प्राचीन समय में किसी सूचना को एक जगह से दूसरी जगह भेजने में कई घण्टे, सप्ताह, महीनों या फिर सालों लग जाते थे मगर आज सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेश तक अपनी सूचनाओं को भेजने या प्राप्त करने में बहुत कम समय लगता है और यह सब संभव हुआ है इंटरनेट व सर्वर के माध्यम से तो आइए जानते हैं विस्तार से सर्वर के बारे में कि सर्वर क्यों आवश्यक है और क्या है इसकी उपयोगिता
सर्वर क्या है (What Is Server)
सर्वर एक कम्प्यूटर होता है जो दूसरे कम्प्यूटर्स एवं उपभोगकर्ता को सेवा प्रदान करता है सर्वर एक ऐसा सिस्टम है जो सूचनाओं को स्टोर रखता है और जरूरत पडने पर सूचनाओं को इंटरनेट के माध्यम से आदान-प्रदान करने एवं डाटा को ट्रान्सफर करने में मदद करता है अक्सर हममें से बहुत से लोगों ने अक्सर सुना होगा एवं सभी यह जानते भी होंगे कि जब कोई व्यक्ति किसी बैंक में जाता है तो बैंक कर्मचारियों द्वारा कहा जाता है कि अभी आपका कार्य नहीं हो सकता जब बैंक कर्मचारी से कार्य न होने का कारण पूछा जाता है तो उनके द्वारा कहा जाता है कि अभी सर्वर डाउन है या काम नहीं कर रहा है जब सर्वर सुचारू रूप से कार्य करने लगेगा तब आपका काम हो जायेगा यानी पैसों का लेन-देन आप कर सकते हैं
इसी प्रकार जब कोई विद्यार्थी अपना फार्म भरवाने के लिए साइबर कैफे जाता है तथा उसका फार्म नहीं भरा जाता है तो विद्यार्थी द्वारा पूछने पर कहा जाता है कि अभी सर्वर डाउन होने के कारण आपका फार्म नहीं भर सकता इसी प्रकार फेसबुक पर हमारे द्वारा बहुत सारे फोटो एवं यूटयूब वीडियो ओपन करने पर खुल जाते हैं तो ये सभी डाटा कहीं न कहीं स्टोर अवश्य होता होगा जो प्ले करने के तुरंत बाद ओपन हो जाता है और हम उसे आसानी से देख सकते हैं
सर्वर के कौन कौन से प्रकार हैं
परिस्थिति के अनुसार एक ही कार्य को करने के लिए अलग अलग सर्वर का इस्तेमाल किया जा सकता है या अलग-अलग कार्य करने के लिए अलग अलग सर्वर का भी इस्तेमाल किया जाता है तो आइये जानते हैं कि सर्वर कितने प्रकार के होते हैं
ई-मेल सर्वर (Email Server)
वेब सर्वर (Web server)
वेब होस्टिंग क्या है – Web Hosting Kya Hai
मान लीजिए आप कोई बिजनेस करते हैं और आपको अपना बिजनेस का जो भी सामान है या माल है उसे रखने के लिए एक दुकान या स्टोर की आवश्यकता होती है इसी प्रकार अपनी वेबसाइट पर आप जो भी मेटेरियल रखते हैं जैसे Video, Photo या Text Article उन सभी को Internet पर रखने के लिए एक स्टोरेज की आवश्यकता होती है, अब एक कंम्पयूटर को इंटरनेट से जोडा जाता है और 24 घंटे ऑन रखा जाता है और उस पर आपकी यह सभी सामग्री स्टोर रहती है उसे Host Computer या Web Host कहते हैं और इस प्रक्रिया को Web Hosting कहते हैं
आईडेंटिटी सर्वर (Identity Server)
आईडेंटिटी सर्वर रजिस्टर्ड यूजर लॉगिन करने के लिए एवं उसे सुरक्षित करने के लिए होता है
