अभी के समय में कंप्यूटर अलग-अलग प्रकार के डिवाइसों की मदद से काम करते हैं इनमें से कुछ डिवाइसों को इनपुट और कुछ डिवाइसों को आउटपुट डिवाइस कहा जाता है
इनपुट डिवाइस वो डिवाइस होते हैं जो कंप्यूटर या दूसरी डिवाइस में डेटा को एंटर कराने के काम में आते हैं, इनपुट डिवाइस कई प्रकार के होते हैं जैसे Joystick, Scanner, Light Pen इत्यादि और आउटपुट डिवाइस वो डिवाइस होते हैं जिनकी मदद से आउटपुट प्राप्त होता है आज हम इनके बारे में बात करेंगे तो चलिए शुरू करते हैं
इनपुट और आउटपुट डिवाइस Input and Output Devices in Hindi
Joystick ( जॉयस्टिक)
जॉयस्टिक एक प्रसिद्ध इनपुट डिवाइस है और इसका उपयोग गेम खेलने के लिए किया जाता है जॉयस्टिक एक Pointing Device होती है ये देखने में बिल्कुल माउस की तरह लगता है, जॉयस्टिक में एक स्टिक होती है जिससे Angle और Direction को रिकॉर्ड किया जाता है, जब जॉयस्टिक का Cursor स्क्रीन पर होता है तो Right, Left, Forward, या Backward किया जा सकता है
जॉयस्टिक का इस्तेमाल आमतौर पर वीडियो गेम में, Flight Control इत्यादि में किया जाता है, जॉयस्टिक में एक ऐसी स्टिक होती है जिसमें एक Spherical बॉल होती है जो निचले और ऊपरी छोर पर होती है नीचे वाली बॉल एक सॉकेट के अंदर घूमती है
Scanner ( स्कैनर)
जब आप कंप्यूटर पर काम करते हैं तो वहां पर किसी भी इमेज को स्कैन करने के लिए स्कैनर का उपयोग किया जाता है, यह फोटो मशीन की तरह किसी भी Document की इमेज को बनाती है व फाइल के रूप में कंप्यूटर में भेजती है इसे आप एक Electronic Device भी बोल सकते हैं
यूजर को स्कैनर से यह फायदा भी होता है कि यूजर को किसी भी चीज को टाइप करने की जरूरत नहीं होती है, स्कैनर की मदद से किसी भी डेटा को कंप्यूटर मेंं तेजी से ट्रांसफर किया जा सकता है अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर स्कैनर काम कैसे करता है जैसे मान लीजिए कि आपके पास एक स्कैनर है और आप किसी Document को स्कैन करना चाहते हैं तो आपको वो Document स्कैनर में लगाना होता है, अब आप जैसे ही स्कैनर को ऑन करते हैं तो उसमें एक लाइट पास होती है जिससे वो Document स्कैन हो जाता है और कंप्यूटर की स्क्रीन पर दिखने लग जाता है
Light Pen ( लाइटपैन)
लाइटपैन एक Pointing Device है जो बिल्कुल पेन की तरह लगता है और जिसको कंप्यूटर की स्क्रीन से कनेक्ट किया जाता है, लाइट पैन की जो टिप होती है वो Light Sensitive Element से बनी होती है, लाइट पैन स्क्रीन की लाइट को Detect कर लेता है इसके बाद कंप्यूटर लाइट पैन की Location को ट्रक कर लेता है, लाइट पैन की मदद से आप कंप्यूटर की स्क्रीन पर कुछ भी बना सकते हैं
Voice Input and Recognition ( वॉइस इनपुट एण्ड रिकॉग्नीशन सिस्टम )
ये एक इनपुट डिवाइस है जिसमें एक माइक्रोफोन या टेलीफोन होता है जो Human Speech को Electronic Signals में बदल देता है इसके बाद ये सिग्नल पैटर्न कंप्यूटर को भेज दिया जाता है जहां इसे पहले से स्टोर किए पहले वाले पैटर्न से मैच कराया जाता है जिससे इनपुट की पहचान की जा सकें, जब कोई टेक्स्ट बहुत ज्यादा मैच हो जाता है तब सिस्टम के द्वारा शब्द पहचाना जाता है, वॉइस रिकॉग्नीशन का इस्तेमाल गूगल में वेबसाइटों को ढूँढने के लिए किया जाता है
