डेटा कम्प्रेशन क्या है और इसके प्रकार What Is Data Compression And Its Types In Hindi

आज के इस इंटरनेट के दौर में हम सभी अपने काम अधिकतर मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर डिवाइस से करते हैं ऐसे में हम अधिक से अधिक डेटा को स्टोर करते हैं और ऐसे बहुत सारे फाइल्स होते हैं जो शेयर करने होते हैं किन्तु डेटा का साइज बड़ा होने की वजह से स्टोरेज की क्षमता बहुत ही कम हो जाती है और किसी को भी फाइल शेयर करने में मुश्किल होती है तो यहीं पर बात आती है डेटा कम्प्रेशन की यह एक टेक्नोलॉजी है जो डेटा को छोटा कर देती है |






Text Block with Bulb and Link


💡
क्या आप जानते हैं?


आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे की “डेटा कम्प्रेशन क्या है और इसके कितने प्रकार हैं What Is Data Compression And Its Types In Hindi”, यह कैसे काम करता है, इसके क्या उपयोग हैं, इसके क्या फायदे एवं नुकसान हैं इत्यादि इससे सम्बंधित सारी जानकारियां आपको इस पोस्ट में दी जाएँगी तो डेटा कम्प्रेशन टेक्नोलॉजी के बारे में जानने के लिए इस लेख को अंतिम तक अवश्य पढ़ें |

यह भी पढ़ें – डेटा स्ट्रक्चर में E-Tree क्या है एवं इसके क्या उपयोग हैं

Data Compression क्या है

डेटा कम्प्रेशन क्या है What Is Data Compression

डेटा कम्प्रेशन एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जो डेटा की बिट्स को इस तरह से संशोधित या एन्कोडिंग करती है की डेटा का आकार कम हो जाये अगर सरल शब्दों में कहें तो डेटा कम्प्रेशन का मुख्य काम है दोहराए जाने वाले डेटा को कम करने के लिए उसे हटाना या बदल देना |

डेटा कम्प्रेशन एक से अधिक डेटा तत्त्वों के संग्रहण के आकार को कम करने में मदद करता है जिससे डेटा को स्टोर करने के लिए काफी जगह मिलती है और तेजी से फाइल को शेयर किया जा सकता है अतः डेटा कम्प्रेशन को सोर्स कोडिंग या बिट-रेट रिडक्शन के रूप में भी जाना जाता है |

डेटा कम्प्रेशन का व्यापक उपयोग कंप्यूटिंग सेवाओं और समाधानों जैसे डिजिटल मीडिया, कंप्यूटर नेटवर्क, संग्रह और बैकअप सिस्टम सहित कई प्रकार के अनुप्रयोगों में किया जाता है, डेटा कम्प्रेशन कई कम्प्रेशन तकनीक एवं सॉफ्टवेयर के माध्यम से काम करता है जो डेटा के आकार को कम करने के लिए डेटा कम्प्रेशन एल्गोरिदम का उपयोग किया जाता है |

डेटा कम्प्रेशन के प्रकार Types Of Data Compression

डेटा कम्प्रेशन तकनीक के दो प्रकार हैं लॉसलेस डेटा कम्प्रेशन और लॉसी डेटा कम्प्रेशन आइये अब इसके बारे में विस्तारपूर्वक समझते हैं की यह दोनों क्या हैं:-

1. लॉसलेस डेटा कम्प्रेशन क्या है What Is Lossless Data Compression

लॉसलेस डेटा कम्प्रेस एक प्रकार का डेटा कम्प्रेशन तकनीक है जिसमें डेटा की कोई हानि नहीं होती है और मूल डेटा को डिकम्प्रेस किये जाने के पश्चात् भी डेटा को पुनर्प्राप्त किया जा सकता है वह भी बिना डेटा के हानि हुए | अतः लॉसलेस डेटा कम्प्रेस एल्गोरिथ्म के उदाहरण हैं रन-लम्बाई एन्कोडिंग, हफमैन कोडिंग, अंकगणितीय कोडिंग, और LZW (लेम्पेल-जिव-वेल्च) कम्प्रेशन इत्यादि अतः इसका उपयोग वहां किया जाता है जहां डेटा बहुत अधिक महत्वपूर्ण है जैसे वैज्ञानिक डेटा, पाठ फाइलों और चिकित्सा छवियों इत्यादि में |

2. लॉसी डेटा कम्प्रेशन क्या है What Is Lossy Data Compression

लॉसी डेटा कम्प्रेशन भी एक प्रकार का डेटा कम्प्रेशन तकनीक है किन्तु इसमें डेटा की हानि हो जाती है और डिकम्प्रेस किये गए डेटा को वापस पुनर्प्राप्त नहीं किया जा सकता है अतः इसमें फाइलों के आकार को कम करने के लिए कुछ डेटा खो जाते हैं |

