर रहा है मतलब जिस चीज के बारे में आप सोच रहे हैं वो आपके लिए उपस्थित हो जाएगी, अब आपमें से ज्‍यादातर लोग सोच रहे होंगे कि क्‍या फेसबुक ही इतना तेज है कि वही ये काम कर सकता है, ऐसा नहीं है माइक्रोसॉफ्ट ने भी Mesh नाम का प्रोजेक्‍ट इसके लिए शुरू कर रखा है और गूगल स्‍टार लाइन पर काम कर रहा है यानी की सेम चीज पर गूगल के द्वारा भी काम किया जा रहा है

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क्‍या फेसबुक Hate Speeches को बढावा देता है

एक प्रसिद्ध अखबार The Business Standard ने कहा था कि कहीं फेसबुक अपनी इमेज सुधारने का प्रयास तो नहीं कर रहा है अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्‍यों है, आप लोगों ने देखा होगा कि फेसबुक पर फेसबुक पेपर्स के नाम से अक्‍सर सूचना दी जाती है जिसके बारे में फेसबुक की एक पूर्व कर्मचारी ने लिखा था कि फेसबुक किस प्रकार से Hate Speeches को बढावा देता है और किस प्रकार लोगों के बीच में लाइक और शेयर का दबाव बनाता है

जब से फेसबुक के कर्मचारी ने ऐसा कहा है तब से ये बात निकलकर आ रही है कि किस तरह से फेसबुक अपने व्‍यापार को बढाने के लिए Hate Speeches को बढावा देता है क्‍योंकि जब फेसबुक पर Hate Speeches आती है तो यूजर्स को फेसबुक पर रहने का आनंद रहता है फिलहाल आपको ये बात समझ में आ गई होगी कि अब फेसबुक ने अपना नाम बदलकर फेसबुक मेटा कर दिया है

आशा है मेरे द्वारा जो आपको फेसबुक मेटावर्स की जानकारी दी है वो आपको अवश्‍य पसंद आई होगी अगर हां तो कमेंट करके जरूर बताएं हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा

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