साइबर सुरक्षा खतरे और उसके प्रकार

वर्तमान में हमारे जीवन में इंटरनेट की पहुंच इतनी ज्यादा हो गई है कि हमें साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक होना बहुत आवश्यक है इंटरनेट पर हजारों लाखों यूजर्स रोज हैकर्स के द्वारा ठगे जाते हैं ऐसे में आपके द्वारा यह जानना आवश्यक है कि इंटरनेट पर साइबर सुरक्षा के कौन-कौन से खतरे हैं और उनके क्या प्रकार है और कैसे उनसे बचा जाए इस पोस्ट में हम यही जानने वाले हैं






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क्या आप जानते हैं?


Types of Cyber Security Threats, साइबर सुरक्षा खतरे और उसके प्रकार

साइबर सुरक्षा खतरे और उसके प्रकार – Types of Cyber Security Threats

स्पूफिंग क्या है

ये एक ऐसा तरीका है जिससे Attacker आपके कंप्यूटर या सर्वर में Unauthorized Access करता है इसमें Attacker कंप्यूटर नेटवर्क में एक Message भेजता है और आपको ऐसा लगता है कि किसी जानकार ने भेजा है इसमें Attacker IP Address को बदल देता है Spoofing का Use ज्यादातर DDOS के हमले के लिए किया जाता है DDOS की Full Form होती है Distributed Denial of Service Attack यह इंटरनेट की दुनिया में किसी Website या सर्वर पर ऐसा Attack होता है जिससे किसी Website को डाउन किया जाता है या बंद कर दिया जाता है

यहां जब कोई Attacker किसी Website को Hack करता है तो वो अपनी मन मर्जी के हिसाब से उस Website को Operate करता है या उसे बंद कर देता है फिर अगर कोई यूजर उस Website तक पहुंचना चाहे तो वो Site Unavailable दिखाती है ये सारे काम एक अकेले Hacker के द्वारा नहीं किये जाते है इसके लिए पूरी टीम होती हैं जो मिलकर DDoS Attack को अंजाम देती है इसमें Attacker बहुत सारे Spoof किए गए IP Address को सर्वर या कंप्यूटर पर भेजता है जिससे कंप्यूटर में बहुत सारा Traffic आ जाता है जिसे आपका कंप्‍यूटर संभाल नहीं पाता Spoofing में Attacker आपके पास एक मेल भेजता है जो बिलकुल ईमेल के समान लगता है और उसमें एक लिंक दिया होता है जैसे ही आप उस लिंक पर क्लिक करते है तो आपके कंप्यूटर या सर्वर में Virus आ जाता है

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हैकिंग क्या है

आजकल Computer और Smartphones की Demand इतनी बढ गई है कि लोग इनके इस्तेमाल के बिना अपना काम नहीं कर सकते फिर चाहे आप किसी कंपनी में काम करते हो या आपका कोई Business हो आपको इन दोनों चीजों की जरूरत होती ही है Cybercrime के बारे में आपने सुना होगा ये एक ऐसा crime जिसमें Hackers दूसरे लोगों के कंप्यूटर या स्मार्टफोन से जरूरी जानकारी और उनकी पर्सनल फाइलें चुरा लेते हैं और उनको Blackmail कर पैसों की Demand रखते हैं या फिर आपकी पर्सनल जानकारियों को इंटरनेट पर भी डाल सकते हैं Hacking करने वाले इंसान को Hacker कहते हैं और उसको कंप्यूटर के बारे में बहुत जानकारी होती है

Hacking में Hacker कंप्यूटर में किसी ऐसे Entry Point को ढूंढता है जहां से वो कंप्यूटर में Entry कर सके Hacking करने का उद्देश्य किसी कंप्यूटर को नुकसान पहुँचाने या फिर कंप्यूटर से विशेष जानकारी निकालने के लिए किया जाता है Hackers को हम दो तरीकों से देख सकते हैं कुछ Hackers ऐसे होते हैं जो अच्छे काम के लिए Hacking करते हैं और इनसे किसी को कोई नुकसान नहीं होता है उन्‍हें हम White Hat Hacker बोलते हैं और कुछ Hackers ऐसे होते हैं जो Hacking का इस्‍तेमाल दूसरों को परेशान करने या उनकी जरूरी फाइलों को उनके सिस्‍टम से चुराने के लिए करते हैं उन्‍हें Black Hat Hacker कहते हैं

