वाई-फाई क्या है और इसके कितने प्रकार हैं What Is Wi-Fi And How Many Types Are There In Hindi

वाई-फाई के बारे में तो आप सभी जानते ही होंगे हर जगह अब सभी कोई बेहतर इंटरनेट के लिए वाई-फाई का ही उपयोग करते हैं चाहे घर हो या ऑफिस इस तकनीकी युग में इंटरनेट की आवश्यकता सभी को बहुत ही अधिक होने लगी और कंपनियों ने भी इंटरनेट की सुविधा और फास्ट इंटरनेट के लिए वाई-फाई टेक्नोलॉजी का निर्माण किया ताकि यूजर्स इसका लाभ उठा सके और अपने काम को भी तेजी से कर पाएं |






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क्या आप जानते हैं?


किन्तु बहुत से ऐसे लोग हैं जिनको वाई-फाई के बारे में जानकारी नहीं होती है और अभी कौन सी टेक्नोलॉजी मौजूद है एवं कौन सी लेनी चाहिए सभी के मन में यह प्रश्न जरूर उठता है तो इस पोस्ट में आपलोगों को यह सारी जानकारियां मिलेंगी |

इस आर्टिकल में मैं आपको बताऊंगा की “वाई-फाई क्या है और इसके कितने प्रकार हैं What Is Wi-Fi And How Many Types Are There In Hindi”, यह कैसे काम करता है, वाई-फाई 802.11 a, b, n, ac, ax इत्यादि यह सब क्या हैं पूरी जानकारी आपको दी जाएँगी तो इस आर्टिकल को अंतिम तक अवश्य पढ़ें जिससे आपके मन में उठ रहे सभी प्रश्नों के जवाब मिल जायेंगे |

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wi-fi क्या है

वाई-फाई क्या है What Is Wi-Fi

वाई-फाई एक वायरलेस टेक्नोलॉजी है जिसका अर्थ वायरलेस फिडेलिटी होता है यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसका उपयोग करके आप एक या एक से अधिक उपकरणों के बीच सूचनाओं का आदान – प्रदान कर सकते हैं | इसे WLAN (वायरलेस लोकल एरिया नेटवर्क) भी कहा जाता है इसका मतलब इसकी रेंज लोकल एरिया तक ही सिमित रहती है |

वाई-फाई को मुख्य रूप से मोबाइल एवं लैपटॉप जैसे कंप्यूटिंग उपकरणों के लिए विकसित किया गया है किन्तु अब इसका उपयोग मोबाइल एप्लीकेशन और टेलीविजन, डीवीडी प्लेयर और डिजिटल कैमरों जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में भी बड़े पैमाने पर किया जा रहा है |

वाई-फाई तकनीक केबल और वायरिंग के बिना संचालित करने की अनुमति देती है इसका उपयोग घरों एवं ऑफिस में अत्यधिक लोकप्रिय है और इसकी मदद से आप आसानी से हाई स्पीड इंटरनेट का लाभ उठा सकते हैं |

वाई-फाई कैसे काम करता है How Does Wi-Fi Works

वाई-फाई उपकरणों के बीच डेटा संचारित करने के लिए रेडिओ तरंगों का उपयोग करके काम करता है अतः वाई-फाई नेटवर्क के केंद्र में एक राउटर लगा होता है यह एक ऐसा उपकरण है जो वायर्ड के जरिये इंटरनेट से जुड़ता है और फिर एक वायरलेस सिग्नल भेजता है मोबाइल, लैपटॉप, टेबलेट जैसे डिवाइस में इनबिल्ट वाई-फाई एडेप्टर लगा होता है जो उस राउटर के जरिये भेजे गए सिग्नल को रिसीव करता है जब एक डिवाइस राउटर के वायरलेस सिग्नल से कनेक्ट हो जाता है तो उसके पश्चात् अन्य डिवाइस को भी इंटरनेट से जोड़ा जाता है | किन्तु डेस्कटॉप एवं कंप्यूटर में इनबिल्ट वाई-फाई एडेप्टर नहीं लगा होता है इसलिए यूएसबी पोर्ट के माध्यम से एडेप्टर लगाकर वाई-फाई का इस्तेमाल किया जाता है |

