आज सभी अधिक से अधिक कंप्यूटर, स्मार्टफोन, लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं किन्तु इन सभी में ऐसे बहुत सारे शब्दों का प्रयोग किया जाता है जिनके बारे में जानकारी नहीं होती है क्या आपने कभी यह सोचा है की कंप्यूटर, स्मार्टफोन, लैपटॉप में हम जितने भी कार्य करते हैं या कुछ ओपन करते हैं या जो हमें चाहिए वह तुरंत ही मिल जाती है तो यह सब कैसे होता है |
आज इन्हीं सब के बारे में इस पोस्ट में समझेंगे एवं आपने बूटलोडर, कर्नल, रिकवरी एवं रोम ये सब के बारे में जरूर सुना होगा किन्तु यह क्या है कहां उपयोग होती है इनके बारे में उतनी जानकारी नहीं होती है |
इस आर्टिकल में मैं आपको बताऊंगा की “Bootloader, Kernel, Recovery और ROM क्या है एवं इसके क्या उपयोग हैं” तो एंड्रॉइड सिस्टम में अंदरूनी जानकारी के लिए इस पोस्ट को अंतिम तक अवश्य पढ़ें ताकि एक एंड्रॉइड सिस्टम में क्या – क्या सेटिंग होती है उसके बारे में पता चल सके जो जानना भी जरुरी है |
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बूटलोडर क्या है What Is Bootloader
बूटलोडर एक कोड है जो सभी डिवाइस जैसे मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर में मौजूद रहती है जो मोबाइल ऑन होते ही रन होता है और यह चेक करता है की ऑपरेटिंग सिस्टम में मौजूद फाइल्स एवं ऍप और भी अन्य चीजें सही से काम कर रही है या नहीं और जब सारी चीजें सही होती हैं तो मोबाइल ऑन हो जाता है और आप अपने मोबाइल का उपयोग कर पाते हैं और यदि ऑपरेटिंग सिस्टम में कुछ समस्या होती है तो बूटलोडर वापस से मोबाइल को Restart कर देती है बूटलोडर एंड्रॉइड सिस्टम का एक महत्वपुर्ण भाग है |
बूटलोडर कैसे काम करता है How Bootloader Works
हर एंड्रॉइड फोन में एक बूटलोडर होता है जो ऑपरेटिंग सिस्टम कर्नेल को सामान्य रूप से बूट करने का निर्देश देता है एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम एक ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम है चूँकि ऑपरेटिंग सिस्टम कई विभाजनों से बना है |
उसमें कई सारे फाइल्स एवं आपके द्वारा जमा किए गए ऍप डेटा मौजूद रहती है जिसे आप आमतौर पर बिना उस डेटा को खोए अपडेट करने में सक्षम रहते हैं तो जैसे ही मोबाइल ऑन होती है तब बुटलोडर कि लोडिंग प्रक्रिया शुरू हो जाती है और वह कर्नेल के द्वारा ऑपरेटिंग सिस्टम में मौजूद जितने भी फाइल एवं डेटा है उसे चेक करती है उसके बाद मोबाइल ऑन होती है और आप उसका उपयोग कर पाते हैं |
इसे एक साधारण शब्दों में समझते हैं जब आप कहीं घूमने जाते हैं तब आप अपनी कार में यह चेक करते हैं कि आपके कार के सारे पार्ट्स सही रूप से काम कर रहे हैं या नहीं अगर सारे पार्ट्स सही रूप से काम करते हैं तभी आप आसानी से कहीं जा सकते हैं तो कुछ इस प्रकार से मोबाइल में बूटलोडर अपना कार्य करती है इसे आप एक सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर समझ सकते हैं |
