Wetware Computer क्या है ? – भविष्य की तकनीक

आज के युग में तकनीकी क्षेत्र में तेज़ी से विकास हो रहा है। कंप्यूटर तकनीक में नए-नए आविष्कार हो रहे हैं जो हमारे जीवन को आसान बना रहे हैं। इनमें से एक नई और रोचक तकनीक है वेटवेयर कंप्यूटर। वेटवेयर कंप्यूटर एक ऐसा कंप्यूटर है जो जैविक पदार्थों जैसे न्यूरॉन्स से बना होता है। ये कंप्यूटर पारंपरिक कंप्यूटरों से अलग होते हैं क्योंकि इनमें जैविक पदार्थों का उपयोग किया जाता है।






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क्या आप जानते हैं?


वेटवेयर कंप्यूटर का इतिहास

वेटवेयर कंप्यूटर की अवधारणा 1990 के दशक में शुरू हुई जब जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिक विलियम डिट्टो ने जीवंत न्यूरॉन्स से एक सरल कैल्कुलेटर बनाया। इस कैल्कुलेटर में जिज्ञासु नामक लीच की न्यूरॉन्स का उपयोग किया गया था। डिट्टो ने इलेक्ट्रिकल प्रोब्स की मदद से न्यूरॉन्स में संकेत भेजकर जोड़ और घटाने की सरल गणनाएं करवाईं। यह एक महत्वपूर्ण कदम था जिसने वेटवेयर कंप्यूटर की संभावनाओं को दिखाया।

  • 1990 के दशक में जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिक विलियम डिट्टो ने जीवंत न्यूरॉन्स से एक सरल कैल्कुलेटर बनाया। यह वेटवेयर कंप्यूटर की शुरुआत मानी जाती है।
  • 2002 में जापान के शोधकर्ताओं ने एक वेटवेयर चिप विकसित की जिसमें न्यूरॉन कल्चर था।
  • 2004 में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने डीएनए कंप्यूटर बनाया।
  • 2005 में यूरोपियन यूनियन ने वेटवेयर कंप्यूटिंग पर 10 साल का शोधक्रम शुरू किया।
  • 2015 में ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने बैक्टीरिया से वेटवेयर प्रोसेसर बनाया।
  • वर्तमान में वेटवेयर कंप्यूटिंग पर शोध जारी है और इस क्षेत्र में नए आविष्कार हो रहे हैं।

सामान्य कंप्यूटर और वेटवेयर कंप्यूटर में अंतर

  1. सामान्य कंप्यूटर में सिलिकॉन चिप्स का उपयोग होता है जबकि वेटवेयर कंप्यूटर में जैविक पदार्थ जैसे न्यूरॉन्स, डीएनए आदि का उपयोग होता है।
  2. सामान्य कंप्यूटर बाइनरी सिस्टम (0 और 1) पर काम करता है जबकि वेटवेयर कंप्यूटर में न्यूरॉन्स हज़ारों states में काम कर सकते हैं।
  3. सामान्य कंप्यूटर कम ऊर्जा कुशल होते हैं जबकि वेटवेयर कंप्यूटर अधिक ऊर्जा कुशल हो सकते हैं।
  4. सामान्य कंप्यूटर का आकार बड़ा होता है जबकि वेटवेयर कंप्यूटर का आकार बहुत छोटा हो सकता है।
  5. सामान्य कंप्यूटर मानव मस्तिष्क की तरह जटिल समस्याओं को हल करने में सक्षम नहीं होते जबकि वेटवेयर कंप्यूटर मानव मस्तिष्क की तरह काम कर सकते हैं।
  6. सामान्य कंप्यूटर में जगह की कमी हो सकती है जबकि वेटवेयर कंप्यूटर में जगह की कमी नहीं होती।

इस प्रकार दोनों में मूलभूत अंतर हैं जो उनके कार्य प्रणाली और क्षमताओं को प्रभावित करते हैं

कैसे काम करता है वेटवेयर कंप्यूटर

पारंपरिक कंप्यूटर बाइनरी सिस्टम (0 और 1) पर काम करते हैं लेकिन वेटवेयर कंप्यूटर में न्यूरॉन्स हजारों states में काम कर सकते हैं। न्यूरॉन्स अपनी रासायनिक संरचना को बदलकर संकेतों को communicate करते हैं। इसलिए वेटवेयर कंप्यूटर में जगह की कमी नहीं होती।

वेटवेयर कंप्यूटर के फायदे

वेटवेयर कंप्यूटर के कई फायदे हैं। ये ऊर्जा की दृष्टि से अधिक कुशल हो सकते हैं। इनका आकार बहुत छोटा हो सकता है। ये मानव मस्तिष्क की तरह काम कर सकते हैं। वेटवेयर कंप्यूटर पर शोध जारी है और भविष्य में इनके और उन्नत संस्करण देखने को मिल सकते हैं। कुछ वैज्ञानिक मानव मस्तिष्क के कार्यों को समझने में वेटवेयर कंप्यूटर की मदद ले रहे हैं।

वेटवेयर कंप्यूटर के कुछ संभावित फायदे निम्नलिखित हो सकते हैं:

