ली-आयन और ली-पॉली बैटरी में क्या अंतर है What Is The Difference Between Li-Ion And Li-Poly Battery In Hindi

आप जब भी कोई नया स्मार्टफोन या कोई पोर्टेबल गैजेट्स जैसे पावर बैंक खरीदने जाते हैं तो हमेशा यह जरूर देखते हैं की यह एक अच्छी बैटरी लाइफ है या नहीं क्योंकि किसी भी डिवाइस के लिए बैटरी सबसे अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है किन्तु यहां भ्रमित करने वाली एक बात यह है की कौन सी बैटरी को चुनना चाहिए लिथियम आयन या लिथियम पॉलिमर बैटरी क्योंकि बाजारों में यही दो प्रकार की बैटरी का उपयोग सभी स्मार्टफोन और पोर्टेबल गैजेट्स में किया जाता है |






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क्या आप जानते हैं?


आज मैं आपको इस आर्टिकल में बताऊंगा की “लिथियम आयन और लिथियम पॉलिमर बैटरी में क्या अंतर है What Is The Difference Between Lithium Ion And Lithium Polymer Battery In Hindi”, कौन सी बेहतर बैटरी है, इन दोनों बैटरी का इतिहास क्या है इससे सम्बंधित सभी जानकारियां आपको इस पोस्ट में दी जाएँगी ताकि आगे कभी भी आपको बैटरी का चुनाव करने में कोई परेशानी न हो तो इस टेक्नोलॉजी के बारे में जानने के लिए इस लेख को अंतिम तक अवश्य पढ़ें |

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Li-Ion And Li-Poly Battery में क्या अंतर है ?

Table of Contents

लिथियम आयन बैटरी क्या है What Is Lithium Ion Battery

लिथियम आयन बैटरी का उपयोग काफी लम्बे समय से किया जा रहा यह एक रिचार्जेबल बैटरी श्रृंखला की एक कड़ी है और आज भी बहुत सारे स्मार्टफोन, पोर्टेबल गैजेट्स एवं अन्य उपकरणों में किया जा रहा है, लिथियम आयन बैटरी, बैटरी के दो इलेक्ट्रोड के बीच विद्युत आवेश परिवहन के लिए लिथियम आयनों का उपयोग करती है, जो आमतौर पर लिथियम कोबाल्ट ऑक्साइड या लिथियम आयरन फॉस्फेट जैसे लिथियम यौगिक से बने होते हैं। अतः लिथियम आयन बैटरी में कई प्रमुख तत्वों का संयोजन होता है जैसे:-

1. इलेक्ट्रोड (Electrodes) : लिथियम आयन बैटरी में दो इलेक्ट्रोड होते हैं एक सकारात्मक इलेक्ट्रोड जिसे कैथोड कहते हैं और दूसरा नकारात्मक इलेक्ट्रोड जिसे एनोड कहते हैं, यह मुख्य रूप से धातु ऑक्साइड और कार्बन सामग्री से बने होते हैं।

2. इलेक्ट्रोलाइट (Electrolyte) : उसके बाद इलेक्ट्रोलाइट तत्व का उपयोग किया जाता है जो इलेक्ट्रोड को अलग करता है यह एक तरल या जेल जैसा पदार्थ होता है जो दो इलेक्ट्रोड के बीच आयनों के प्रवाह की अनुमति देता है |

3. विभाजक (Separator) : विभाजक एक एक पतली, छिद्रपूर्ण सामग्री है जो इलेक्ट्रोड के बीच में उपस्थित रहती है और उन्हें एक दूसरे के संपर्क में आने से रोकती है यह लघु सर्किट और अन्य सुरक्षा मुद्दों से बचने के लिए काफी महत्वपूर्ण है |

4. वर्तमान संग्राहक (Current collectors) : वर्तमान संग्राहक एक प्रवाहकीय सामग्री है जो बैटरी द्वारा उत्पन्न विद्युत प्रवाह को एकत्र करने का काम करती है |

लिथियम आयन बैटरी का इतिहास History Of Lithium Ion Battery

लिथियम-आयन बैटरी का इतिहास काफी पुराना है ऐसे तो इसे 1912 में विकसित किया गया किन्तु इसकी लोकप्रियता 1990 के दशक में शुरू हुई आइये इसके पीछे की और सम्पूर्ण इतिहास के बारे में समझते हैं:-