क्रैकिंग क्या है

Cracking एक ऐसी तकनीक है जिसके द्वारा कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर को तोड़ने या पूरी तरह सिस्‍टम को खत्म करने के लिए किया जाता है ये हैकिंग के समान ही होता है Cracking एक बहुत बड़ा अपराध है Crackers को आप इस तरह समझ सकते हैं जिस तरह बैंक में चोरी करने के लिए चोर ताले को तोडता है उसी तरह Cracker भी कंप्यूटर के Programs और Accounts को Crack करता है Cracking तीन प्रकार की होती है पासवर्ड क्रैकिंग, सॉफ्टवेयर क्रैकिंग, नेटवर्क क्रैकिंग, Cracking उन Software’s के लिए की जाती हैं जिनको हम या तो किसी स्टोर से खरीदते हैं या Online खरीदते हैं Hacker उन सॉफ्टवेयरों के Codes को Break कर देता है और उन सॉफ्टवेयरों को बिना Payment करे ही Illegal माध्‍यम से Activate कर देता है इन सॉफ्टवेयरों को Pirated Software भी कहते हैं

फिशिंग क्या है

Phishing के नाम से ही पता चलता है कि जैसे आप तालाब में मछली पकडने की बात कर रहे हैं जिस तरह तालाब में मछली को कुछ डालकर पकड़ा जाता है उसी प्रकार कंप्यूटर में आपके पास कोई मेल, या मैसेज भेजा जाता है जिससे कोई Hacker आपके कंप्यूटर या स्मार्टफोन से आपकी जानकारी निकाल सके, Phishing एक साइबर क्राइम है जिसमें आपकी जरूरी Information जैसे बैंकिंग, क्रेडिट/डेबिट कार्ड डिटेल्स, पासवर्ड इत्यादि की जानकारी प्राप्त करना Phishing कहलाता है
इसमें आपको किसी बैंक द्वारा या किसी वैध Organization के द्वारा कॉलिंग या मैसेज किए जाते हैं पर वो वाकई उनसे नहीं आए होते हैं वो Fake होते हैं Phishing एक प्रकार का Social Engineering हमला है जिसका Use अक्सर User के डाटा को चुराने के लिए किया जाता है Phishers किसी की जानकारी प्राप्त करने के लिए सोशल मीडिया साइट्स और ईमेल का इस्तेमाल करते हैं और यहां से वो आपकी पर्सनल डिटेल्स निकाल लेते हैं जैसे आपका नाम, काम करने की History, आपकी Hobbies के बारे में, Phishing पांच प्रकार की होती हैं –
  1. Spear Phishing,
  2. Whaling Attack,
  3. Pharming Attacks,
  4. Voice Phishing
  5. SMS Phishing

स्पैम क्या है

कंप्‍यूटर और मोबाइल डिवाइसों के बढ़ते इस्तेमाल के साथ साथ और भी चीजें सुनने को मिलती हैं अगर आप इन डिवाइसों का इस्तेमाल करते हैं या फिर आपका ईमेल Account है तो आपने Spam शब्द जरूर सुना होगा Spam शब्द का मतलब होता है किन्हीं अनचाहे E-mails का आना और जो ये E-mails आते हैं उनका Receiver को भी नहीं पता होता कि वह कहां से आए हैं और किसने भेजे हैं वैसे तो E-mails का उपयोग जरूरी जानकारी देने के लिए किया जाता है, पर कुछ Attackers इसका इस्तेमाल दूसरों को परेशान करने के लिए करते हैं जो अनचाहे Mails आपके पास आते हैं उन्हें हम Spam बोलते हैं

आजकल Spams का आना आम है और ईमेल कंपनियों ने Security Purpose के लिए Antispam Program लगा रखे हैं जिससे आपके पास कोई भी ऐसी मेल न जा सके और अगर आते भी हैं तो अलग Folder बना होता है Spam नाम से वो उसमें चले जाते हैं, जो स्पैम भेजता है उसे Spammer कहते हैं Spam Mails की वजह से आजकल बहुत सारे Frauds होते हैं कुछ लोगों ने इसे अपनी आमदनी का जरिया बना रखा है वो लोगों को गलत मेल भेजकर उनकी पर्सनल जानकारी लेते हैं अगर आपका सिस्‍टम ठीक तरह से काम कर रहा है तो समझ लेना चाहिए कि आपके Account में Spams की संख्‍या कम है Spams को अपने सिस्‍टम में आने से रोकने का एक ही तरीका है कि आप अपने पासवर्ड को बार बार बदलते रहें या फिर ऐसा रखें जिससे कोई उसे Hack न कर सके कुछ Spammers आपके Mails में Enter करने के लिए नई नई तकनीक अपनाते हैं

