अगर आप अपने चारों तरफ नजर घुमाकर देखें तो आपको ऐसे बहुत से लोग मिल जायेगें जिसको अगर कैश की जरूरत हो तो सीधे बैंक से पैसा निकालना ज्यादा सुरक्षित समझते हैं यहाॅॅ तक कि कुछ लोग तो ऐसे भी हैं जिन्होनेंं अभी तक एटीएम कार्ड बनवा तो लिया लेकिन कभी इस्तेमाल नहीं किया, उन लोगों के लिये Cashless Payment सिस्टम को अपनाना कितना सहज होगा, ये तो समय ही बतायेगा, लेकिन Cashless Payment को हम सुरक्षित तो बना ही सकते हैं, लेकिन ऐसा तभी होगा जब हम इसके प्रति जागरूक हों – आईये जानें कि डिजिटल भुगतान को ऐसे रखें सुरक्षित – How Safe Is Cashless Payment –
डिजिटल भुगतान को ऐसे रखें सुरक्षित – How Safe Is Cashless Payment
सबसे पहले जानते हैं कि भारत में सुरक्षित कैशलेस लेने-देन के कौन-कौन से तरीके हैं –
- चैक द्वारा भुगतान – Cheque
- आधार कार्ड अनेबल्ड पेमेंट सिस्टम – Aadhaar Enabled Payment System (AEPS)
- क्रेडिट कार्ड – Credit Cards
- डेेबिट कार्ड – Debit cards
- डिमांड ड्राफ्ट- Demand draft
- ई-वॉलेट – E-Wallet
- गिफ्ट कार्ड- Gift Cards
- नेट बैंकिग – Net banking
- यूपीआई Unified Payment Interface (UPI)
- यूएएएसडी Unstructured Supplementary Service Data (USSD)
अब इन सभी 10 Payment Methods में केवल चैक (Cheque), डिमांड ड्राफ्ट (Demand draft) ही ऐसेे माध्यम हैं जिसके लिये आपको इंटरनेट या मोबाइल की आवश्यकता नहीं हैं बाकी सभी के लिये आपको ऑनलाइन या मोबाइल का उपयोग करना ही होगा। अगर आप कुछ टिप्स अपनायें तो आप अपने डिजिटल भुगतान को सुरक्षित रख सकते हैं –
- अगर आप Net banking यूज करते हैंं तो OPT (वन टाइम पासवर्ड) का प्रयोग करें, जिससे कोई भी ट्रांजेक्शन करने से पहले एक सीक्रेट कोड आपके फोन पर भेजा जायेगा, उसी के बाद ट्रांजेक्शन पूरा होगा। बैंक में मोबाइल नंबर अवश्य रजिस्टर करायें जिससे ट्रांजेक्शन होने पर बैंक द्वारा उसकी सूचना आपके मोबाइल नंबर पर भेजी जा सके।
- कभी भी कमजोर पासवर्ड न बनायें हमेशा Strong Password बनायें।
- अगर जीमेल को अधिक सिक्याेर करने के लिये 2-स्टेप वेरिफिकेशन का यूज करें, जिससे अगर आपका पासवर्ड अगर कोई हैक कर भी लेता है तो उसे खोल नहीं पायेगा।
- पेमेंट कैशलेस के चलते साइबर क्राइम की घटनायें बढती जा रही हैं, हैकर्स आपकी निजी जानकारी को चुराने की फिराक में लगे रहते हैं, यानि सावधानी हटी अौर दुर्घटना घटी, यहॉ भी आपको सतर्क रहने की जरूरत है।
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अगर आप इस प्रकार की साइट का प्रयोग कर रहे है, जहॉ आपकी निजी जानकारी का प्रयोग हो रहा है तो इन बातों पर अवश्य ध्यान दें –
- अपने इन्टरनेट ब्राउजर के एड्रेसबार में यह देखें कि उस साइट पर पता यानी URL “https” के साथ शुरू हो रहा है अथवा नहीं, “https” के अन्त में अक्षर “एस” अर्थ है कि यह साइट सुरक्षित है।
- इसके साथ-साथ& एड्रेसबार में या स्टेटस बार में ताले जैसा प्रतीक चिन्ह दिखाई दे रहा है अथवा नहीं यह भी देखें।
- ज्यादातर एड्रेस बार में जहॉ आप साइट पर पता टाइप करते हो वहॉ “https” और ताले के प्रतीक के साथ साथ हरे रंग की पट्टी दिखाई देती है। इसका अर्थ है कि यह साइट SSL मानक को पूरा करती है और सुरक्षित है।
- ब्राउज़र के नवीनतम संस्करण का प्रयोग करें।
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किसी भी व्यक्ति के साथ अपना एटीएम पिन, अपने एम-पिन या पासवर्ड भूलकर भी शेयर न करें।
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