  • 1970 के दशक में यूके (UK) में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और अमेरिका के ऑस्टिन में टेक्सास विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने बैटरी में उपयोग के लिए लिथियम-आधारित सामग्री का प्रयोग करना शुरू किया |
  • 1980 के दशक में पहली वाणिज्यिक लिथियम आयन बैटरी विकसित की गई थी |
  • 1985 में डॉ – अकीरा योशिनो के नेतृत्व में जापान में सोनी कॉरपोरेशन के शोधकर्ताओं की एक टीम ने पहली व्यावहारिक लिथियम आयन बैटरी विकसित की।
  • 1990 में इस तकनीक का व्यवसायीकरण किया जिसमें पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, जैसे कैमरों और कैमकॉर्डर्स में उपयोग के लिए पहली लिथियम-आयन बैटरी शुरू हुई।

उसके बाद से लिथियम-आयन बैटरी अपने उच्च ऊर्जा घनत्व, कम आत्म-निर्वहन दर और लंबे चक्र जीवन के कारण तेजी से लोकप्रिय हो गई है, अब वे स्मार्टफोन और लैपटॉप से लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों और ग्रिड एनर्जी स्टोरेज सिस्टम तक, अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला में उपयोग किए जाते हैं।

लिथियम आयन बैटरी के फायदे Advantages Of Lithium Ion Battery

लिथियम आयन बैटरी के बहुत सारे फायदे हैं जो इस प्रकार है:-

1. लागत (Cost) :

लिथियम आयन बैटरी को बनाने में काफी कम खर्च होता है मैन्युफैक्चरर के द्वारा इसलिए जितने भी कम दामों वाले स्मार्टफोन हैं सभी में लिथियम आयन बैटरी का ही उपयोग किया जाता है |

2. उच्च शक्ति घनत्व (High Power Density) :

लिथियम आयन बैटरी अन्य बैटरी की तुलना में अधिक ऊर्जा घनत्व होता है इसका मतलब यह है कि लिथियम आयन बैटरी 3 से 4 गुणा तक चार्ज स्टोर कर सकती है और यह एक छोटे से स्थान में अधिक उर्जा संग्रहित करने की अनुमति देती है |

3. अधिक जीवन काल (More Life Span) :

लिथियम आयन बैटरी का जीवनकाल अन्य प्रकार की बैटरी की तुलना में अधिक होती है, अगर इसे अच्छे से रखा जाए तो यह 2 से 3 साल या इससे भी अधिक तक चल सकती है |

4. सामग्री वोल्टेज की आपूर्ति (Content Voltage Supply) :

लिथियम आयन बैटरी कंटेंट वोल्टेज सप्लाई देती है मतलब कि आप अपने फोन पर कितना भी लोड दें वह वोल्टेज सप्लाई में बदलाव नहीं करती है इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप आसानी से लंबे समय तक अपने फोन को बिना कोई परेशानी के उपयोग कर सकते हैं |

तो कुल मिलाकर लिथियम आयन बैटरी के बहुत प्रकार के फायदे उपलब्ध हैं जिसकी वजह से यह अन्य उपकरणों में उपयोग के लिए अधिक लोकप्रिय है |

लिथियम आयन बैटरी के नुकसान Disadvantages Of Lithium Ion Battery

लिथियम आयन बैटरी के फायदे के साथ – साथ इसके कुछ नुकसान भी हैं जो इस प्रकार है:-

1. कम दक्षता दर (Low Efficiency Rate) :

लिथियम आयन बैटरी भले ही अत्यधिक समय तक चलती है किंतु इसकी दक्षता दर कम होती है यानी की बैटरी को आपको बार – बार चार्ज करने की आवश्यकता होती है |

2. उच्च तापमान के प्रति संवेदनशील/असुरक्षित (Sensitive/Unsecured To High Temperatures) :

उच्च तापमान के संपर्क में आने पर लिथियम आयन बैटरी क्षतिग्रस्त हो सकती है अतः स्मार्टफोन ओवरहिट हो जाते हैं जिससे बैटरी अस्थिर हो जाती है और आग पकड़ने का खतरा रहता है जिससे की यह खतरनाक हो सकती है, जो कुछ अनुप्रयोगों में उनके उपयोग को सीमित कर सकती है।