एडवेयर क्या है

Adware एक ऐसा सॉफ्टवेयर पैकेज होता है, जो किसी भी Advertisements को अपने आप ही टुकडे-टुकडे कर स्‍क्रीन पर दिखाता है यह बिलकुल Free Software होता है जब आप कोई काम कर रहे हैं तो ऐडवेयर की मदद से आप किसी Website पर जा सकते हैं Adware को चलाने के लिए एक इंटरनेट Connection की जरूरत होती हैं Adware को अपने कंप्यूटर में Install करने से पहले ये देख लेना चाहिए कि वह किसी अच्‍छी Company का है या नहीं क्योंकि कुछ Adware स्पाईवेयर के रूप में काम करते हैं जो आपके कंप्यूटर की जानकारी इंटरनेट के माध्‍यम से दूसरे कंप्यूटर को भेज देते हैं
Adware कंप्यूटर की Speed को कम कर देता है यदि आपके कंप्यूटर की Speed चलने में धीमी हैं तो आपके कंप्यूटर में Adware हो सकता है लोगों का Adware बनाने का कारण होता है पैसे कमाना या आपके कंप्यूटर से आपकी कोई पर्सनल Details को चुराना और किसी तीसरे व्यक्ति को उसको बेच देना कुछ Software’s ऐसे होते हैं जिनकी मदद से आप Adware को अपने कंप्यूटर में पकड सकते हैं या उन्‍हें आने से रोक सकते हैं जैसे Avast, AVG इत्‍यादि ज्‍यादातर Adware सुरक्षित होते हैं पर कुछ इतने खतरनाक होते हैं कि वो आपके कंप्‍यूटर पर Install होकर आपकी जानकारी को चुरा सकते हैं

रूटकिट क्या है

Rootkits का Use आमतौर पर गलत काम करने के लिए किया जाता है ये कंप्‍यूटर में ऐसी जगह बना लेता है जहां आमतौर पर सॉफ्टवेयर नहीं होते हैं इसकी जानकारी यूजर को भी नहीं होती हैं ये कभी-कभी तो किसी दूसरे सॉफ्टवेयरों का आकार और रूप ले लेते हैं और खुद को छुपा लेते हैं जब आप किसी सॉफ्टवेयर को Install करते हैं तो ये उस Software के साथ आपके कंप्यूटर में Install हो जाते हैं और यूजर को पता भी नहीं होता जब आपके कंप्यूटर पर Rootkit Install हो जाती हैं तो आपके कंप्यूटर पर सारा Control Attacker का हो जाता है वो आपके कंप्यूटर से आपकी कोई भी Personnel जानकारी निकाल सकता है और आपको ब्लैकमेल कर सकता है Rootkit Virus आसानी से Anti Virus Software की पकड़ में नहीं आते हैं इनको Detect करने के लिए Rootkit Scanner की जरूरत होती हैं

अगर आपके कंप्यूटर में Rootkit Install हो जाता है तो या तो आपको अपने ऑपरेटिंग सिस्टम को पूरी तरह Install करना पडता है जिससे आपके कंप्यूटर की संपूर्ण जानकारी चली जाती हैं अगर आपके कंप्‍यूटर में Rootkit है तो वो आपके Antimalware Protection को बंद कर देता है और यदि आपके कंप्‍यूटर की Windows Settings अपने आप Change हो रही हैं तो ये भी Rootkit Infection की वजह से होता है इसको इस तरीके से बनाया जाता है कि उसको पकडना और निकालना आसान नहीं होता है इसको पकडने और निकालने के लिए या तो आपको अपने ऑपरेटिंग सिस्‍टम को पूरी तरह Install करना पडता या फिर ऐसे और भी Software आते हैं जिनकी मदद से आप इनको Detect कर सकते हैं

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