बूटलोडर लॉक क्यों होता है Why Bootloader Is Locked
बूटलोडर आमतौर पर एंड्रॉइड डिवाइस में लॉक होता है क्योंकि निर्माता चाहते हैं की आप डिवाइस के लिए डिजाइन किए गए उनके एंड्रॉइड वर्जन का ही इस्तेमाल करें और उन्हीं के बनाये गए नियमों का पालन करें यही कारण है की निर्माता बूटलोडर को लॉक कर देते हैं |
बूटलोडर होने पर कस्टम रोम को फ्लैश करना असंभव है और अगर आप जबरदस्ती प्रयास करते हैं तो डिवाइस की वारंटी खत्म हो जाती है इसलिए कस्टम रोम को फ्लैश करने के लिए आपको पहले बूटलोडर को अनलॉक करना होगा इसके फायदे यह हैं की आप निर्माता द्वारा बनाई गई डिवाइस के अंदरूनी सेटिंग में देख सकते हैं और उसे अपने अनुसार बदल सकते हैं एवं ऑपरेटिंग सिस्टम में क्या – क्या है वह सारी चीजें सीख सकते हैं |
कर्नेल क्या है What Is Kernel
कर्नेल एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है जो किसी भी ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए काफी महत्वपूर्ण है यह सॉफ्टवेयर एवं हार्डवेयर के बीच एक पुल की तरह काम करता है मोबाइल डिवाइस में बहुत सारे हार्डवेयर कॉम्पोनेंट्स लगे होते हैं जैसे रैम, प्रोसेसर इत्यादि इन सभी को कर्नेल के द्वारा ही नियंत्रित किया जाता है जब किसी सॉफ्टवेयर को हार्डवेयर की आवश्यकता होती है तो कर्नेल के द्वारा ही उस आवश्यकता को पूरा किया जाता है | अतः आप अपने मोबाइल में जो कुछ भी करते हैं जैसे किसी भी ऍप को इन्सटॉल करना उसे रन करना, स्क्रीन में कुछ भी कार्य करना वह कर्नेल द्वारा नियंत्रित होता है |
उदाहरण के लिए जब आप अपने फोन पर कैमरा को ओपन करने के लिए टैप करते हैं तो कर्नेल कैमरा सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन को यह बताता है की यूजर को कैमरा की जरुरत है तो सॉफ्टवेयर कर्नेल से रिक्वेस्ट करता है की कैमरा को ओपन किया जाये तो कर्नेल उसे ओपन कर देता है जिससे आप कैमरा का इस्तेमाल करते हैं |
कर्नेल क्यों जरूरी है Why Kernel Is Important
कर्नेल किसी भी ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि :-
- अपने मोबाइल पर मल्टीटास्किंग कार्य करने के लिए कर्नेल बहुत ही जरुरी है उदाहरण के लिए आप अपने मोबाइल में कुछ काम कर रहे हैं और साथ में कोई सॉन्ग भी सुनते हैं तो उसके पीछे कर्नेल ही सभी को नियंत्रित करता है |
- अगर कर्नेल न हो तो ऑपरेटिंग सिस्टम क्रैश हो जायेगा इसलिए कर्नेल का होना बहुत जरुरी है कैसे यह समझते हैं मान लीजिए आपके मोबाइल में 4 जीबी रैम है तो अगर उस रैम पर किसी का नियंत्रण नहीं होगा तो आप एक साथ जब बहुत सारी ऍप को रन करेंगे तो सारी रैम एक साथ खत्म हो जाएगी |
- ऐसे में अगर रैम पर कर्नेल का नियंत्रण होगा तो वह सीमित रैम प्रदान करेगा मतलब एक ऍप को जितनी रैम की आवश्यकता है वह उतनी ही रैम देगी और जब आप एक ऍप के साथ कोई दूसरा ऍप जैसे ही ओपन करेंगे वह पहले ऍप को बंद कर देगी तो कुछ इस प्रकार से कर्नेल अपना कार्य करती है |
