आज के समय में हर कोई कम्प्यूटर (computer) से जाने अनजाने में जुड गया हैं, चाहे उसने कम्प्यूटर चलाया हो या ना चलाया हो फिर भी कहीं ना कहीं इससे सामना हो ही जाता है और इसी कारण बहुत से लोगों की राय कम्प्यूटर के बारे में अलग अलग होती हैं, इसमें से कुछ लोग तो कम्प्यूटर (computer) के बारे में ना जानते हुए भी बहुत ही दमदार राय प्रस्तुत कर लोगों को चकित कर देते हैं, जिन लोगों ने इसे दूर से ही देखा है उन पर अपनी धाक जमा लेते हैं। कुछ तथ्य तो ऐसे प्रस्तुत किये जाते हैं, जिनको हजम करना बडा ही मुश्किल होता है तो आईये जानते हैं कम्प्यूटर के बारे में कुछ लोगों की दमदार राय जिसने हमारा अक्सर सामना होता है –
Common Computer Myths You Need To Stop Believing
- कम्प्यूटर सारे काम स्वंय कर लेता है, कुछ करने की आवश्यकता ही नहीं होती है, अगर आपके पास कम्प्यूटर है, तो सारे कठिन काम आसानी से स्वयं हो जाते हैं।
- यह गलत है, कम्प्यूटर कोई काम अपने आप नहीं करता है, वह केवल उतना ही कार्य करता है या वही कार्य करता है, जिसके लिये उसे प्रोग्राम किया जाता है या कम्प्यूटर चलाने वाले अर्थात यूजर द्वारा कमाण्ड दी जाती है। उसके अन्दर अपने सोचने समझने की शक्ति नहीं होती है, और कम्प्यूटर पर कोई भी कठिन काम करने के लिये किसी को भी उसे प्रोपर तरीके से सीखना आवश्यक है।
- मुझे कम्प्यूटर पर गाना चलाना, और वीडियो देखना आता है, मैं कम्प्यूटर चला लेता हॅू।
- यह गलत है, कम्प्यूटर पर केवल माउस घुमना, कीबोर्ड से देख देखकर टाइप करना, या केवल म्यूजिक चला लेना, या फिल्म चला लेना, या खाली समय में बैठकर ताश खेल लेने से यह नहीं कहा जा सकता है, कि आपको कम्प्यूटर चलाना आता है। यह काम तो कोई बच्चा भी कर सकता है। अगर आपने कम्प्यूटर को केवल म्यूजिक और वीडियो के खरीदा है तो आप केवल डीवीडी प्लेयर खरीद कर भी यह काम कर सकते हो।
- कम्प्यूटर सीखने के लिये बहुत अच्छी अंग्रेजी का ज्ञान होना आवश्यक है
- यह गलत है कि कम्प्यूटर सीखने के लिये बहुत अच्छी अंग्रेजी का ज्ञान होना आवश्यक है, हॉ साक्षर होना तो आवश्यक है, क्योंकि लेकिन अगर आप थोडे बहुत पढे भी हैं तो आप कम्प्यूटर को आसानी से सीख सकते हैं, बस मन में लगन और एक गुरू का होना आवश्यक हैा
- मेरी तो उम्र निकल गयी अब मैं नहीं सीख सकता यह सब तो बचपन से ही सीखा जाता हैा
- यह भी गलत है कुछ भी सीखने की कोई उम्र नहीं होती है, बस मन में ठान लीजिये कि सीखना है तो आप किसी भी उम्र में सीख सकते हैं, और आज कल के दौर में तो कम्प्यूटर शिक्षा का बहुत सरलीकरण कर दिया गया है, आप किसी भी उम्र में बहुत आसानी से कम्प्यूटर सीख सकते हैा
- कम्प्यूटर सीखने में क्या है, मैं तो अपने आप चला चला के ही सीख लॅूगा, टीवी की तरह तो होता ही है
- अगर आप इस तरह का कुछ सोच रहे हैं तो निश्चय ही आप अपने अच्छे खासे खरीदे गये नये कम्प्यूटर को खराब कर लेगें, क्यों कि इसके बारे में अधूरा ज्ञान घातक साबित होता हैा आप सीखने के चक्कर में उल्टी सीधी कमाण्ड एप्लीई करेगें, या रोज नये नये प्रयोग करेंगें, जिससे आपका कम्प्यूटर पूरी तरह से खराब हो सकता है, या आपकी विण्डोज खराब हो सकती है, इसलिये बेसिक कम्प्यूटर सीखना तो आवश्यक है