  • ऊर्जा की दृष्टि से अधिक कुशल – वेटवेयर कंप्यूटर बिजली की कम खपत कर सकते हैं।
  • छोटा आकार – वेटवेयर कंप्यूटर का आकार बहुत छोटा हो सकता है।
  • उच्च प्रोसेसिंग स्पीड – वेटवेयर कंप्यूटर तेज गति से काम कर सकते हैं।
  • पैरेलल प्रोसेसिंग – वेटवेयर में एक साथ बहुत सारे काम हो सकते हैं।
  • मानव मस्तिष्क जैसा कार्य – वेटवेयर कंप्यूटर मानव मस्तिष्क की तरह काम कर सकते हैं।
  • स्व-संगठन और सीखने की क्षमता – वेटवेयर कंप्यूटर खुद सीख सकते हैं।
  • लचीलापन – वेटवेयर कंप्यूटर परिस्थितियों के अनुसार अपना रूप बदल सकते हैं।

इस प्रकार वेटवेयर कंप्यूटर कई मायनों में पारंपरिक कंप्यूटर से बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।

वेटवेयर कंप्यूटर के नुकसान

वेटवेयर कंप्यूटर के कुछ संभावित नुकसान निम्नलिखित हैं:

  • अनिश्चितता और अस्थिरता: वेटवेयर कंप्यूटर जैविक पदार्थों पर आधारित होते हैं जो अनिश्चित और अस्थिर व्यवहार दिखा सकते हैं। इनके आउटपुट पर भरोसा करना मुश्किल हो सकता है।
  • सीमित क्षमता: वेटवेयर कंप्यूटर अभी बहुत सीमित क्षमताओं के साथ काम करते हैं। इनकी प्रोसेसिंग स्पीड और मेमोरी बहुत कम है।
  • जटिल डिज़ाइन: वेटवेयर सिस्टम को डिज़ाइन और मेंटेन करना बहुत जटिल होता है। इनके लिए विशेष परिस्थितियों की आवश्यकता होती है।
  • सीमित आयु: वेटवेयर कंपोनेंट्स की आयु सीमित होती है। इन्हें नियमित रूप से बदलने या मरम्मत करने की ज़रूरत होती है।
  • उच्च लागत: वेटवेयर तकनीक अभी बहुत महंगी है। इसके शोध और विकास में भारी निवेश की आवश्यकता होती है।
  • नैतिक चिंताएं: वेटवेयर कंप्यूटर के नैतिक पहलुओं पर चिंताएं हैं, जैसे चेतना का विकास आदि।

इसलिए वेटवेयर कंप्यूटिंग अभी विकास के प्रारंभिक चरण में है और इसमें कई चुनौतियां और सीमाएं हैं। भविष्य में शोध से इनमें सुधार हो सकता है।

यदि ये कंप्यूटर प्रयोग किये जाने लगे तो क्या होगा ?

यदि वेटवेयर कंप्यूटर प्रयोग में लाए जाते हैं तो भविष्य में निम्नलिखित परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं:

  • अत्यधिक तेज़ और शक्तिशाली कंप्यूटर – वेटवेयर कंप्यूटर मानव मस्तिष्क की तरह प्रोसेसिंग कर सकते हैं जो वर्तमान कंप्यूटरों से कहीं अधिक तेज़ और शक्तिशाली होंगे।
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता की नई ऊँचाइयाँ – वेटवेयर कंप्यूटर मानवीय बुद्धि का अनुकरण कर सकते हैं जिससे कृत्रिम बुद्धिमत्ता में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा।
  • छोटे आकार के कंप्यूटर – वेटवेयर कंप्यूटर का आकार बहुत छोटा हो सकता है जिससे पोर्टेबल और इम्बेडेड कंप्यूटिंग को बढ़ावा मिलेगा।
  • ऊर्जा कुशल कंप्यूटिंग – वेटवेयर कंप्यूटर बिजली की कम खपत करते हैं जिससे ग्रीन कंप्यूटिंग संभव होगी।
  • नई चिकित्सा तकनीकें – वेटवेयर कंप्यूटर से मस्तिष्क संबंधी बीमारियों के इलाज में मदद मिल सकती है।
  • मानव-कंप्यूटर इंटरफ़ेस – वेटवेयर कंप्यूटर मानव मस्तिष्क के सीधे जुड़ सकते हैं जिससे नए इंटरफ़ेस विकसित होंगे।
  • वेटवेयर कंप्यूटर पर आधारित रोबोट भी बनाए जा सकते हैं जो मानव की तरह काम कर सकें।

इस प्रकार वेटवेयर कंप्यूटिंग से कंप्यूटर तकनीक में क्रांतिकारी बदलाव आ सकते हैं। हालांकि वेटवेयर कंप्यूटर अभी शोध के प्रारंभिक चरण में है, पर इसकी संभावनाएं बहुत अधिक हैं।

सारांश में, वेटवेयर कंप्यूटर एक नई और चुनौतीपूर्ण तकनीक है जिसमें भारी संभावनाएं हैं। इस तकनीक पर शोध जारी है और भविष्य में हम इसके कई रोचक और उपयोगी अनुप्रयोग देख सकते हैं। पर इसके साथ ही इसके नैतिक पहलुओं पर भी गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।

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