कर्नेल के फायदे एवं नुकसान Advantages And Disadvantages Of Kernel
कर्नेल के फायदे:-
- यह मेमोरी, प्रोसेसर एवं डिवाइस को संचालित करने के लिए उचित प्रबंधन करता है |
- मल्टीटास्किंग कार्य एवं संचार के लिए आवश्यक प्रदान करता है |
- यह जरूरत पड़ने पर प्रक्रियाओं को समाप्त कर देता है और आवश्यक पड़ने पर संभालता है |
- मोबाइल जब बूट होता है तब कर्नेल ही ऑपरेटिंग सिस्टम में जाकर सारी चीजें चेक करता है कि वह ठीक से काम कर रही है या नहीं और बूटलोडर को जानकारी प्रदान करता है और उसके बाद आपका मोबाइल ऑन हो जाता है |
कर्नेल के नुकसान:-
- अगर हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर में कर्नेल का नियंत्रण ना हो तो पूरा सिस्टम क्रैश हो जाएगा |
- आप अपने मोबाइल में कुछ भी कार्य नहीं कर पाएंगे क्योंकि सॉफ्टवेयर एंड हार्डवेयर को जानकारी देने वाला कोई नहीं रहेगा |
रोम क्या है What Is ROM
रोम का पूर्ण शब्द Read Only Memory होता है मतलब आपके मोबाइल का जो पूरा सॉफ्टवेयर है यानी की जब आपका मोबाइल ऑन होता है तो उसमें दी गई इन्फॉर्मेशन रोम होती है जिसे आप केवल पढ़ सकते हैं उस इन्फॉर्मेशन को आप बदल नहीं सकते हैं | जब आपका होने बूट होता है तो वह कंपनियों द्वारा दी गई इन्फॉर्मेशन को ही पढ़कर ऑपरेटिंग सिस्टम की सारी चीजें चेक करता है और आपका मोबाइल ऑन हो जाता है रोम दो तरह की होती है Stock ROM और Custom ROM तो आइए अब यह समझते हैं की दोनों क्या है |
स्टॉक रोम क्या है What Is Stock ROM
स्टॉक रोम का मतलब है कि कंपनी के द्वारा आपको जो एंड्रॉइड वर्जन दिया जाता है उसको ही हम स्टॉक रोम कहते हैं इसमें आप ऑपरेटिंग सिस्टम में किसी भी प्रकार का कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकते हैं यह पूरी तरह से लॉक होती है और कंपनियों द्वारा दी गई होती है इसमें दी गई डेटा को केवल आप देख और पढ़ सकते हैं इसमें किसी भी प्रकार का कोई बदलाव नहीं कर सकते हैं |
कस्टम रोम क्या है What Is Custom ROM
कस्टम रोम पूरी तरह से Customize किया जाता है यह किसी भी थर्ड पार्टी डेवलपर के द्वारा बनाया जाता है मतलब की अगर किसी डेवलपर को कोडिंग आती है तो वह स्टॉक रोम में दी गई चीजों को बदल सकता है और एंड्रॉयड के वर्जन को अपग्रेड भी कर सकता है और अपने हिसाब से फंक्शन्स को बदल देता है या डिलीट कर देता है और इस रोम को रेडी कर देता है जिसे कोई भी यूजर अपने मोबाइल में डाउनलोड या इनस्टॉल कर सकता है |
स्टॉक रोम एवं कस्टम रोम में अंतर Difference Between Custom ROM And Stock ROM
स्टॉक रोम और कस्टम रोम में निम्न अंतर है:-
रिकवरी क्या है What Is Recovery
रिकवरी एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जिसे इनस्टॉल करने के पश्चात् आप कोई भी रोम को फ्लैश कर सकते हैं | यह दो तरह की होती है स्टॉक रिकवरी और कस्टम रिकवरी |
स्टॉक रिकवरी क्या है What Is Stock Recovery