अतः जब कोई डिवाइस वाई-फाई नेटवर्क से जुड़ना चाहता है तो वाई-फाई राउटर को सिग्नल भेजकर कनेक्ट होने के लिए कहता है तो इस प्रकार से वाई-फाई काम करता है जब डिवाइस किसी वाई-फाई के सिग्नल की रेंज में रहता है तो बहुत ही फास्ट इंटरनेट को एक्सेस किया जा सकता वहीं डिवाइस के थोड़े दूर होते ही इंटरनेट बहुत ही धीमी गति से चलता है |

वाई-फाई के कितने प्रकार हैं How Many Types Of Wi-Fi Are There

वाई-फाई को इंटरनेट स्पीड के अनुसार कंपनियों ने इसे समय – समय पर विकसित किया है और अब तक वाई-फाई के कई वर्जन आ चुके हैं और इसे वाई-फाई स्टैंडर्ड भी कहते हैं | अतः वाई-फाई को 1997 में IEEE (Institute of Electrical and Electronics Engineers) संगठन के द्वारा पहली बार विकसित किया गया था और इसका पहला संस्करण यानी वर्जन Wi-Fi 802.11 था इसके बाद और भी वर्जन्स आते गए, आइये अब विस्तारपूर्वक समझते हैं इसके वर्जन के बारे में और अभी इसका लेटेस्ट वर्जन क्या है वह भी जानेंगे:-

1. Wi-Fi – 802. 11a

2. Wi-Fi – 802. 11b

3. Wi-Fi – 802. 11g

4. Wi-Fi – 802. 11n

5. Wi-Fi – 802. 11ac

6. Wi-Fi – 802. 11ax

1. Wi-Fi – 802.11a

Wi-Fi  – 802.11a का आविष्कार 1999 में किया गया था और इसकी फ्रीक्वेंसी 5 GHz थी जो 54 Mbps की गति से लगभग 115 फीट की दुरी तक काम करती थी और इसका उपयोग कमर्शियल के लिए यानी इंडस्ट्री एवं ऑफिस के लिए किया जाता था |

2. Wi-Fi – 802. 11b

Wi-Fi – 802. 11b को भी 1999 में आविष्कार किया गया था और इसकी फ्रीक्वेंसी Wi-Fi  – 802.11a की तुलना में कम थी यही 2.4 GHz और इसकी स्पीड 11 Mbps (मेगाबिट पर सेकंड) थी और इसका उपयोग घरेलु उपकरणों में किया जाता था |

3. Wi-Fi – 802. 11g

वाई-फाई 802.11g वर्जन को 2003 में इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स (IEEE) द्वारा प्रकाशित किया गया था और यह 2.4GHz फ्रीक्वेंसी पर काम करती थी एवं इसकी गति 54Mbps है अतः इसे 802.11b संस्करण में सुधार करने के लिए बनाया गया था |

4. Wi-Fi – 802. 11n

वाई-फाई 802. 11n वर्जन को 2009 में प्रकाशित किया गया था और इसकी अधिकतम गति दर 600 Mbps थी इसके साथ ही यह दो फ्रीक्वेंसी पर काम करती थी 2.4 GHz और 5 GHz  आपने कई बार सुना होगा की यह “ड्यूल बैंड्स” का उपयोग करता है मतलब यह दो फ्रीक्वेंसी पर डेटा को संदर्भित करता है |

5. Wi-Fi – 802. 11ac

वाई-फाई 802. 11ac को 2013 में प्रकाशित किया गया था और यह 5GHz फ्रेक्वेंसी पर काम करता है एवं इसकी अधिकतम डेटा दर 1.3Gbps से 3.46 Gbps या इससे भी अधिक है और इसमें बेहतर प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित किया गया |