3. सीमित जीवनकाल (Limited Lifetime) :

भले ही लिथियम आयन बैटरी अन्य बैटरी की तुलना में जीवनकाल है किंतु फिर भी इसके पास सीमित जीवनकाल है जो समय के साथ इसे बदलने की आवश्यकता होती है |

4. कमजोर (Fragile) :

लिथियम आयन बैटरी अत्यधिक कमजोर एवं नाजुक होती है क्योंकि इसके अंदर तरल रासायनिक इलेक्ट्रोलाइट पदार्थ का उपयोग किया गया है इसलिए हमें लिथियम आयन बैटरी को अत्यधिक संभाल कर रखने की आवश्यकता होती है |

तो कुल मिलाकर लिथियम आयन बैटरी के फायदे हैं जो अनुप्रयोगों की एक विशिष्ट लोकप्रिय बनाती है किंतु इसके कुछ नुकसान होने की वजह से विशिष्ट अनुप्रयोग के लिए बैटरी प्रकार चुनते समय विचार किया जाना चाहिए |

लिथियम पॉलिमर बैटरी क्या है What Is Lithium Polymer Battery

लिथियम पॉलीमर बैटरी लिथियम आयन बैटरी की तुलना में नई टेक्नोलॉजी है और यह एक प्रकार की रिचार्जेबल बैटरी है इसमें लिथियम आयन के समान ही तत्वों का उपयोग किया जाता है किंतु इसमें ठोस यानी कि पॉलीमर इलेक्ट्रोलाइट का प्रयोग किया जाता है, पॉलिमर इलेक्ट्रोलाइट एक पतली, अधिक लचीली बैटरी की अनुमति देती है जिसे छोटी जगहों में फिट करने के लिए विभिन्न आकार दिया जा सके |

लिथियम पॉलिमर बैटरी का इतिहास History Of Lithium Polymer Battery

लिथियम पॉलीमर बैटरी टेक्नोलॉजी का इतिहास आयन बैटरी की तुलना में नयी है आइए इसके पीछे के इतिहास के बारे में विस्तारपूर्वक समझते हैं:-

  • 1970 के दशक में लिथियम पॉलीमर बैटरी के विकास का पता लगाया था अतः वैज्ञानिकों ने सॉलिड-स्टेट बैटरियों को विकसित करने पर काम करना शुरू किया जो पारंपरिक तरल इलेक्ट्रोलाइट बैटरियों की तुलना में अधिक सुरक्षित और स्थिर है |
  • 1991 में, सोनी नामक एक जापानी कंपनी ने पहली लिथियम-आयन बैटरी का व्यवसायीकरण किया, जिसमें एक तरल इलेक्ट्रोलाइट का उपयोग किया गया था।
  • अतः लिथियम पॉलीमर बैटरी 1970 के दशक में खोजा गया था किंतु इसकी लोकप्रियता हाल के वर्षों में ही लगभग 2000 के दशक में शुरू हुई |

आज, लिथियम पॉलीमर बैटरी का उपयोग व्यापक रूप से किया जा रहा है किंतु अभी भी इसकी कीमत थोड़ी महंगी है लेकिन आने वाले समय में इसकी मांग अत्यधिक बढ़ने पर लागत मूल्य कम हो सकती है और हम लिथियम आयन बैटरी के समान ही लिथियम पॉलीमर बैटरी का भी उपयोग सस्ते में कर सकते हैं |

लिथियम पॉलिमर बैटरी के फायदे Advantages Of Lithium Polymer Battery

लिथियम पॉलीमर बैटरी के बहुत सारे फायदे हैं जो इस प्रकार है:-

1. सुरक्षित (Safe) :

यह बैटरी काफी सुरक्षित होती है क्योंकि इसे एलुमिनियम की पैकेजिंग की जाती है और इसमें तरल इलेक्ट्रोलाइट के बजाय पॉलिमर इलेक्ट्रोलाइट यानी की ठोस पदार्थ का उपयोग किया जाता है जो विस्फोट या खतरनाक होने से बचाती है |

2. उच्च ऊर्जा घनत्व एवं हल्का वजन (High Energy Density & Light Weight) :

