हम सभी अधिक से अधिक इमेज को कैप्चर करते हैं चाहे कहीं घूमने गए हों या फिर कुछ ओर किन्तु फोटो खींचते समय कैमरा में ऐसे बहुत सारे टर्म्स एवं मोड होती है जिसके बारे में उतनी जानकारियां नहीं होती है | उदाहरण के लिए जिस प्रकार से मोबाइल में कुछ भी कार्य करने के लिए सेंसर के प्रकार होते हैं उसी प्रकार स्मार्टफोन कैमरे से जब हम कोई पिक्चर क्लिक करते हैं तब वह किस प्रकार से एक बेहतरीन पिक्चर प्राप्त हो सके इसके पीछे कैमरे में अलग – अलग टर्म्स एवं प्रकार होते हैं जो सभी की अपनी – अपनी विषेशताएं और नाम है एवं आप जब भी कोई मोबाइल खरीदने जाते हैं तो किसी में तीन या चार कैमरे होते हैं किन्तु इन सभी का क्या उपयोग है आज इन्हीं सब के बारे में आपको इस लेख में जानकारियां प्राप्त होंगी |
इस आर्टिकल में मैं आपको बताऊंगा की “स्मार्टफोन में कैमरे के क्या उपयोग हैं What Are The Uses Of Camera In smartphone In Hindi“ और सभी के क्या – क्या कार्य हैं क्योंकि एक स्मार्टफोन कैमरे के बारे में जानकारी तो जरूर होनी चाहिए ताकि यह पता चल सके की एक बेहतरीन इमेज को कैप्चर करने के पीछे कैमरे में कितने सारे टर्म्स होते हैं |
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स्मार्टफोन में उपयोग किए जाने वाले सामान्य कैमरा शब्द Common Cameras Terms used in Smartphone
स्मार्टफोन कैमरा में ऐसे बहुत सारे सामान्य शब्द हैं जिनका उपयोग तो सभी करते हैं किन्तु उन सभी के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी नहीं होती है की सबके क्या – क्या कार्य हैं तो आइये विस्तारपूर्वक समझते हैं की कैमरा में कितने प्रकार के शब्दों का प्रयोग किया जाता है और सभी किस प्रकार से एक इमेज को कैप्चर करने में अपनी – अपनी भूमिका निभाते हैं |
- Aperture
- HDR
- Image Stabilization (IS)
- Optical Zoom vs Digital Zoom
- AI Mode
-
Slow Motion And Time Lapse
- Ultrawide
- TOF Lens
- MACRO Lens
- ISO
1. अपर्चर क्या है What Is Aperture
मोबाइल कैमरे के लेंस के बीच में जो छिद्र होती है उसे ही Aperture कहते हैं इसे हमेशा f वैल्यू में मापा जाता है आपने अपने मोबाइल में अवश्य ही देखा होगा की Aperture f/1.4 , f/2.0 ,f/2.8 ,f/4.0 ,f/5.6, f/8.0 है तो इसे एक उदाहरण से समझते हैं अपर्चर का f नंबर जितना छोटा होगा लेंस के बीच में जो छिद्र है वह उतना ही बड़ा होगा यानी यह अधिक से अधिक लाइट को कैप्चर कर पायेगा जिससे की इमेज में ब्राइटनेस उतनी ही अच्छे से देखने को मिलेगी मतलब पिक्चर एकदम क्लियर दिखाई देगी |
ठीक इसके विपरीत अगर अपर्चर का f नंबर जितना बड़ा होगा लेंस के बीच में जो छिद्र है वह उतना ही छोटा होगा जिससे की वह उतनी लाइट को कैप्चर नहीं कर पायेगा और इमेज में डार्कनेस देखने को मिलेगी |
अतः स्मार्टफोन कैमरे की तुलना में जो DSLR कैमरा है उसमें अपर्चर का छिद्र काफी बड़ा होता है यही कारण है की DSLR कैमरे से ली गई पिक्चर एकदम क्लियर दिखाई पड़ती है |
2. एचडीआर क्या है What Is HDR