- कम्पनी का ही कम्प्यूटर खरीदना चाहिये बहुत अच्छा होता है वह खराब भी नहीं होता और उसमें फंग्शन भी ज्यादा होते है, कम्प्यूटर असैम्बल करना बेकार है
- यह सोचना कि केवल प्रतिष्ठित कम्पनियों के ही कम्प्यूटर अच्छे होते हैं, यह ठीक नहीं है क्योंकि सभी कम्पनियॉ कम्प्यूटर को बिना असैम्बल करे बना ही नहीं सकती, उसमे वही सारे हार्डवेयर लगे रहते हैं, जो आप अपने यहॉ भी असैम्बल करा सकते हैं और अपने यहॉ असैम्बल कराने से दो फायदे भी होते है कि एक तो आपको पता रहता है कि अन्दर क्या क्या लगा है, और दूसरा फायदा उसकी कीमत भी कम होती है, और बात रही फंग्श्ानों की तो यह बस उसके अन्दर पडे साफटवेयर होते हैं, जो किसी भी कम्प्यूटर में डाले जा सकते हैं।
- कम्प्यूटर कोई भी एरर आने पर ओके ओके या कैन्सिल कर देता हॅू तो वह ठीक हो जाता है
- कुछ लोग कम्प्यूटर पर कोई भी एरर आने पर मैसेज को बिना पढे ओके या कैन्सिल कर देते हैं, यह आपके कम्प्यूटर के घातक भी हो सकता है, क्योंकि बिना मैसेज बिना पढे आप अपने किसी भी डाटा को डिलीट भी कर सकते हैं या किसी भी नई एप्लीकेशन या वायरस को अपने कम्प्यूटर में स्थापित होने की अनुमति भी दे सकते हैं। इसलिये मैसेज आने पर हमेशा पहले पढें उसके बाद ही कोई कार्यवाही करें।
- कुछ लोग अपने कम्प्यूटर से किसी को भी गलत मैसेज या ईमेल भेज देते हैं, और यह सोचते हैं कि कम्प्यूटर से भेजे गये मेल द्वारा यह पता नहीं लगाया जा सकता कि यह किस कम्प्यूटर से भेजा गया है।
- यह सोचना कि आपके द्वारा भेजे गये मेल से आपकी लोकेशन का पता नहीं लगाया जा सकता है बिलकुल गलत है, हर कम्प्यूटर का अपना एक अलग आईपी पता यानी इन्टरनेट प्रोटोकॉल पता होता है, जिससे उस कम्प्यूटर की लोकेशन का सही सही पता लगाया जा सकता है, तो कोई भी गलत काम करते समय इस भ्रम न रहें कि आपको कोई देख नहीं रहा हैं, इन्टरनेट पर इस प्रकार के कार्यो को बुलिंग या हैंकिग करते हैं इनको कानूनन अपराध माना गया है और इस तरह के अपराधों से निबटने के लिये साइबर सेल जैसी संस्था का गठन भी किया गया है। जो इन्टरनेट पर इस तरह की गतिविधियों पर नजर रखती हैं।
- कम्प्यूटर के लिये केवल एयर कन्डीशन रूम ही होना चाहिये।
- ऐसा जरूरी नहीं है कि कम्प्यूटर के लिये एयर कन्डीशन रूम ही होना चाहिये, हॉ ज्यादा गर्मी नहीं होनी चाहिये कमरे का तापमान औसत होना चाहिये। ज्यादा गर्मी में भी कम्प्यूटर में हैंग होने जैसी समस्याऐं आने लगती हैं।
- कम्प्यूटर को कूलर वाले कमरे में नहीं रखना चाहिये।
- यह सही है कम्प्यूटर को कूलर वाले कमरे में नहीं रखना चाहिये क्यों कि जब आप कमरा बंद कर कूलर चलाते हो तो पूरे कमरे में नमी बन जाती है, और यही नमी की बॅूदे आपके कम्प्यूटर के अन्दरूनी भाग आईसी और चिप पर भी जम जाती हैं। जब आप पावर ऑन करते हो तो शॉर्ट सर्किट होने का खतरा रहता है। आम तौर पर कई लोगों की एल0सी0डी0 और एल0ई0डी0 पर स्पॉट भी बन जाते हैं और धीरे धीरे वह खराब हो जाती हैं।
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