6. Wi-Fi – 802. 11ax

वाई-फाई 802. 11ax यह सबसे लेटेस्ट वर्जन है और इसे वाई-फाई 6 के रूप में भी जाना जाता है इसे 2019 में प्रकाशित किया गया था और इसकी फ्रीक्वेंसी 2.4GHz और 5GHz है जो की दोनों पर काम करता है एवं इसकी अधिकतम गति 9.6 Gbps (गीगाबिट्स पर सेकंड) है |

2.4 GHz और 5 GHz में क्या अंतर है What Is The Difference Between 2.4 GHz And 5 GHz

2.4 GHz और 5 GHz दोनों ही अलग – अलग फ्रीक्वेंसी रेंज है जो वायरलेस नेटवर्क में उपयोग किया जाता है आइये अब दोनों के अंतर के बारे में विस्तारपूर्वक समझते हैं:-

  • 2.4 GHz बैंड वाई-फाई नेटवर्क के लिए उपयोग की जाने वाली फ्रीक्वेंसी रेंज है और यह एक लम्बी रेंज प्रदान करता है वहीं, 5 GHz कम रेंज प्रदान करता है |
  • 2.4 GHz बैंड की गति धीमी होती है, वहीं 5 GHz बैंड तेज गति प्रदान करता है |
  • 2.4 GHz बैंड, 5 GHz बैंड की तुलना में दीवारों और अन्य ठोस वस्तुओं में बेहतर प्रवेश कर सकता है किन्तु 5 GHz बैंड दीवारों और अन्य ठोस वस्तुओं के साथ-साथ 2.4 GHz बैंड में भी प्रवेश नहीं कर सकता है।

अगर आप एक ड्यूल राउटर लेते हैं तो आपको यह दोनों फ्रीक्वेंसी उपयोग करने के लिए मिलती है आप अपनी जरुरत एवं आवश्यकता के अनुसार इन दोनों फ्रीक्वेंसी का उपयोग कर सकते हैं |

उदाहरण के लिए अगर आप राउटर से दूर बैठकर इंटरनेट को एक्सेस करना चाहते हैं तो 2.4GHz को सेलेक्ट करके इसका उपयोग कर सकते हैं वहीं अगर आप राउटर के नजदीक हैं और आपको फास्ट इंटरनेट एक्सेस करना है तो आप 5GHz को सेलेक्ट करके उपयोग कर सकते हैं , तो इस प्रकार आप अगर सोच रहे हैं की कौन सा राउटर लेना चाहिए तो आपके लिए ड्यूल राउटर सबसे बढियां है |

वाई-फाई के फायदे Advantages Of Wi-Fi

वाई-फाई के निम्न फायदे हैं:-

1. उपयोग करने में आसानी –

वाई-फाई का उपयोग करना बहुत ही आसान है अपने मोबाइल में वाई-फाई को ऑन करें या अगर कोई पासवर्ड है तो उसे डालकर आसानी से उपयोग किया जा सकता है |

2. अधिक इंटरनेट स्पीड –

एक सेलुलर नेटवर्क की तुलना में इसकी इंटरनेट स्पीड अधिक होती है और इसमें आप जितने मर्जी उतने नेट का उपयोग कर सकते हैं वहीं आपके सेलुलर नेटवर्क में इंटरनेट उपयोग करने की सीमा होती है किन्तु इसमें नहीं |

3. एक या एक से अधिक डिवाइस में कनेक्ट –

वाई-फाई तकनीक को एक या एक से अधिक डिवाइस में कनेक्ट किया जा सकता है और सूचनाओं का आदान – प्रदान किया जाता है |

4. आसानी से उपलब्ध –

वाई-फाई पहले हर जगह उपलब्ध नहीं हुआ करती थी किन्तु अब आपको सभी जगह वाई-फाई देखने को मिलते हैं रेस्टोरेंट, केफे, बस, ट्रैन इत्यादि जिससे आप आसानी से कहीं भी इंटरनेट का लाभ उठा सकते हैं |

5. उपयोगकर्ता के अनुकूल सुविधाएं –

यह तकनीक काफी यूजर फ्रेंडली है आप बड़ी ही आसानी से अपने मोबाइल, लैपटॉप या टेबलेट में इसका उपयोग कर सकते हैं किन्तु आपकी डिवाइस वाई-फाई के रेंज में होनी चाहिए |