एचडीआर (HDR) का फुल फॉर्म हाई डायनामिक रेंज (High Dynamic Range) होता है यह स्मार्टफोन कैमरे की सबसे ऊपर उपस्थित होती है जिसका उपयोग अधिक धुप एवं छाँव में इमेज क्लिक करने के लिए किया जाता है | उदाहरण के लिए जब आप अधिक धुप में पिक्चर क्लिक करवाते हैं तब आपके पीछे अधिक धुप और आगे छाँव होने की वजह से आपका चेहरा काला दिखाई पड़ता है |
ऐसे में जब आप एचडीआर (HDR) मोड ऑन करके पिक्चर क्लिक करते हैं तब यह तीन तरह से इमेज को कैप्चर करता है हाई एक्सपोजर, लो एक्सपोजर और नॉर्मल एक्सपोजर और तीनों को मिलाकर एक फाइनल इमेज तैयार करता है जिसे आप देखते हैं जो अधिक लाइट और लो लाइट में संतुलन बनाता है जिससे आपके इमेज की क्वालिटी दोनों लाइट में बेहतर देखने को मिलती है |
3. इमेज स्टेबिलाइजेशन (IS) क्या है What Is Image Stabilization
इमेज स्टेबलाइजेशन को हिंदी में छवि स्थिरीकरण कहते हैं जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है छवि स्थिरीकरण मतलब किसी भी इमेज को एकदम स्थिर होकर खींचना इसका काम यह है कि जब आप किसी इमेज को क्लिक करते हैं तब आपके शरीर में होने वाले मूवमेंट को एडजस्ट करती है और बिना कोई ब्लर की पिक्चर तैयार करती है इसके दो प्रकार हैं ओआईएस (OIS) एवं ईआईएस (EIS) |
(1.) OIS – OIS का पूरा नाम ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन होता है यह एक हार्डवेयर तकनीक है जो कैमरा में उपयोग की जाती है इसका काम है इमेज में स्थिरता बनाना | उदाहरण के लिए जब आप किसी भीड़ – भाड़ जगह में फोटो लेते हैं तब हाथों में मूवमेंट होने की वजह से मोबाइल हिल जाती है और फोटो में ब्लर देखने को मिलती है यहीं पर ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन तकनीक का प्रयोग किया जाता है इसमें एक छोटा सा जायरोस्कोप लगा होता है जो कैमरा को यह बताता है की मोबाइल कितना हिला है |
जिससे यह होने वाली मूवमेंट को डिटेक्ट कर लेता है और कैमरा को विपरीत दिशा में घुमा देता है यानी की अगर आपका हाथ दायीं दिशा में हिला है तो कैमरा इसे बायीं दिशा में घुमा देता है जिससे इमेज में स्थिरता बनी रहे और फोटो एकदम क्लियर दिखाई दे |
(2.) EIS – EIS का पूरा नाम इलेक्ट्रॉनिक इमेज स्टेबलाइजेशन होता है यह एक सॉफ्टवेयर तकनीक है जो ऍप के द्वारा किसी भी स्मार्टफोन में इस मोड को डाला जाता है इस तकनीक का उपयोग ज्यादातर वीडियो लेने में किया जाता है |
उदाहरण के लिए जब आप चलते वक्त कोई वीडियो बनाते हैं तो वीडियो एकदम हिली हुई दिखाई पड़ती है ऐसे में अगर आप इस मोड को ऑन करके कोई वीडियो बनाते हैं तब यह वीडियो के कुछ भाग (जहां थोड़ी धुंधली होती है) को क्रॉप कर देती है जिससे वीडियो एकदम स्मूथ और स्थिर दिखाई पड़ती है यह तकनीक भी जायरोस्कोप के द्वारा काम करती है |
4. ऑप्टिकल जूम और डिजिटल जूम क्या है What Is Optical Zoom And Digital Zoom
ऑप्टिकल जूम और डिजिटल जूम दोनों इमेज को जूम करके लेने की प्रक्रिया है तो आइए जानते हैं कि दोनों में क्या अंतर है ऑप्टिकल जूम में एक्चुअल लेंस का इस्तेमाल किया जाता है और इमेज को कैप्चर करने के लिए पहले ही जूम करने का ऑप्शन देता है और इमेज की क्वालिटी एकदम बेहतर देखने को मिलती है |