Video Camera ( वीडियो कैमरा )
वीडियो कैमरा ऐसा कैमरा होता है जो लगातार पिक्चर लेता रहता है और मॉनीटर पर डिसप्ले या Permanently Recording के लिए सिग्नल जनरेट करता रहता है, वीडियो कैमरे में Generate किए गए सिग्नल आमतौर पर Analog में होते हैं लेकिन इसके बावजूद आजकल डिजिटल वीडियो कैमरे भी मार्केट में आ चुके हैं
Optical Mark Reader ( OMR) ( ऑप्टिकल मार्क रीडर )
ऑप्टिकल मार्क रीडर एक स्पेशल स्कैनर होता है, इसका इस्तेमाल पेन या पेसिल से बनाए गए मार्क को पहचानने के लिए किया जाता है, उदाहरण के लिए आप ले सकते हैं आज जितने भी Competitive Exams होते हैं वो सभी Objective Test Paper होते हैं
जब आप पेपर देते हैं तो आप अपना उत्तर एक गोले में पेन या पेसिल के माध्यम से भरते हैं वो Answer Sheet ऑप्टिकल मार्क रीडर के माध्यम से कंप्यूटर में फीड की जाती है इसके बाद उन प्रश्नों को कंप्यूटर चेक करता है कि कौन से प्रश्न का उत्तर सही है और कौन से प्रश्न का उत्तर गलत है, इसका उपयोग केवल यही तक सीमित नहीं है, OMR चेक करने वाले पेज पर Focus करता है
Bar-code Reader ( बारकोड रीडर )
ये एक ऐसा डिवाइस होता है जो Bar Coded डेटा को पढने के काम में आता है, बारकोड एक Special Code होता है जो किसी भी आइटम को आसानी से पहचानने के लिए इस्तेमाल किया जाता है इसमें छोटी – छोटी लाइनों की एक सीरिज बनी होती है जिसे बार्स कहा जाता है, अगर आप बाजार से कोई किताब खरीदते हैं तो उस पर आपको बारकोड मिल जाता है
Magnetic Ink Character Recognition ( मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रिकॉग्नीशन)
इसे MICR भी कहा जाता है, ये एक ऐसी डिवाइस है जो चैक्स को प्रोसेस करने का काम करती है, इसका उपयोग बैंको में बहुत ज्यादा किया जाता है, MICR चैक के नीचे वाली हिस्से में होती है जब MICR को Encoding किया जाता है तो उसे MICR लाइन कहा जाता है
Digitizer ( डिजिटाइजर )
ये एक ऐसी डिवाइस है जो Analog Information को Digital Form में परिवर्तित करती है, ये किसी टीवी या कैमरे के एनालॉग सिग्नल को डिजिटल सिग्नल में बदल सकती है, डिजिटाइजर को टेबलेट या ग्राफिक्ट्स टेबलेट भी कहा जाता है क्योंकि ये ग्राफिक्स और पिक्टोरियल डेटा को बाइनरी इनपुट्स में परिवर्तित कर देता है
आउटपुट डिवाइसों के प्रकार
आउटपुट डिवाइस वो डिवाइस होते हैं जो किसी सिस्टम से किसी डेटा को हार्डकॉपी के रूप में या मॉनीटर की स्क्रीन पर दिखाते हैं कुछ ऐसे आउटपुट डिवाइस होते हैं जिनका इस्तेमाल आमतौर पर किया जाता है जैसे प्रिंटर, Plotters इत्यादि
Printers ( प्रिंटर्स )
Printer एक आउटपुट डिवाइस होता है जो कंप्यूटर की स्क्रीन पर लिखे हुए डेटा को कागज पर उतारता है, इसका उपयोग किसी भी टेक्स्ट को या किसी भी इमेज को पेपर पर आउटपुट देने का होता है, प्रिंटर का आविष्कार चार्ल्स बेवेज के द्वारा किया गया था चालर्स बेवज ने 19वीं शताब्दी में Difference Engine के लिए प्रिंटर का आविष्कार किया था हम प्रिंटर की मदद से प्रोग्राम, डेटा या तरह तरह के रिजल्ट भी प्राप्त कर सकते हैं