वाई-फाई के नुकसान Disadvantages Of Wi-Fi

वाई-फाई के फायदे के साथ – साथ इसके नुकसान भी हैं जो जानना अतिआवश्यक यहां हमने इसके नुकसान के बारे में पुरे विस्तरपूर्वक बताया है जो इस प्रकार है:-

1. सीमित सीमा –

वाई-फाई की रेंज बहुत कम होती है और इसका सिग्नल दीवारों और फर्श से सीमित हो सकते हैं जिसके कारण घर के कुछ भाग में वाई-फाई नेटवर्क से जुड़ पाना मुश्किल हो जाता है इसलिए इसके रेंज के अंदर ही नेटवर्क कनेक्ट किया जा सकता है |

2. बैंडविड्थ का धीमा होना –

वाई-फाई के साथ अगर बहुत सारे उपकरण जुड़े हुए हैं तो इंटरनेट की गति बहुत ही धीमी हो जाएगी और एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में सूचनाओं का आदान – प्रदान बहुत ही धीमी गति से होगा |

3. बिजली की खपत –

वाई-फाई डिवाइस लगातार बिजली की आपूर्ति का उपयोग करते हैं जिसके कारण अधिक ऊर्जा की वृद्धि होती है और बिजली की खपत अधिक होती है अतः बिजली न होने पर इसके सिग्नल बंद हो जाते हैं यानी आप वाई-फाई से इंटरनेट कनेक्ट नहीं कर पाएंगे |

4. कीमत का अधिक होना –

वाई-फाई को खरीदने के लिए इसकी कीमत अधिक होती है खासकर उन जगहों पर जहां इसका अत्यधिक उपयोग किया जाता है जैसे व्यवसायों और संगठनों में |

5. वाई-फाई पर अधिक निर्भर होना –

जैसे – जैसे लोगों के इंटरनेट की उपयोगिता बढ़ती जा रही है एवं फास्ट इंटरनेट के लिए वाई-फाई का उपयोग अधिक किया जा रहा है एवं इस पर अधिक निर्भर होते जा रहे हैं ऐसे में अगर सिग्नल में कमी या डिवाइस नेटवर्क से कनेक्ट होने में विफलता होने पर थोड़ी समस्या उत्पन्न हो सकती है |

NOTE – वाई-फाई से संबंधित और भी जानकारी के लिए आप tv9hindi  न्यूज में प्राप्त कर सकते हैं | 

वाई-फाई पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न FAQs On Wi-Fi

Q1. वाई-फाई का वर्तमान मानक (Standard) क्या है? 

Ans – 802.11ax (WiFi-6) यह वाई-फाई का का वर्तमान मानक है जो की 802.11ac (WiFi-5) का अपग्रेड है |

Q2. राउटर क्या है?

 

Ans – राउटर एक नेटवर्किंग उपकरण है जिसका उपयोग बहुत सारे नेटवर्कों को जोड़ने के लिए किया जाता है यह एक ऐसा उपकरण है जो कंप्यूटर नेटवर्क के बीच डेटा पैकेट को निर्देशित करता है अतः इसका उपयोग घरों एवं कार्यालयों में कई उपकरणों को इंटरनेट से जोड़ने के लिए किया जाता है |

आपने क्या सीखा What Have You Learned

इस आर्टिकल में आपने सीखा की वाई-फाई क्या है, कैसे काम करता है इसके कितने संस्करण हैं और भी बहुत कुछ और इसके साथ ही आपको कौन सा वाई-फाई लेना चाहिए इसके बारे में भी बताया गया है मैं आशा करता हूँ की मेरे द्वारा दी गई यह जानकारी आपलोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण होगी और इसमें आपको बहुत कुछ सीखने को मिले होंगे अगर इस पोस्ट से सम्बंधित आपके पास कोई भी जानकारी हो तो हमें कमेंट करके अवश्य बताएं |

अतः आपको यह पोस्ट पसंद आई हो तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें ताकि सभी को इसके बारे में जानकारी प्राप्त हो सके धन्यवाद |

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