जबकि डिजिटल जूम में जो कैमरा है आमतौर पर इमेज को क्रॉप करने में मदद करता है और इसी इमेज को सॉफ्टवेयर की मदद से बड़ा कर देता है जिससे आपने कई बार देखा होगा की इमेज की क्वालिटी एकदम बेकार हो जाती है इसलिए एक ऑप्टिकल जूम बेहतर है डिजिटल जूम की तुलना में |
5. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्या है What Is AI
AI मोड का मतलब है की यह एल्गोरिथ्म से पता करता है की आपका जो कैमरा का सॉफ्टवेयर है वह किस प्रकार की सीन को कैप्चर कर रहा है जैसे अगर आप कोई फूड की फोटो लेते हैं तो वह उसके अनुसार सेटिंग करेगा, अगर आप कोई प्रकृति की फोटो लेते हैं तो वह उसके अनुसार सेटिंग करेगा और जब आप किसी फोटो को Portrait में लेते हैं तो बैकग्राउंड में जो ब्लर हो जाती है वह सब AI मोड के द्वारा किया जाता है मतलब आप कोई भी फोटो ले रहे हैं उसके पीछे AI मोड सेटिंग काम कर रहा होता है |
6. स्लो मोशन और टाइम लेप्स क्या है What Is Slow Motion And Time Lapse
स्लो मोशन और टाइम लेप्स इसे आपने स्मार्टफोन कैमरा में अवश्य ही देखे होंगे चूँकि आमतौर पर जब आप एक वीडियो लेते हैं तब एक सेकंड में 30 Fps (फ्रेम प्रति सेकंड) निकलता है मतलब 30 फ्रेम्स निकलते हैं और आपको वह पूरा जोड़कर एक पिक्चर दिखता है जैसे एक सेकंड, दो सेकंड इत्यादि |
Slow Motion – जब आप किसी वीडियो को स्लो मोशन में निकालते हैं तब वह एक सेकंड में 240 फ्रेम्स निकलते हैं तो जब उसे 30 फ्रेम्स में कन्वर्ट करते हैं तो आपको जो एक सेकंड दिखता था वह अब 8 सेकंड या 10 सेकंड में दिखाई देगा इसीलिए वह स्लो मोशन में हो जाता है |
Time Lapse – Time Lapse का मतलब है किसी वीडियो को फास्ट करना इसमें स्लो मोशन के ठीक विपरीत कार्य होता है यानी की हम एक सेकंड में 30 फ्रेम नॉर्मल में निकालते हैं लेकिन Time Lapse में एक सेकंड में एक ही फ्रेम निकलता है मतलब यह है की जब आप 30 सेकंड का वीडियो निकालेंगे तो आपको एक सेकंड का फुटेज मिलता है यही कारण है की वीडियो एकदम फास्ट हो जाती है |
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7. अल्ट्रावाइड क्या है What Is Ultrawide
अल्ट्रावाइड का मतलब है ज्यादा से ज्यादा जगह को एक फ्रेम में कैप्चर करना उदाहरण के लिए जब आप कहीं बाहर घूमने जाते हैं अपने पूरे परिवार के साथ तो सभी एक फोटो में आ जाएं तो उसके लिए आप क्या करते हैं आप थोड़ा पीछे हो जाते हैं या फिर जिनकी पिक्चर क्लिक करते हैं उन सभी को कहते हैं पीछे हो जाएं किंतु जब आप अल्ट्रावाइड एंगल के रूप में वह पिक्चर क्लिक करते हैं तो आपको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है आप एक ही जगह में रहकर सभी को एक फ्रेम में ही कैप्चर कर सकते हैं |
8. टीओएफ लेंस क्या है What Is TOF Lens
TOF का फुल फॉर्म टाइम-ऑफ-फ्लाइट होता है यह सेंसर सब्जेक्ट की डेप्थ को गिनता है मतलब आप जब कोई इमेज क्लिक करते हैं तब वह कितनी दूर में है और उसके पीछे का बैकग्राउंड कितना दूर है इंफ्रा रेड की मदद से पता करता है और यह सब्जेक्ट को फोकस में रखता है एवं बैकग्राउंड को आउट ऑफ फोकस कर देता है जिससे तस्वीरें हमें एकदम उभरी हुई दिखाई पड़ती है |