किसी भी प्रिंटर की गुणवक्ता उसके Resolution से जानी जाती है इसे Dot Per Inch कहा जाता है प्रिंटर दो प्रकार के होते हैं
1 प्रिंट क्षमता के अनुसार – इसके अनुसार प्रिंटर तीन प्रकार के होते हैं
- Character Printer ये ऐसा प्रिंटर होता है जो केवल एक-एक Character को छापता है
- Line Printer ये ऐसा प्रिंटर होता है जो 200 से 2000 पेज हर मिनट छाप देता है
- Page Printer ये ऐसा प्रिंटर है जो पूरे पेज को एक बार में छाप देता है
2 प्रिंट करने के तरीके के अनुसार – इसके अनुसार प्रिंटर दो प्रकार के होते हैं
Impact Printers (इंपैक्ट प्रिटर्स)
यह टाइपराइटर की तरह पेपर और इंक के रिबन पर दबाव डालकर प्रिंट करता है, इसके द्वारा केवल एक ही तरह का आउटपुट दिया जाता है जो रिबन पर निर्भर करता है ये दो प्रकार के होते हैं
Dot Matrix Printers (डॉट मैट्रिक्स प्रिटर्स)
यह धीमी गति का Impact Printer होता है जो एक बार में केवल एक ही Character प्रिंट करता है इस तरह के प्रिंटर में एक प्रिंट हेड होता है जो दाएं से बाएं और बाएं से दाएं घूमता है, इस तरह के प्रिंटर में छोटे छोटे हतौडे होते हैं जो पेपर पर लगते हैं तो पेपर पर मैटर टाइप हो जाता है इस कारण इसमें से एक बार में कई कॉपिया निकाली जा सकती है इस तरह के प्रिंटर का प्रारंभिक मूल्य और प्रति कॉपी खर्च कम होता है परंतु इस तरह के प्रिंटर से पिंट अच्छा नहीं आता है
Daisy Printers (डेजी प्रिटर्स)
ये प्रिंटर भी बिल्कुल Dot Matrix की तरह होता है इसमें बस हतौडे की जगह एक Wheel लगा होता है जिसके जरिए किसी पेपर को प्रिंट किया जाता है
Non Impact Printers (नॉन इंपैक्ट प्रिटर्स)
इस तरह के प्रिंटर्स में रिबन नहीं होता है, इसमें लाइट के जरिए स्याही का छिडकाव करके प्रिंट को प्राप्त किया जाता है, इस तरह के प्रिंटर से कार्बन कॉपी प्राप्त नहीं की जा सकती है, इस तरह के प्रिंटर्स की गति तेज होती है, इस तरह के प्रिंटर से काला तथा किसी और कलर का आउटपुट प्राप्त किया जा सकता है, इस तरह के प्रिंटर जब चलते हैं तो शोर नहीं करते हैं, नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर्स 3 प्रकार के होते हैं
Thermal Printers (थर्मल प्रिटर्स)
ये नॉन-इम्पैक्ट कैरेक्टर प्रिंटर है इस तरह के प्रिंटर में एक विशेष तरह के कागज का उपयोग किया जाता है इस तरह के प्रिंटर से प्रिंट अच्छा आता है, जब आप इस प्रिंटर से प्रिंट करते हैं तो खर्चा ज्यादा होता है Ink Jet Printer
इस तरह के प्रिंटर्स में स्याही की एक Bottle रखी जाती है इन प्रिंटर्स में प्रिंट हैड होता है जिसमें 64 छोटे नोजल हो सकते हैं इस तरह के प्रिंटर्स की गुणवक्ता बहुत अच्छी होती है आज घरों में ऑफिसों में इस तरह के प्रिंटर्स का उपयोग किया जाता है
Laser Printers (लेजर प्रिटर्स)