लॉसी डेटा कम्प्रेशन एल्गोरिथ्म के उदाहरण हैं असतत कोसाइन ट्रांसफॉर्म  (DCT), फ्रैक्टल कम्प्रेशन, ट्रांसफॉर्म कोडिंग और MPEG (मोशन पिक्चर एक्सपर्ट्स ग्रुप) कम्प्रेशन हानिपूर्ण कम्प्रेशन इत्यादि और इसका उपयोग वहां किया जाता है जहां थोड़ी बहुत डेटा की हानि स्वीकार्य है जैसे ऑडियो, वीडियो और इमेज फाइलों में इत्यादि |

लोकप्रिय डेटा कम्प्रेशन तकनीक Popular Data Compression Techniques

बहुत सारे डेटा कम्प्रेशन तकनीकों का उपयोग किया जाता है यहां पर मैं आपको कुछ पॉपुलर तकनीक के बारे में बताया हूँ जो इस प्रकार है:-

1. हफमैन कोडिंग (Huffman Coding)

हफमैन कोडिंग एक दोषरहित डेटा (Lossless Data) कम्प्रेशन एल्गोरिथ्म है जो टेक्स्ट डेटा को कम्प्रेस करने के लिए व्यापक रूप से इसका उपयोग किया जाता है इस डेटा कम्प्रेशन तकनीक को 1952 में डेविड ए. हफमैन के द्वारा विकसित किया गया था |

हफमैन कोडिंग में फाइलों को प्रत्येक वर्ण को उसकी आवृति के आधार पर एक चर-लम्बाई कोड सौंपा गया है अतः आने वाले वर्णों को छोटे कोड निर्दिष्ट किये जाते हैं, जबकि कम बार आने वाले वर्णों को लम्बे कोड निर्दिष्ट किए जाते हैं और अंत में इसका परिणाम यह होता है की स्टोरेज स्थान का अधिक कुशलता से उपयोग किया जाता है और अक्सर आने वाले वर्णों को कम बिट्स का उपयोग करके दर्शाया जाता है |

उदाहरण के लिए नीचे कुछ स्टेप्स दिए गए हैं जिससे आपको हफमैन कोडिंग के कौन – कौन से नियम हैं और आपको इसे समझने में भी आसानी होगी:-

  • सबसे पहले फाइल में मौजूद प्रत्येक आवृति की गणना की जाती है |
  • उसके बाद पत्ती के नोड के रूप में एक बाइनरी ट्री बनाया जाता है |
  • उसके बाद प्रत्येक शाखा को पेड़ की जड़ से शुरू करते हुए 0 या 1 के रूप में असाइन किया जाता है |
  • टेक्स्ट फाइल को एनकोड करने के लिए असाइन किए गए कोड का उपयोग किया जाता है।
  • अतः अंतिम में एन्कोडेड टेक्स्ट फाइल को उसके मूल रूप में वापस लाने के लिए बाइनरी ट्री का उपयोग किया जाता है |

3. अंकगणित कोडिंग (Arithmetic Coding)

अंकगणितीय कोडिंग भी एक दोषरहित डेटा कम्प्रेशन एल्गोरिथ्म है जो सम्पूर्ण फाइल को एकल दशमलव संख्या में प्रतीकों के अनुक्रम के रूप में एन्कोड करता है यह हफमैन कोडिंग की पारम्परिक तरीकों की तुलना में अधिक कुशल कम्प्रेस प्रदान करता है अंकगणितीय कोडिंग हफमैन कोडिंग की तुलना में विपरीत कार्य करता है |

अतः हफमैन कोडिंग में वर्णों को निश्चित लम्बाई कोड प्रदान करता है, जबकि अंकगणितीय कोडिंग में वर्ण के लिए मानों की एक श्रृंखला निर्दिष्ट की जाती है यह फाइल को 0 और 1 के बीच में एक अंश रूप में प्रस्तुत करता है |

आइये अब इसके नियमों के बारे में भी जानते हैं की फाइल को कैसे एन्कोडेड किया जाता है अतः नीचे दिए गए स्टेप्स को ध्यानपूर्वक पढ़ें:-