9. मैक्रो लेंस क्या है What Is MACRO Lens
मैक्रो लेंस एक विशेष प्रकार का कैमरा लेंस होता है जो बहुत कम फोकस दुरी के साथ काम करती है जो छोटी से छोटी चीजों को एकदम बारीकी से खींचती है उदाहरण के लिए जब आप कोई इन्सेक्ट या कीड़े की तस्वीरें लेते हैं जो काफी छोटी होती है उसमें अगर आपको उसे बारीकी से दिखाना चाहते हैं तो आप मैक्रो लेंस के द्वारा कर सकते हैं इसकी न्यूनतम फोकस दूरी लगभग 30 सेमी होती है।
10. आईएसओ क्या है What Is ISO
ISO का मतलब है आपका जो कैमरा का सेंसर वह कितना संवेदनशील है लाइट के प्रति इसका मतलब अगर ISO कम होगा यानी 100 या 200 तो वह लाइट के प्रति कम संवेदनशील है ठीक इसके विपरीत अगर ISO की संख्या बहुत अधिक है जैसे 2400, 3000 इत्यादि तो वह लाइट के प्रति अधिक संवेदनशील होगा |
ISO मोड द्वारा ली गई तस्वीर इस बात पर निर्भर करता है की आप कहां और कैसी लाइट में इमेज को कैप्चर करते हैं अगर अधिक लाइट में इमेज को लेने के लिए ISO की संख्या बढ़ा देंगे तो आपकी इमेज में बहुत ही ज्यादा चमक दिखाई देगी |
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स्मार्टफोन कैमरा पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न FAQs On Smartphone Camera
Q1. मोबाइल के कैमरे में कितने प्रकार के लेंस का उपयोग किया जाता है?
Ans – मोबाइल के कैमरे में सामान्य रूप से 4 प्रकार के लेंस का उपयोग किया जाता है जैसे – वाइड-लेंस, अल्ट्रा-वाइड लेंस, मैक्रो लेंस और टेलीफोटो लेंस इत्यादि |
Q2. मोबाइल में फ्रंट कैमरा क्या होता है?
Ans – मोबाइल में फ्रंट कैमरा को “सेल्फी कैमरा” या लैपटॉप में “वेबकैम” कहा जाता है जिसका उपयोग सेल्फी लेने एवं वीडियो कॉल करने के लिए किया जाता है |
Q3. मोबाइल के फ्रंट कैमरा का मेगापिक्सेल कम क्यों होता है?
Ans – आपने देखा होगा की मोबाइल का जो फ्रंट कैमरा है वह पीछे के कैमरे की तुलना में कम मेगापिक्सेल होता है ऐसा इसलिए क्योंकि जब आप फ्रंट कैमरा से कोई इमेज लेते हैं तो चेहरे को एकदम करीब रखते हैं और पीछे का जो कैमरा है वह दूर की इमेज को कैप्चर करता है |
आपने क्या सीखा What Have You Learned
इस आर्टिकल में आपने सीखा की मोबाइल में जो कैमरे होते हैं उसके कितने सारे उपयोग हैं और एक बेहतर इमेज को खींचने के पीछे कितने सारे कैमरे कार्य करते हैं अतः इस पोस्ट को पढ़ने के पश्चात आपको समझ आ गया होगा की एक स्मार्टफोन में इतने सारे कैमरे होते हैं उन सभी का क्या – क्या उपयोग है |
मैं आशा करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई यह जानकारी आप लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण होगी और इससे आप लोगों को बहुत कुछ सीखने को मिला होगा अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई हो या इससे जुड़े आपके पास कोई भी प्रश्न हो तो हमें कमेंट करके अवश्य बताएं धन्यवाद |