कम्पाइलर और इंटरप्रेटर में अंतर – Difference Between Interpreter and Compiler

कम्पाइलर(Compiler) और इंटरप्रेटर (Interpreter) दोनों भाषा अनुवादक ( Language Translator ) हैैं और इनका काम उच्च स्तरीय भाषा (High level language) को मशीन भाषा (machine language) में बदलना है लेकिन इनके काम करने का तरीके के आधार पर दोनों में कुछ अंतर भी है तो आईये जानते हैं – कम्पाइलर और इंटरप्रेटर में अंतर – Difference Between Interpreter and Compiler in Hindi
कम्पाइलर और इंटरप्रेटर में अंतर - Difference Between Interpreter and Compiler

कम्पाइलर और इंटरप्रेटर में अंतर – Difference Between Interpreter and Compiler in Hindi

मशीनी भाषा ( Machine language ) के अतिरिक्‍त सभी प्रोग्रामिंग भाषा ( Programming Language ) में 0 और 1 के अलावा अन्‍य अंकाेें और शब्‍दोंं का प्रयोग होता है लेकिन कंप्‍यूटर सीधे इस पढ नहीं पाता है, लेकिन भाषा अनुवादक ( Language Translator ) इन अंकों और शब्‍दों को मशीनी भाषा अथवा बायनरी अंकों में बदल देता है ताकि कंप्‍यूटर इस आसानी से पढ सके और प्रोग्राम के अनुसार काम कर सके – 


कम्पाइलर (Compiler)  इंटरप्रेटर (Interpreter)
1 प्रोग्राम के पूूरे सोर्सकोड को एक साथ अनुवाद करता है एक बार में एक लाइन का अनुवाद करता है
2
सारे एरर बाद में बताता है  हर लाइन का एरर बताता है और एरर ठीक होने के बाद ही दूसरी लाइन पर आता है
3
अनुवाद करने में कम समय लेता है
अनुवाद करने में ज्‍यादा समय लेता है
4
प्रोग्राम में एरर की संभावना रहती है 
किसी प्रकार के एरर की संभावना नहीं रहती है

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