  • सबसे पहले फाइल को प्रत्येक वर्ण की आवृत्ति को निर्धारित किया जाता है |
  • उसके बाद आवृत्ति के आधार पर प्रत्येक वर्ण की गणना की जाती है |
  • फिर उसके बाद प्रारम्भिक सीमा को (0,1) के रूप में सेट किया जाता है |
  • उसके बाद फाइलों में प्रत्येक वर्ण के लिए संभावना के आधार पर श्रेणी को अद्यतन (नए हिस्से या नई जानकारी होना) किया जाता है |
  • अतः बाइनरी प्रतिनिधित्व का उपयोग करके अंतिम श्रेणी को एन्कोड किया जाता है |
  • अंतिम में एन्कोडेड फाइलों को डिकोड करने के लिए प्रारंभिक श्रेणी का उपयोग किया जाता है |

अगर अंकगणितीय कोडिंग और हफमैन कोडिंग दोनों एल्गोरिथ्म की बात की जाये तो अंकगणितीय कोडिंग, हफमैन कोडिंग की तुलना में थोड़ा जटिल होता है लेकिन यह बेहतर कम्प्रेस परिणाम प्रदान करता है आमतौर पर बड़ी संख्या में अद्वितीय वर्णों वाले टेक्स्ट डेटा के लिए |

डेटा कम्प्रेशन के अनुप्रयोग Data Compression Applications

डेटा कम्प्रेशन का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक रूप से किया जाता है इसकी एक विस्तृत श्रृंखला होती है आइये इसके अनुप्रयोगों के बारे में समझते हैं अतः डेटा कम्प्रेशन के कुछ आम अनुप्रयोग इस प्रकार हैं:-

1. स्टोरेज कम्प्रेशन  के लिए उपयोग – डेटा कम्प्रेशन का उपयोग डिवाइस में डेटा स्टोरेज को कम करने के लिए किया जाता है जिससे की स्टोरेज की क्षमता कम हो जाये अतः हमें बहुत सारी डेटा को स्टोर करके रखना होता है जिससे की स्टोरेज फुल हो जाती है यहीं पर डेटा कम्प्रेशन का उपयोग किया जाता है उदाहरण के लिए कई डेटा स्टोरेज और डेटाबेस सिस्टम डेटा को स्टोर के लिए डेटा कम्प्रेशन का इस्तेमाल करते हैं जिससे डिस्क के स्थान की मात्रा को कम किया जा सके |

2. नेटवर्क कम्प्रेशन के लिए उपयोग – डेटा कम्प्रेशन का उपयोग नेटवर्क पर प्रसारित डेटा की मात्रा को कम करने के लिए किया जाता है जिससे बैंडविड्थ की मात्रा कम हो जाती है और डेटा स्थानांतरित की गति बढ़ जाती है |

3. फाइल कम्प्रेशन के लिए उपयोग – डेटा कम्प्रेशन का उपयोग डिजिटल फाइलों के आकार को कम करने के लिए किया जाता है क्योंकि डिजिटल फाइलों का आकार काफी बड़ा होता है और उसे स्थानांतरित करने में काफी समय लग जाता है इसीलिए डेटा कम्प्रेशन का उपयोग किया जाता है अतः फाइल स्वरुप जैसे ZIP, RAR और GZIP इत्यादि फाइलों के आकार को कम करने के लिए कम्प्रेशन एल्गोरिदम का उपयोग किया जाता है |

इसके अतिरिक्त डेटा कम्प्रेशन तकनीक का उपयोग ऑडियो, विडिओ एवं छवि फाइलों के आकार को कम करने के लिए किया जाता है जिससे आसानी से डेटा को स्टोर एवं स्थानांतरित किया जा सकता है | कुल मिलाकर डेटा कम्प्रेशन तकनीक का उपयोग कंप्यूटिंग क्षेत्र में हर जगह किया जाता है और डेटा को नेटवर्क में प्रसारित करने के लिए बैंडविड्थ को कम करने में अहम भूमिका निभाता है |

डेटा कम्प्रेशन के फायदे Advantages Of Data Compression

डेटा कम्प्रेशन के निम्न फायदे हैं:-

  • डेटा कम्प्रेशन तकनीक डेटा के आकार को कम कर देता है जिससे आसानी से बहुत सारे डेटा फाइलों को संग्रहित किया जा सकता है |
  • यह फाइल के आकार को कम कर देता है जिसकी वजह से इंटरनेट पर तेजी से फाइल स्थानांतरित होने में सक्षम होता है |
  • जब डेटा कम्प्रेस किया जाता है तो मेमोरी में कम जगह लेता है और मेमोरी पर निर्भर सिस्टम जैसे की डेटाबेस और वेब सर्वर के प्रदर्शन में सुधार किया जा सकता है |
  • डेटा कम्प्रेस होने की वजह से डेटा कम जगह लेता है जिससे बैकअप लेने और रिकवरी करने में आसानी हो जाती है आमतौर पर बड़ी मात्रा में डेटा के लिए आसान होता है |
  • बहुत सारे ऐसे डेटा कम्प्रेशन टूल हैं जिसका उपयोग करना आसान हो जाता है और यह टूल उपयोगकर्ता के अनुकूल होते हैं |
  • कम्प्रेस की गयी डेटा मूल डेटा की तुलना में तेजी से पढ़ा और लिखा जा सकता है |