लिथियम पॉलीमर बैटरी में अन्य प्रकार की बैटरी की तुलना में अत्यधिक ऊर्जा घनत्व होता है और यह वजन में हल्की होती है क्योंकि इसमें कोई भी तरल पदार्थ का उपयोग नहीं किया जाता है और हल्की पैकेजिंग एवं वजन होने की वजह से यह अधिक उर्जा संग्रहित करती है और इसे पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे लैपटॉप, स्मार्टफोन इत्यादि में अधिक उपयोग किया जाता है |

3. अत्यधिक लचीला (Highly Flexible) :

लिथियम पॉलीमर बैटरी अत्यधिक लचीली होती है यानी कि इसे विभिन्न आकारों में बनाया जा सकता है और इसे आसानी से किसी भी सांचे में ढाला जा सकता है जिससे यह विभिन्न उत्पादों के लिए अत्यधिक अनुकूल हो जाती है और यह आसानी से घुमावदार या अनियमित आकार के उपकरणों में फिट हो सकती है।

4. कम स्व-निर्वहन स्तर (Low Self-Discharge Level) :

लिथियम पॉलीमर बैटरी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह कम निर्वहन स्तर को कुशल बनाती है मतलब कि यदि आप अपने फोन को रख देते हैं तो आपके फोन की बैटरी की खपत कम होगी वहीं लिथियम आयन बैटरी में फोन के उपयोग न करने के बावजूद भी फोन की बैटरी खत्म हो जाती है |

5. अधिक जीवनकाल (Long Life) :

लिथियम पॉलीमर बैटरी अन्य रिचार्जेबल बैटरी की तुलना में अधिक दिन तक चलती है और इसे तुरंत ही बदलने की आवश्यकता नहीं होती है इसके साथ ही यह पर्यावरण के अनुकूल भी है यानी कि आप अपने फोन को अगर सनलाइट में रख देते हैं तो इससे इसकी बैटरी को नुकसान नहीं होती है |

तो कुल मिलाकर लिथियम पॉलीमर बैटरी अत्यधिक कुशल है और उपभोक्ताओं एवं मैन्युफैक्चरर्स के लिए काफी आकर्षक विकल्प बनाती है, जो अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए विश्वसनीय और कुशल ऊर्जा स्रोतों की तलाश कर रहे हैं।

लिथियम पॉलिमर बैटरी के नुकसान Disadvantages Of Lithium Polymer Battery

लिथियम पॉलीमर बैटरी के फायदों के साथ-साथ इसके कुछ नुकसान भी है तो आइए समझते हैं:-

1. उच्च लागत मूल्य (High Cost Price) :

लिथियम पॉलीमर बैटरी की कीमत अन्य रिचार्जेबल बैटरी की तुलना में बहुत ही अत्यधिक होती है यह महंगे स्मार्टफोन में उपयोग की जाती है किंतु इसकी बाजारी पूंजीकरण बढ़ने से हो सकता है भविष्य में हम इसे कम कीमत में देख सकते हैं |

2. सीमित जीवनकाल (Limited Lifetime) :

भले ही लिथियम पॉलीमर बैटरी का जीवनकाल अधिक हो किंतु फिर भी इसके पास सीमित जीवनकाल ही होता है और यह बैटरी लगभग 4 से 5 साल तक चलती है |

ली-आयन और ली-पॉली बैटरी के बीच मूल अंतर Basic Difference Between Li-Ion And Li-Poly Battery