हर एक एंड्रॉइड फोन में चाहे वह किसी भी कंपनी का हो उसमें स्टॉक रिकवरी दी जाती है जो एंड्रॉइड निर्माता कंपनियों द्वारा प्रदान की जाती है इसकी मदद से आप ऑफिसियल रोम को फ्लैश कर सकते हैं, फोन को डिलीट कर सकते हैं और फॉर्मेट कर सकते हैं इत्यादि, ये सब स्टॉक रिकवरी के द्वारा की जाती है |
कस्टम रिकवरी क्या है What Is Custom Recovery
कस्टम रिकवरी स्टॉक रिकवरी की तुलना में थोड़ी एडवांस है अगर आप एक कस्टम रिकवरी अपने मोबाइल में फ्लैश करना चाहते हैं तो इसके लिए क्लॉकवर्कमॉड रिकवरी सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली एंड्रॉइड रिकवरी है इसकी मदद से आप कस्टम रोम, कर्नेल को फ्लैश कर सकते हैं, फोन का पूरा बैकअप ले सकते हैं, मोबाइल की डेटा को पूरी तरह से डिलीट कर सकते हैं यह सब कार्य आप कर सकते हैं जो एक स्टॉक रिकवरी इस चीज को करने की परमिशन नहीं देती है अगर आप अपने फोन को रुट करना चाहते हैं या कुछ भी एडवांस करना चाहते हैं तो एक कस्टम रिकवरी का होना बहुत जरुरी है |
यह भी पढ़ें –
बूटलोडर, कर्नेल, रोम और रिकवरी पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1. बूटलोडर अनलॉक करने के क्या फायदे हैं?
Ans – बूटलोडर को अनलॉक करने के पश्चात ही आप उसमें एक कस्टम रोम और कस्टम रिकवरी को फ्लैश कर सकते हैं एवं कर्नेल को बदल सकते हैं मतलब ऑपरेटिंग सिस्टम में आपको वो सारी चीजें करने की अनुमति देता है जो आप एक बूटलोडर लॉक होने पर नहीं कर सकते |
Q2. बूटलोडर और रूटिंग में क्या अंतर है?
Ans – मोबाइल को रुट करने से पहले आपको बूटलोडर को अनलॉक करना होगा क्योंकि मोबाइल ऑन होने के दौरान बूटलोडर सबसे पहली प्रक्रिया है जिसे अनलॉक करने के पश्चात् ही आप मोबाइल में ऑपरेटिंग सिस्टम को बदल सकते हैं | अतः रूटिंग सिर्फ डिवाइस को संशोधित करने के लिए की जाती है यानी की यूजर इंटरफेस आदि को कस्टमाइज करने के लिए रूटिंग की जाती है |
Q3. फ्लैशिंग किसे कहते हैं?
Ans – फ्लैशिंग को सरल शब्दों में कहें तो इसे इनस्टॉल करना कहते हैं मतलब वो चीजें नहीं जिसे आप ऑपरेटिंग सिस्टम में इनस्टॉल करते हैं बल्कि ओएस को बदलकर या एक नया ऑपरेटिंग सिस्टम स्थापित करना एवं कस्टम रिकवरी की मदद से कस्टम रोम को इनस्टॉल (जो आपके फोन के लिए बनी हो) करने को ही फ्लैशिंग कहते हैं |
आपने क्या सीखा What Have You Learned
इस आर्टिकल में आपने सीखा की बूटलोडर, कर्नेल, कस्टम रोम एवं स्टॉक रोम और रिकवरी क्या है यह सब कैसे काम करता है और इनके क्या उपयोग हैं | ये सभी शब्द आपने बहुत बार सुने होंगे किन्तु इन सभी के बारे में उतनी जानकारी नहीं होती है |
मैं आशा करता हूँ की ये सारी जानकारियां आपलोगों को समझ आ गई होंगी और इन सभी का एक मोबाइल फोन में क्या काम होता है, अतः मेरे द्वारा दी गई यह जानकारी आपलोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण होगी अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई हो या इससे जुड़े आपके पास कोई भी प्रश्न हो तो हमें कमेंट करके अवश्य बताएं धन्यवाद |