डेटा कम्प्रेशन के नुकसान Disadvantages Of Data Compression

डेटा कम्प्रेशन के फायदे के साथ इसके कुछ नुकसान भी हैं जो इस प्रकार है:-

  • डाउनलोड किये गए डेटा कंप्रेस फाइल को वापस डिकम्प्रेस करने या अनकम्प्रेस करने के लिए आपको उपयुक्त प्रोग्राम की आवश्यकता होती है अतः बहुत बार उपयोगकर्ता को ऐसे प्रोग्राम सिस्टम इंटरनेट पर उपलब्ध नहीं होते जिससे उपयोगकर्ता को परेशानी होती है |
  • बड़ी फाइलों को कम्प्रेस करने के लिए अत्यधिक समय लग जाता है जिसके कारण सिस्टम के प्रदर्शन में धीमा हो जाता है |
  • हानिपूर्ण कम्प्रेस का उपयोग करने वाले कम्प्रेस एल्गोरिदम के परिणामस्वरूप डेटा की गुणवत्ता या रेजोल्युशन का नुकसान हो सकता है और इसके साथ ही वीडियो, ऑडियो एवं छवि फाइलों के लिए समस्याग्रस्त हो सकता है |

यह भी पढ़ें – कंप्यूटर एल्गोरिथ्म क्या है

डेटा कम्प्रेशन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न FAQs On Data Compression

Q1. डेटा कम्प्रेशन क्यों महत्वपूर्ण है?

 

Ans – डेटा कम्प्रेशन महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें डेटा के आकार को कम करके अधिक स्टोरेज प्रदान करता है और फाइलों को स्थानांतरित करने में आसानी होती है और डेटा प्रोसेसिंग में भी कम समय लगता है और हमारे काम करने की गति भी बढ़ जाती है बस यही सब कारणों की वजह से डेटा कम्प्रेशन महत्वपूर्ण है |

 

Q2. डेटा फाइल को कैसे कम्प्रेशन किया जाता है?  

 

Ans – डेटा फाइलों को कम्प्रेस करने के लिए आपको कम्प्रेशन टूल या प्रोग्राम का उपयोग करना होगा जैसे WinZip, 7-Zip, या Gzip इत्यादि यह सारे उपकरण डेटा फाइल के आकार को कम करने के लिए एल्गोरिथ्म का उपयोग करते हैं | 

अतः फाइल को कम्प्रेस करने के लिए आपको किसी एक प्रोग्राम को चुनना होगा उसके पश्चात् प्रोग्राम के मेनू से “संपीडित” या “जिप” विकल्प को चुनना है इसके साथ ही फाइल को डिकम्प्रेस करने के लिए डबल क्लिक करना होगा | यहां पर एक बात और ध्यान देने वाली यह है की आप किस प्रकार के डेटा कम्प्रेशन तकनीक का उपयोग करते हैं लॉसलेस डेटा कम्प्रेशन या लॉसी डेटा कम्प्रेशन |  

आपने क्या सीखा What Have You Learned

इस आर्टिकल में आपने सीखा की डेटा कम्प्रेशन क्या है, इसके कितने प्रकार हैं, इसके क्या फायदे एवं नुकसान हैं इत्यादि तो कुल मिलाकर डेटा कम्प्रेशन तकनीक हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि बहुत सारे डेटा बड़ी संख्या में मौजूद होते हैं जिससे स्टोर करने एवं स्थानांतरित करने में परेशानी होती है अगर डेटा कम्प्रेशन का उपयोग किया जाये तो हम आसानी से किसी भी डेटा फाइलों को स्थानांतरित कर सकते हैं अधिक से अधिक डेटा को स्टोर भी कर सकते हैं |

मैं आशा करता हूँ की मेरे द्वारा दी गयी यह जानकारी आपलोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण होगी अगर इससे सम्बंधित आपके पास कोई भी प्रश्न हो तो हमें कमेंट करके अवश्य बताएं |

अतः आपको यह पोस्ट पसंद आयी हो तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें ताकि सभी को डेटा कम्प्रेशन तकनीक के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके और इसी तरह से टेक्नोलॉजी से जुड़ी जानकारियों को सीखने के लिए हमारी वेबसाइट को जरूर पढ़ें धन्यवाद |

Leave a Comment

Close Subscribe Card