लिथियम आयन बैटरी और लिथियम पॉलिमर बैटरी के बीच मुख्य अंतर है:-

  • लिथियम आयन बैटरी में तरल इलेक्ट्रोलाइट पदार्थ का उपयोग किया जाता है, जबकि लिथियम पॉलीमर बैटरी में ठोस इलेक्ट्रोलाइट पदार्थ का उपयोग किया जाता है |
  • ली-आयन बैटरी काफी पुराना है, जबकि ली-पॉली बैटरी ली-आयन बैटरी की तुलना में नया है |
  • ली-आयन बैटरी, ली-पॉली की तुलना में कम ऊर्जा घनत्व है, जबकि यह ली-आयन की तुलना में उच्च ऊर्जा घनत्व है |
  • ली-आयन बैटरी अत्यधिक मोटी होती है और इसे अधिकतर बेलनाकार या आयताकार के आकार में बनाया जाता है, ली-पॉली बैटरी अत्यधिक पतली एवं लचीली होती है इसे विभिन्न आकारों में डिजाइन किया जा सकता है |
  • ली-आयन बैटरी को अधिक चार्जिंग की आवश्यकता होती है, जबकि लिथियम पॉलीमर बैटरी को अत्यधिक तेजी से चार्ज किया जा सकता है |
  • यह बैटरी अत्यधिक सस्ती होती है, जबकि ली-आयन की तुलना में यह बैटरी अत्यधिक महंगी होती है |
  • ओवरहीटिंग एवं ओवरचार्जिंग के मामले में यह बैटरी खतरनाक हो सकती है एवं इसमें आग लगने का खतरा भी अत्यधिक रहता है, किंतु लिथियम पॉलीमर बैटरी में आग लगने का कम जोखिम रहता है |
  • इस बैटरी का जीवनकाल कम होता है, ली-आयन की तुलना में लिथियम पॉलीमर बैटरी बैटरी का जीवनकाल अधिक होता है |

आधुनिक तकनीक में ली-पॉली की अधिक मांग क्यों है Why Is There A High Demand For Li-Poly In Modern Technology

लिथियम पॉलीमर बैटरी नवीनतम तकनीकों में अत्यधिक मांग है ऐसा इसलिए क्योंकि यह अत्यधिक पतली एवं लचीली होती है जिसकी वजह से इसे किसी भी आकार में ढाला जा सकता है और यह काफी हल्की भी होती है जितने भी महंगे स्मार्टफोन हैं सभी में लिथियम पॉलीमर बैटरी का ही इस्तेमाल किया जाता है ताकि बैटरी को कम से कम जगहों में भी लगाया जा सके |

इसके अतिरिक्त स्मार्टवॉच और अन्य उपकरणों में भी लिथियम पॉलीमर बैटरी का उपयोग किया जाता है इसके साथ ही लिथियम पॉलीमर बैटरी, लिथियम आयन बैटरी की तुलना में अधिक सुरक्षित है |

यही कारण है कि इसकी आधुनिक तकनीकों में अधिक मांग है किंतु लिथियम पॉलीमर बैटरी और लिथियम आयन बैटरी दोनों ही महत्वपूर्ण है और दोनों ही सभी गैजेट्स में इस्तेमाल की जाती हैं और दोनों की अपनी-अपनी विशेषताएं एवं नुकसान है |

बैटरी में एमएएच क्या होता है What Is mAh In Battery

लिथियम पॉलीमर बैट्री हो या लिथियम आयन बैटरी आपने यह जरूर देखा होगा कि इस स्मार्टफोन में 3000 एमएएच की बैटरी है और इस स्मार्टफोन में 4000 एमएएच की बैटरी है तो यह एमएएच क्या है इसके बारे में हम विस्तार पूर्वक समझते हैं |

एमएएच बैटरी के ताकत को मापने का एक पैमाना है जिसका फुल फॉर्म मिलीएंपियर आवर होता है 1मिलिएंपियर आवर एक एंपियर आवर का एक हजारवां भाग है इस तरह से, 1 एंपियर आवर = 1000 मिलिएंपियर। अतः बैटरी चार्ज को एम्पियर के माध्यम से मापा जाता है और डिवाइस में चार्ज के लिए मिलिएंपियर आवर को पैमाना बनाया जाता है |

यह वर्तमान की मात्रा का प्रतिनिधित्व करता है जो एक बैटरी समाप्त होने से पहले एक घंटे के लिए आपूर्ति कर सकती है। उच्च एमएएच रेटिंग वाली बैटरी आमतौर पर कम एमएएच रेटिंग वाली बैटरी की तुलना में अधिक समय तक बिजली प्रदान कर सकती है, उदाहरण के लिए अगर किसी स्मार्टफोन की बैटरी 3000 mAh है तो यह एक घंटे के लिए 3000 मिलीएम्पियर करंट की आपूर्ति कर सकती है इत्यादि |

ली-आयन एवं ली-पोली बैटरी पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न FAQs on Li-Ion And Li-Poly Batteries

Q1. ली-आयन एवं ली-पॉली बैटरी में सबसे ज्यादा सुरक्षित कौन है?

Ans – ली-पॉली बैटरी, ली-आयन बैटरी की तुलना में ज्यादा सुरक्षित है मुख्यतः इसकी पैकेजिंग के कारण जो की एल्युमीनियम की होती है |

Q2. ली-आयन या ली-पॉलीमर में से किस फोन की बैटरी बेहतर है?