यह बहुत ही उच्च गति का प्रिंटर होता है इसमें Semiconductor लेजर बीम, प्रकाशीय ड्रम तथा आवेशित स्याही टोनर का उपयोग किया जाता है, लेजर प्रिंटर्स की गुणवक्ता बहुत अच्छी होती है इसका उपयोग Desktop Publishing (DTP) में बहुत ज्यादा किया जाता है
Plotter ( प्लॉटर)
Plotter एक आउटपुट डिवाइस है, इन्हें अच्छी क्वालिटी के ग्राफिक्स एवं डिजाइन में इस्तेमाल किया जाता है, इसमें ग्राफिक्स या डिजाइन बनाने के लिए इंकपेन या इंकजैट का प्रयोग किया जाता है, अगर आप चाहे तो सिंगल कलर या मल्टी कलर पेनों का इस्तेमाल कर सकते हैं
Monitor ( मॉनीटर )
मॉनीटर एक आउटपुट डिवाइस है इसे Visual Display Unit भी कहा जाता है यह देखने में बिल्कुल टीवी की तरह दिखता है, बिना मॉनीटर के कंप्यूटर अधूरा माना जाता है यह आउटपुट को स्क्रीन पर Soft Copy के रूप में प्रदर्शित करता है अगर आपको मॉनीटर की स्क्रीन को मापना हो तो उसे Diagonally मापा जाता है, मॉनीटर कलर या ब्लैक एण्ड व्हाइट टाइप के अनुसार ही टेक्स्ट या पिक्चर को दिखाते हैं, मॉनीटर सॉफ्ट आउटपुट को प्राप्त करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं
Speaker ( स्पीकर)
स्पीकर एक आउटपुट डिवाइस होता है जिसका इस्तेमाल किसी भी तरह के ऑडियो या वीडियो क्लिक को सुनने के लिए किया जाता है, अगर आप मूवी देखने के ज्यादा शोकिन है तो आपको अपने सिस्टम में स्पीकर लगाने की जरूरत होती है क्योंकि उसके जरिए आप अच्छी और साफ तरह से सुन सकते हैं, स्पीकर छोटे साइज के होते हैं और प्लास्टिक के बने होते हैं
ये ऐसे डिवाइस होते हैं जिसके जरिए आपका सिस्टम अच्छी तरह से और जल्दी काम करता है तो मैं आशा करता हूं कि मेरे द्वारा जो आपको इनपुट आउटपुट की जानकारी दी गई हैं वो आपको जरूर पसंद आई होगी अगर हां तो कमेंट करके जरूर बताएं हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा
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जहां से आप डीसीए (Diploma In Computer Application) कोर्स कर सकते है। यह काफी प्रोफेशनल और यूज़फुल कोर्स है। जिसकी मदद से आप कंप्यूटर के बारे में ढेर सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं जैसे कि
Diploma in Computer Application in Hindi
- कंप्यूटर फंडामेंटल (Computer Fundamental)
- माइक्रोसॉफ्ट वर्ड (Microsoft Word)
- माइक्रोसॉफ्ट एक्सल (Microsoft Excel (Beginners to Advance)
- माइक्रोसॉफ्ट पावर पॉइंट (Microsoft PowerPoint)
- माइक्रोसॉफ्ट एक्सेस (Microsoft Access)
- माइक्रोसॉफ्ट पब्लिशर (Microsoft Publisher)
- माइक्रोसॉफ्ट आउटलुक (Microsoft Outlook)
- टैली प्राइम + जीएसटी रिटर्न्स (Tally Prime with GST Returns)
- फोटोशॉप (Photoshop Full Course)
- कोरल ड्रॉ (CorelDraw Full Course)
- एक्सेल एम आई एस (Excel MIS Full Course)
- एक्सेल पावर क्वेरी (Excel Power Query Full Course)
- गूगल शीट्स (Google Sheets Full Course)
- वीडियो एडिटिंग (Video Editing Full Course)
- एचटीएमएल (HTML Full Course)
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