एफ0टी0पी0 सर्वर (FTP Servers)
एफ0टी0पी0 सर्वर का इस्तेमाल एक कम्प्यूटर से दूसरे कम्प्यूटर के बीच फाइल ट्रान्सफर करने के लिए किया जाता है इसकी फुल फार्म फाइल ट्रांसफर प्रोटोकाल है एफ0टी0पी0 बहुत ही पुराना प्रोटोकाल है और इसका इस्तेमाल आज भी किया जा रहा है
टेलनेट सर्वर (Telnet Servers)
इस टेलनेट सर्वर के माध्यम से एक यूजर कमप्यूटर को लॉगइन कर काम बहुत आसानी से कर सकता है
प्रोक्सी सर्वर (Proxy Servers)
अक्सर प्रोक्सी सर्वर का प्रयोग एप्पीयरेंस प्राप्त करने के लिए, रिक्वारमेंट को फिल्टर करने के लिए तथा कनेक्शन को शेयर आउट करने के लिए किया जाता है
न्यूज सर्वर (News Servers)
News Servers का उपयोग News को शेयर तथा डिलीवर करने के लिए किया जाता है, क्योंकि इस तकनीक का प्रयोग विश्व लगभग सभी देशों में बहुत ज्यादा मात्रा में लोगों द्वारा किया जाता है
सर्वर डाउन होता कैसे है (How Does The Server Go Down)
सर्वर का एक मात्र कार्य चाही गई सूचनाओं को उपलब्ध कराना होता है जब वह सूचनायें उपलब्ध नहीं करा पाता तो उसके द्वारा सूचना उस समय उपलब्ध न होना सर्वर डाउन कहलाता है इसका मतलब कि आप किसी कार्य के लिए किसी वेब साइट पर अनुरोध कर रहे हैं तथा वह नहीं हो पा रहा है ऐसी स्थिति में वेबसाइट पर Servers Not Found लिखा आता है इसके अतिरिक्त सर्वर डाउन होने के और भी कारण हो सकते हैं जैसे Network Problems, Power Failures, Application Crash आदि
सर्वर काम कैसे करता है (How Does The Server Work)
सर्वर अपना काम किस प्रकार से करता है यह जानना बहुत ही सरल है लेकिन इसकी प्रोसेस बहुत ही कठिन है सर्वर किस प्रकार से कार्य करता है इसको हम एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं जैसे हमें किसी भी साइट को खोजने के लिए उस साइट का नाम टाइप करना होता है इसके तुरंत बाद वह ब्राउजर उस साइट को होस्ट करने वाले सर्वर से सम्पर्क करेगा तथा उस ब्राउजर पर वह वेबसाइट दिखने के लिए रिक्वेस्ट करेगा
इसी प्रकार ब्राउजर आपके द्वारा डाले गये यूएलआर को तीन भागों में विभाजित कर देता है जिसका प्रथम भाग http होता है जिसे प्रोटोकाल कहा जाता है दूसरा भाग सर्वर नेम अथवा वेबसाइट का नाम होता है जिसे हम डोमेन के नाम से भी जानते हैं एवं तीसरा उस फाइल का नाम होता है जिसे आपके द्वारा ओपन किया गया है यह कोई पेज या फिर कोई पोस्ट भी हो सकती है इसके पश्चात ब्राउजर उस वेबसाइट की सारी इन्फार्मेशन को IP Address में चेंज कर देता है आपको यह भी मालूम होना चाहिए कि प्रत्येक वेबसाइट का अपना अलग IP Address होता है जो सभी का अलग-अलग होता है
यही कारण होता है कि आप जिस भी वेबसाइट पर जाना चाहते हैं उसी पर पहुंचते हैं इसके तुरंत बाद ब्राउजर और सर्वर एक दूसरे से कनेक्ट हो जाते हैं तथा आपको जो भी जानकारी प्राप्त करनी होती है उसे बिना देरी किये तुरंत उपलब्ध करा दिया जाता है