Ans – दोनों बैटरी के अपने – अपने फायदे एवं नुकसान हैं इसलिए कोई स्पष्ट कारण नहीं है कि ली-आयन बैटरी और ली-पॉलीमर बैटरी के बीच कौन सी फोन की बैटरी बेहतर है | अतः बैटरी के प्रकार का चुनाव विशिष्ट जरूरतों और फोन के डिजाइन की आवश्यकताओं पर निर्भर करता है।

Q3. क्या ली-पॉलिमर बैटरी ओवरचार्ज होती हैं?

Ans – पॉलीमर बैटरी का दुरुपयोग करने वाले सबसे आम तरीकों में से यह है की लोग अपने फोन को कैसे चार्ज करते हैं अगर वह अपने स्मार्टफोन को बहुत ही अधिक समय तक चार्ज पर लगा हुआ छोड़ देते हैं तो यह पॉलीमर बैटरी की प्रदर्शन को कम कर सकता है और इससे आपकी बैटरी क्षतिग्रस्त हो सकती हैं, इसके अतिरिक्त ली-पॉलीमर बैटरी में ओवरचार्जिंग को रोकने के लिए एक अंतर्निहित तंत्र होता है, इसलिए उन्हें सामान्य परिस्थितियों में ओवरचार्ज नहीं करना चाहिए।

Q4. लिथियम आयन बैटरी का उपयोग कहां किया जाता है?

Ans – लिथियम आयन बैटरी टेक्नोलॉजी का उपयोग स्मार्टफोन, साधारण टॉर्च एवं जितने भी घरेलू इलेक्ट्रॉनिक सामान हैं सभी में किया जाता है इसके अतिरिक्त आपने देखा होगा की लिथियम आयन बैटरी की एक सेल आती है जो लैपटॉप में आपको देखने को मिलती है और अधिकतर लैपटॉप में लिथियम आयन बैटरी का भी उपयोग किया जाता है |

Q5. लिथियम पॉलीमर बैटरी का उपयोग कहां किया जाता है?

Ans – लिथियम पॉलीमर बैटरी का उपयोग उनकी हल्की वजन एवं विभिन्न आकारों के कारण निम्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में जैसे महंगे स्मार्टफोन, ड्रोन, खिलौने वाले हेलीकॉप्टर, कैमरा, म्यूजिक प्लेयर, लैपटॉप, टैबलेट इत्यादि अन्य अनुप्रयोगों में किया जाता है जिनके लिए उच्च ऊर्जा घनत्व और लंबे जीवन काल की आवश्यकता होती है। इसके अतिरिक्त ड्रोन जैसे उपकरणों में कई मोटर लगे होते हैं और उन्हें एक झटके में चलाना होता है इसलिए ऐसे में हमें लिथियम पॉलीमर बैटरी ही देखने को मिलती हैं |

आपने क्या सीखा What Have You Learned

इस आर्टिकल में आपने सीखा कि लिथियम पॉलीमर बैटरी और लिथियम आयन बैटरी क्या है, दोनों के क्या फायदे एवं नुकसान हैं और इन दोनों के बीच क्या अंतर है इत्यादि कुल मिलाकर लिथियम पॉलीमर बैटरी और लिथियम आयन बैटरी दोनों ही सभी डिवाइसेज में उपयोग की जाती हैं उनकी जरूरतों के अनुसार |

महंगे स्मार्टफोन और जितने भी कर्व स्मार्टफोन हैं उनमें लिथियम पॉलीमर बैटरी का उपयोग किया जाता है ताकि बैटरी को विभिन्न आकार दिया जा सके | मैं आशा करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई यह जानकारी आप लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण होगी और आज आपको बहुत कुछ सीखने को मिले होंगे इसके अतिरिक्त आपके मन में उठ रहे प्रश्नों के जवाब भी मिल गए होंगे की कौन सी बैटरी बेहतर है, अगर इससे संबंधित आपके पास कोई भी प्रश्न हो तो हमें कमेंट करके अवश्य बताएं |

अतः आपको यह पोस्ट पसंद आई हो तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें ताकि उन सभी को बैटरी टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके धन्यवाद |

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